जुलाई 19, 2025 1:15 पूर्वाह्न

तमिलनाडु की एआई निगरानी प्रणाली ने हाथियों को ट्रेन हादसों से बचाया

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Tamil Nadu’s AI Surveillance System Saves Elephants from Train Collisions

जब तकनीक और प्रकृति का हुआ मिलन

तमिलनाडु की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित निगरानी प्रणाली, जो फरवरी 2024 में शुरू की गई, ने अब तक एक भी हाथी की ट्रेन से मौत नहीं होने दी। यह प्रणाली उच्च जोखिम वाले पलक्कड़कोयंबटूर रेलवे खंड पर स्थापित की गई है और थर्मल कैमरा तथा मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करती है, जिससे वास्तविक समय में हाथियों का पता चल जाता है। अब तक 2,500 से अधिक सुरक्षित पार, और हजारों जानेंमानव और पशुबचाई जा चुकी हैं

हाथियों को क्यों था खतरा?

पश्चिमी घाट, जो एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है, वहीं यह हाथियों का मौसमी प्रवास मार्ग भी है, जो नीलगिरी, सत्यमंगलम और केरल के वन क्षेत्रों के बीच आता-जाता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और भूमि विकास के कारण पारंपरिक हाथी गलियारों में बाधा रही थीकोयंबटूर वन प्रभाग ने इस रेलवे खंड को हाथियों के लिए मृत्युजाल के रूप में चिह्नित किया था, जहाँ अक्सर दुर्घटनाएं होती थीं।

एआई निगरानी प्रणाली के भीतर की प्रक्रिया

₹7.24 करोड़ की लागत से स्थापित इस प्रणाली में, लगभग एक दर्जन थर्मल कैमरे रणनीतिक स्थानों पर लगाए गए हैं। ये कैमरे 24 घंटे चालू रहते हैं और संकेत स्थानीय प्रशिक्षित युवाओं द्वारा संचालित कमांड सेंटर को भेजते हैं। जैसे ही कोई हाथी पटरी से 100 फीट के भीतर आता है, ट्रेन चालकों को तत्काल चेतावनी भेजी जाती है ताकि वे ट्रेन को धीमा कर सकें या रोक सकें। अब तक इस प्रणाली ने 5,000 से अधिक संभावित टकरावों को टाल दिया है

आज की सफलता, कल की बड़ी योजना

इस प्रणाली की शुरुआत के बाद से अब तक कोई भी हाथी की मृत्यु नहीं हुई, जो उन क्षेत्रों के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है जहाँ पहले लगातार हादसे होते थे। इस सफलता को देखते हुए, तमिलनाडु सरकार अब इसे होसूर, धर्मपुरी और अन्य दो क्षेत्रों में भी विस्तार देने की योजना बना रही है, जहाँ हाथियों की आवाजाही होती है। यह कदम मानवपशु संघर्ष को कम करने के प्रयासों को और मज़बूती देगा।

वन्यजीव संरक्षण का नया युग

यह पहल सिर्फ हाथियों को बचाने तक सीमित नहीं है—बल्कि यह भारत में वन्यजीव संरक्षण की नई परिभाषा पेश करती है। इसने साबित कर दिया कि आधुनिक तकनीक, वन अधिकारी, स्थानीय समुदाय और रेलवे सेवा एक साथ मिलकर लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा कर सकते हैं। तमिलनाडु ने यह दिखा दिया है कि डेटासंचालित निगरानी और त्वरित मानवीय प्रतिक्रिया के संयोजन से, प्रगति को रोके बिना पर्यावरण की रक्षा संभव है।

STATIC GK SNAPSHOT FOR EXAMS (हिंदी में)

विषय विवरण
एआई हाथी सुरक्षा परियोजना की शुरुआत फरवरी 2024
प्रभावित राज्य और क्षेत्र तमिलनाडु (पलक्कड़–कोयंबटूर खंड)
कुल लागत ₹7.24 करोड़
प्रमुख तकनीक थर्मल कैमरे, एआई-सक्षम चेतावनियाँ
अब तक जारी चेतावनियाँ 5,000+
सफल हाथी पार लगभग 2,500
योजना का विस्तार होसूर, धर्मपुरी और अन्य 2 क्षेत्र
संबंधित वन प्रभाग कोयंबटूर वन प्रभाग
Tamil Nadu’s AI Surveillance System Saves Elephants from Train Collisions
  1. तमिलनाडु ने फरवरी 2024 में एआई निगरानी प्रणाली शुरू की।
  2. इसे रेल की पटरियों पर हाथियों की मौत को कम करने के लिए लागू किया गया।
  3. यह प्रणाली पालक्काड–कोयंबटूर रेलवे खंड पर कार्य करती है।
  4. इसके शुभारंभ के बाद से2,500 से अधिक हाथियों ने सुरक्षित मार्ग पार किया
  5. थर्मल कैमरे और एआई एल्गोरिदम हाथियों की गतिविधियों का पता लगाते हैं।
  6. कैमरे जंगल गलियारों में उच्च जोखिम वाले स्थानों पर लगाए गए हैं।
  7. जब हाथी पटरी से 100 फीट के भीतर होते हैं तो सतर्कता संदेश भेजा जाता है।
  8. ट्रेन ऑपरेटरों को रीयल-टाइम चेतावनी मिलती है ताकि वे ट्रेन धीमी या रोक सकें।
  9. प्रणाली को एक केंद्रीय नियंत्रण केंद्र द्वारा संचालित किया जाता है।
  10. स्थानीय प्रशिक्षित युवा निगरानी केंद्र के संचालन में सहायता करते हैं।
  11. इस परियोजना में₹7.24 करोड़ का निवेश किया गया।
  12. यह क्षेत्र पश्चिमी घाट हाथी गलियारे का हिस्सा है।
  13. ये गलियारे नीलगिरी, सत्यमंगलम और केरल के जंगलों को जोड़ते हैं।
  14. कोयंबटूर वन प्रभाग ने इस पहल का नेतृत्व किया।
  15. पहले इस मार्ग पर हाथी-ट्रेन टक्कर की घटनाएं सामान्य थीं।
  16. प्रणाली लागू होने के बाद से एक भी हाथी की मौत नहीं हुई है।
  17. अब यह परियोजना होसुर, धर्मपुरी और दो अन्य क्षेत्रों में विस्तारित होगी।
  18. यह पहल मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने का हिस्सा है।
  19. यह प्रणाली भारत के लिए एक तकनीक आधारित संरक्षण मॉडल है।
  20. अन्य राज्य भी इसे दोहराने योग्य वन्यजीव सुरक्षा समाधान के रूप में अपना सकते हैं।

Q1. तमिलनाडु की एआई-आधारित हाथी निगरानी प्रणाली को सबसे पहले कहाँ लागू किया गया था?


Q2. हाथी सुरक्षा प्रणाली में मुख्य तकनीक कौन-सी है?


Q3. तमिलनाडु सरकार ने हाथी सुरक्षा परियोजना में कितनी राशि का निवेश किया?


Q4. प्रणाली के लागू होने के बाद कितनी सुरक्षित हाथी पारियाँ दर्ज की गईं?


Q5. किस वन प्रभाग को एआई निगरानी प्रणाली के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है?


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