जुलाई 18, 2025 8:19 पूर्वाह्न

डिजिटल इंडिया के 11 वर्ष: एक तकनीकी क्रांति जिसने अंतिम व्यक्ति को सशक्त किया

करेंट अफेयर्स: डिजिटल इंडिया वर्षगांठ 2025, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण डीबीटी 2025, आधार डिजिटल पहचान 2025, उमंग ऐप गवर्नेंस सेवाएं, डिजिलॉकर सेवाएं भारत, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान, जीवन प्रमाण पेंशन योजना, पेपरलेस गवर्नेंस इंडिया, ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता, डिजिटल इंडिया मिशन उपलब्धियां

11 Years of Digital India A Tech Revolution Empowering the Poorest

प्रौद्योगिकी के ज़रिए शासन में परिवर्तन

जून 2025 में भारत डिजिटल इंडिया पहल के 11 वर्ष पूरे कर रहा है—एक ऐसा मिशन जिसने शासन की जड़ तक पहुँच को बदल दिया। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना केवल तकनीक या ऐप्स तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका मूल उद्देश्य था कि सबसे गरीब नागरिक भी सरकारी सेवाओं तक बिना लाइन में लगे, बिना दलालों के पहुंच सके। आज इस डिजिटल संरचना ने पारदर्शी, तेज़ और सरल कल्याण वितरण प्रणाली का निर्माण किया है, जिससे गांवों के बुज़ुर्गों से लेकर शहरों के छात्रों तक सभी को फायदा हुआ है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने कल्याण वितरण को तेज़ किया

DBT प्रणाली डिजिटल इंडिया की सबसे असरदार उपलब्धियों में से है। इसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाता है। अब तक ₹44 लाख करोड़ सीधे भेजे गए हैं, जिससे दलालों और लीक को रोका गया है। 56 मंत्रालयों की 322 योजनाएं DBT से जुड़ी हैं, और इससे ₹3.48 लाख करोड़ की बचत हुई है। बीते दशक में DBT का उपयोग 90 गुना बढ़ा है—यह सार्वजनिक वित्त में दक्षता की मिसाल है।

आधार: डिजिटल संरचना की रीढ़

140 करोड़ से अधिक भारतीयों को दिया गया आधार नंबर अब रोज़मर्रा की ज़रूरतों का हिस्सा बन गया है—चाहे वह बैंक खाता खोलना हो, सब्सिडी लेना हो या डिजिटल पहचान सत्यापन। अब तक 150 अरब से अधिक आधार आधारित लेनदेन हो चुके हैं, जो इसे विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल पहचान प्रणाली बनाता है।

डिजीलॉकर: कागज़ रहित प्रमाणपत्र

डिजीलॉकर एक डिजिटल ब्रीफकेस की तरह है, जहां पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शैक्षिक प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ डिजिटल रूप से सुरक्षित रहते हैं। 52 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता अब तक 852 करोड़ दस्तावेज़ एक्सेस कर चुके हैं। इससे कागज़ की बचत होती है और जीवन आसान बनता है—सरकारी संस्थान अब डिजिटल प्रमाणपत्र को वैध मानते हैं।

पेंशनर्स को राहत: जीवन प्रमाण

पहले वरिष्ठ नागरिकों को बैंक जाकर जीवन प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता था। अब वे डिजिटल तरीके से प्रमाणपत्र अपलोड कर सकते हैं। 10 करोड़ से अधिक पेंशनर्स इस योजना से जुड़ चुके हैं। नवंबर 2024 से 143 लाख प्रमाणपत्र घर बैठे डिजिटल रूप से जमा हुए हैं, जिससे बुज़ुर्गों को बहुत राहत मिली है।

उमंग ऐप: एक मंच, हजारों सेवाएँ

UMANG ऐप ने 2,000 से अधिक सरकारी सेवाओं को एक मंच पर ला दिया है—पासपोर्ट आवेदन से लेकर बिजली बिल भुगतान और परीक्षा परिणाम देखने तक। अब तक 8.21 करोड़ उपयोगकर्ताओं ने 597 करोड़ से अधिक लेनदेन किए हैं, जो इसकी व्यापक लोकप्रियता को दर्शाता है।

ग्रामीण भारत का डिजिटल सशक्तिकरण

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) का लक्ष्य 6 करोड़ ग्रामीणों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना है। यह कार्यक्रम शहर और गांव के बीच की डिजिटल खाई को पाटने में मदद कर रहा है और फोन, ऐप्स और ऑनलाइन सेवाओं के उपयोग का प्रशिक्षण दे रहा है। यह भारत के संविधान के निर्देशक सिद्धांतों के अनुरूप समान अवसर का प्रसार है।

Static Usthadian Current Affairs Table

प्रमुख विषय आँकड़े / जानकारी
डिजिटल इंडिया की शुरुआत वर्ष 2015
शुरुआत करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी
कुल DBT राशि ₹44 लाख करोड़
आधार धारक 140+ करोड़ नागरिक
डिजीलॉकर उपयोगकर्ता 52 करोड़
UMANG ऐप सेवाएँ 2,000+
ग्रामीण डिजिटल साक्षरता लक्ष्य 6 करोड़ व्यक्ति
जीवन प्रमाण से जुड़े पेंशनर्स 10 करोड़+
आधार आधारित लेन-देन 150 अरब+
DBT से जुड़ी योजनाएं 322 योजनाएं, 56 मंत्रालयों के अंतर्गत
11 Years of Digital India A Tech Revolution Empowering the Poorest
  1. डिजिटल इंडिया की शुरुआत 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है।
  2. यह पहल सरकारी सेवाओं को नागरिकों की उंगलियों तक पहुंचाने का कार्य करती है, विशेष रूप से गरीब वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए।
  3. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से अब तक ₹44 लाख करोड़ से अधिक राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी जा चुकी है।
  4. DBT ने लीकेज को कम किया, जिससे सरकार ने पिछले दशक में ₹3.48 लाख करोड़ की बचत की।
  5. 56 मंत्रालयों की 322 योजनाएं अब DBT से जुड़ी हैं, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है।
  6. शुरुआत से अब तक DBT का उपयोग 90 गुना बढ़ा है, जिससे लोक वित्त प्रणाली सरल बनी है।
  7. 140 करोड़ से अधिक आधार कार्ड विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल पहचान प्रणाली का हिस्सा हैं।
  8. आधार से त्वरित ऑनलाइन पहचान सत्यापन संभव होता है, जिससे सेवा वितरण अधिक तेज़ और सुरक्षित हुआ है।
  9. अब तक 150 अरब से अधिक आधार लेनदेन हो चुके हैं, जो डिजिटल शासन को आगे बढ़ाते हैं।
  10. डिजिलॉकर के 52 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जिसमें 852 करोड़+ डिजिटल दस्तावेज संग्रहित हैं।
  11. यह कागज़ रहित और पारदर्शी प्रशासन को बढ़ावा देता है, जिससे विभिन्न विभागों का कार्य आसान होता है।
  12. जीवन प्रमाण से पेंशनभोगी घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
  13. नवंबर 2024 से अब तक 143 लाख जीवन प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से अपलोड किए गए हैं।
  14. 10 करोड़+ पेंशनभोगी जीवन प्रमाण की सुविधाजनक सेवा का लाभ ले चुके हैं।
  15. UMANG ऐप पर 2000+ सरकारी सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।
  16. UMANG ने अब तक 597 करोड़ से अधिक लेनदेन और 21 करोड़ उपयोगकर्ता दर्ज किए हैं।
  17. प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) का लक्ष्य 6 करोड़ ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल साक्षर बनाना है।
  18. यह पहल शहरीग्रामीण डिजिटल खाई को पाटती है और समान अवसर प्रदान करती है।
  19. डिजिटल इंडिया पेपरलेस, फेसलेस और कैशलैस गवर्नेंस को बढ़ावा देता है।
  20. 11 वर्षों में, डिजिटल इंडिया एक समावेशी, तकनीकआधारित शासन का प्रतीक बन चुका है।

Q1. डिजिटल इंडिया पहल कब शुरू की गई थी?


Q2. जून 2025 तक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से कुल कितनी राशि हस्तांतरित की गई है?


Q3. डिजिटल इंडिया के तहत 2,000 से अधिक सरकारी सेवाओं की पहुंच किस मोबाइल ऐप के माध्यम से मिलती है?


Q4. डिजीलॉकर प्लेटफ़ॉर्म का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q5. डिजिटल इंडिया के तहत पीएमजीदिशा (PMGDISHA) कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?


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Daily Current Affairs June 15

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