भारत की वायु श्रेष्ठता में नया मानदंड
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने अपनी अगली पीढ़ी की एयर–टू–एयर मिसाइल को आधिकारिक रूप से गाण्डीव नाम दिया है। यह बियॉन्ड विज़ुअल रेंज (BVR) युद्ध क्षमता वाली मिसाइल है, जिसकी अधिकतम मारक क्षमता उच्च ऊंचाई पर 340 किमी और निम्न ऊंचाई पर 190 किमी तक है। ड्यूल–फ्यूल डक्टेड रामजेट इंजन से युक्त यह मिसाइल विभिन्न ऊंचाइयों से लांच की जा सकती है, जिससे भारत को हवाई युद्ध में निर्णायक बढ़त मिलती है।
वैश्विक तुलना में भारत की बढ़त
गाण्डीव की मारक क्षमता और लचीलापन, इसे दुनिया की प्रमुख मिसाइलों से बेहतर बनाते हैं। भारत की वर्तमान शीर्ष BVR मिसाइल, फ्रांसीसी MBDA मेटेओर, 200 किमी तक जाती है, जबकि चीनी PL-15 की सीमा 300 किमी और अमेरिकी AIM-174 की 240 किमी है। गाण्डीव की 340 किमी की रेंज इसे वैश्विक मानकों में अग्रणी बनाती है। यह लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों जैसे हवाई खतरों को नष्ट कर सकती है, जिससे दक्षिण एशिया की सैन्य संतुलन स्थिति में बदलाव की संभावना बनती है।
स्वदेशी तैनाती और एकीकरण
गाण्डीव को भारतीय वायुसेना के सुखोई Su-30MKI और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस में एकीकृत किया जा रहा है। प्रारंभिक परीक्षणों में जमीन और हवा में सफल परिणाम देखे गए हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर गाण्डीव की तैनाती भारत की दीर्घ दूरी की रोकथाम और प्री–एम्प्टिव स्ट्राइक क्षमताओं को काफी बढ़ा देगी।
रक्षा निर्यात और आत्मनिर्भरता में वृद्धि
FY 2023-24 में भारत के रक्षा निर्यात ₹21,083 करोड़ तक पहुँच गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 32.5% अधिक है। इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी 60% रही। रक्षा मंत्रालय ने 2029 तक ₹50,000 करोड़ के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए Positive Indigenisation List को 346 वस्तुओं तक विस्तारित किया गया है। इस वर्ष भारत का रक्षा उत्पादन ₹1.26 लाख करोड़ तक पहुँच गया, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों की भूमिका प्रमुख रही।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
मिसाइल का नाम | गाण्डीव |
विकसित करने वाला संगठन | डीआरडीओ (भारत) |
प्रकार | एयर-टू-एयर BVR मिसाइल |
अधिकतम रेंज | 340 किमी (उच्च ऊंचाई); 190 किमी (निम्न ऊंचाई) |
इंजन तकनीक | ड्यूल-फ्यूल डक्टेड रामजेट |
तैनाती प्लेटफॉर्म | सुखोई Su-30MKI, तेजस |
तुलनात्मक मिसाइलें | मेटेओर (फ्रांस – 200 किमी), PL-15 (चीन – 300 किमी) |
रक्षा निर्यात (2023–24) | ₹21,083 करोड़ (वृद्धि 32.5%) |
रक्षा उत्पादन (2023–24) | ₹1,26,887 करोड़ (वृद्धि 16.7%) |
पॉजिटिव इंडिजेनाइजेशन सूची | 346 वस्तुएँ |