भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की ऊँची उड़ान
14 जनवरी 2025 को भारतीय स्टार्टअप डिगांतारा ने SCOT (स्पेस कैमरा फॉर ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग) उपग्रह का सफल प्रक्षेपण कर भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ा। यह केवल एक साधारण उपग्रह नहीं था—यह मिशन भारत के निजी क्षेत्र के लिए एक निर्णायक क्षण था, जो अब विश्व स्तरीय तकनीकों में प्रतिस्पर्धा कर रहा है। SCOT का उद्देश्य अंतरिक्ष मलबे से उपग्रहों की रक्षा करना और निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में 5 सेमी तक के छोटे-से-छोटे वस्तुओं की निगरानी करना है।
SCOT को विशेष क्या बनाता है?
SCOT उपग्रह का मुख्य कार्य Resident Space Objects (RSOs) की निगरानी करना है। 5 सेमी जितने छोटे मलबे का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वे भी कार्यशील उपग्रहों को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं। यह दुनिया के पहले वाणिज्यिक SSA उपग्रहों में से एक है, जो पृथ्वी की कक्षा में वस्तुओं की सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ाने के लिए उच्च-परिशुद्धता प्रौद्योगिकी से लैस है।
एक ऐतिहासिक प्रक्षेपण: स्पेसX के साथ सहयोग
SCOT को स्पेसX के ट्रांसपोर्टर-12 रॉकेट द्वारा कैलिफ़ोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण के तुरंत बाद उपग्रह ने जमीनी स्टेशन से संपर्क स्थापित कर लिया। यह बताता है कि भारतीय स्टार्टअप अब वैश्विक एजेंसियों के साथ कदम से कदम मिला रहे हैं।
कक्षा पर नजर: SCOT का महत्व
SCOT एक सूर्य–समकालिक कक्षा में कार्य करता है, जिससे इसे निरंतर प्रकाश की स्थिति प्राप्त होती है—जो निगरानी के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इससे SCOT को उन प्रणालियों पर बढ़त मिलती है जो केवल सीमित दृश्यता पर निर्भर होती हैं। इस उपग्रह से रिविज़िट रेट (object को कितनी बार देखा गया) भी बढ़ेगा, जो ट्रैकिंग सटीकता के लिए महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक समर्थन
SCOT मिशन केवल वैज्ञानिक नहीं बल्कि रणनीतिक भी है। आदित्य बिड़ला वेंचर्स और SIDBI जैसे प्रमुख निवेशकों द्वारा समर्थित यह मिशन दर्शाता है कि अब अंतरिक्ष सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता माना जा रहा है। सरकार संचार, मौसम, और सैन्य उपग्रहों की रक्षा के लिए ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहन दे रही है।
मान्यता और व्यापक प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के लिए डिगांतारा को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। यह नेशनल स्टार्टअप डे के अवसर पर हुआ, जो दर्शाता है कि अंतरिक्ष नवाचार में निजी क्षेत्र की भूमिका अब अहम होती जा रही है। इसी मिशन में एक अन्य भारतीय कंपनी पिक्सेल ने भी 3 उपग्रह प्रक्षेपित किए—जो भारत के स्टार्टअप क्षेत्र की वैश्विक प्रगति को रेखांकित करता है।
Static GK Snapshot
विषय | तथ्य |
मिशन नाम | SCOT (Space Camera for Object Tracking) |
संगठन | डिगांतारा (भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप) |
प्रक्षेपण तिथि | 14 जनवरी 2025 |
प्रक्षेपण वाहन | SpaceX Transporter-12 (वैंडनबर्ग, USA) |
कक्षा | सूर्य-समकालिक कक्षा |
प्रमुख क्षमता | 5 सेमी तक की वस्तुओं को LEO में ट्रैक करना |
क्षेत्र | अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता (SSA) |
फंडिंग साझेदार | आदित्य बिड़ला वेंचर्स, SIDBI |
अन्य स्टार्टअप | पिक्सेल (एक ही मिशन में 3 Firefly उपग्रह) |