आरबीआई के रणनीतिक विभागों को मिला सशक्त नेतृत्व
3 मार्च 2025 को, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डॉ. अजीत रत्नाकर जोशी को नया कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है। उन्हें सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग (DSIM) और वित्तीय स्थिरता विभाग का प्रभार सौंपा गया है। ये दोनों विभाग भारत की वित्तीय प्रणाली की मजबूती और नीतिगत संरचना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जिससे यह नियुक्ति RBI की कार्यकारी टीम में एक अहम जोड़ बन गई है।
आंकड़ों, तकनीक और नीतियों का गहरा अनुभव
बैंकिंग तकनीक, सांख्यिकी प्रणाली और साइबर जोखिम प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले डॉ. जोशी इस दोहरी जिम्मेदारी के लिए पूर्णतः उपयुक्त हैं। इससे पहले, वे DSIM के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्यरत थे, जहाँ उन्होंने डेटा शासन और विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आर्थिक डेटा और बैंकिंग सुधारों से जुड़ी कई महत्त्वपूर्ण समितियों में योगदान दिया है। इसके अलावा, वे IDRBT (हैदराबाद) में शिक्षण कार्य भी कर चुके हैं, जहाँ उन्होंने बैंकिंग पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
शैक्षणिक योग्यता और व्यावसायिक विशेषज्ञता
डॉ. जोशी ने नागपुर विश्वविद्यालय से सांख्यिकी में एम.एससी. और IIT मद्रास से मौद्रिक अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने दिल्ली स्थित आर्थिक विकास संस्थान (IEG) से विकास नीति और नियोजन में डिप्लोमा भी किया है। इसके अतिरिक्त, वे भारतीय बैंकर संस्थान के प्रमाणित सदस्य (CAIIB) भी हैं। उनकी यह शैक्षणिक और व्यावहारिक विशेषज्ञता, उन्हें RBI के उच्च नेतृत्व के लिए एक मजबूत स्तंभ बनाती है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
नाम | डॉ. अजीत रत्नाकर जोशी |
नियुक्ति पद | कार्यकारी निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक |
नियुक्ति तिथि | 3 मार्च 2025 |
देखरेख विभाग | DSIM और वित्तीय स्थिरता विभाग |
पूर्व पद | प्रधान सलाहकार, DSIM |
शैक्षणिक योग्यता | एम.एससी. (सांख्यिकी) – नागपुर विश्वविद्यालय, पीएचडी (अर्थशास्त्र) – IIT मद्रास |
अतिरिक्त प्रमाणपत्र | CAIIB, विकास नीति डिप्लोमा – IEG दिल्ली |
शिक्षण पृष्ठभूमि | पूर्व फैकल्टी, IDRBT हैदराबाद |
विशेषज्ञता क्षेत्र | बैंकिंग तकनीक, मौद्रिक अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, साइबर जोखिम प्रबंधन |