जुलाई 20, 2025 12:53 अपराह्न

ज्ञानोदय: शैक्षणिक परिवर्तन की दिशा में आईआईएम कोझिकोड का एक कदम

समसामयिक विषय: ज्ञानोदय, आईआईएम कोझिकोड, शैक्षणिक नवाचार केंद्र, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, विजन 2047, भारतीय ज्ञान प्रणालियाँ, शिक्षण उत्कृष्टता, पंडुलिपि मंच, समावेशी शिक्षाशास्त्र, वैश्विक ज्ञान विनिमय

Gyanodaya IIM Kozhikode’s Step Towards Pedagogical Transformation

आईआईएम कोझिकोड की नई शैक्षणिक दृष्टि

भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझिकोड (IIM Kozhikode) ने ज्ञानोदयसेंटर फॉर पेडागॉजिकल इनोवेशन एंड पब्लिशिंग नामक एक अग्रणी केंद्र की स्थापना की है।
यह केंद्र प्रबंधन शिक्षा की पढ़ाई और उसके वितरण के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दिशा में एक प्रमुख कदम है।
ज्ञानोदय, विज़न 2047 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप वैश्विक दृष्टिकोण वाले, लेकिन सांस्कृतिक रूप से संदर्भित शिक्षण मॉडल विकसित करने की दिशा में अग्रसर है।

ज्ञानोदय की मूल भावना

इस पहल का उद्देश्य केवल शैक्षणिक सामग्री तैयार करना नहीं, बल्कि ऐसी मूल और समीक्षित सामग्री बनाना है जो आधुनिक शिक्षण विधियों और भारतीय ज्ञान परंपराओं को समाहित करती हो।
यह केंद्र छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों के बीच सहयोगात्मक नवाचार और ज्ञान साझा करने की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

प्रमुख उद्देश्य और सुविधाएं

ज्ञानोदय चार मूल उद्देश्यों पर केंद्रित है:

  • उच्च गुणवत्ता वाली अकादमिक सामग्री का विकास
  • शिक्षण विधियों में नवाचार और सहयोग
  • लेखकों, छात्रों, और अकादमिक संस्थाओं के लिए मूल्य निर्माण
  • शिक्षण अनुसंधान और संवाद का वैश्विक मंच बनना

प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • 30+ ओरिजिनल केस स्टडीज (व्याख्यात्मक नोट्स सहित)
  • IIMK फैकल्टी द्वारा लिखित पुस्तकें और शोध प्रकाशन
  • तीन विशिष्ट शिक्षण मॉडल
  • पांडुलिपि नामक देशज प्लेटफॉर्म द्वारा समीक्षित सामग्री का वितरण

Static GK तथ्य: IIM कोझिकोड की स्थापना 1996 में शिक्षा मंत्रालय के अधीन की गई थी और यह भारत के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक है।

भारतीय और वैश्विक ज्ञान का समन्वय

ज्ञानोदय की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह भारतीय परंपरागत ज्ञान को वैश्विक शिक्षाशास्त्र के साथ जोड़ता है, जो NEP 2020 की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी शिक्षा की भावना को समर्थन देता है।
यह केंद्र अब अंतरराष्ट्रीय शिक्षण समुदाय को भी भारतीय दृष्टिकोण से परिचित करा रहा है।

प्रारंभिक प्रभाव और भविष्य की दिशा

ज्ञानोदय ने कम समय में ही शैक्षणिक सामग्री की गुणवत्ता सुधारने और संस्थागत सहयोग बढ़ाने में भूमिका निभानी शुरू कर दी है।
यह पहल परंपरा और नवाचार के बीच एक पुल का कार्य कर रही है, जिससे भारत का वैश्विक शिक्षा मंच पर योगदान और भी मजबूत हुआ है।
Static GK टिप: ‘ज्ञानोदय’ का अर्थ है ज्ञान का उदय, जो इस केंद्र के ज्ञान जागरण और प्रसार के लक्ष्य को दर्शाता है।

 Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
शुरू करने वाला संस्थान भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोझिकोड (IIMK)
पहल का नाम ज्ञानोदय – शिक्षण नवाचार और प्रकाशन केंद्र
स्थापना वर्ष 2025
नीति सम्बंध राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020
दीर्घकालिक दृष्टिकोण विज़न 2047
मूल प्लेटफॉर्म पांडुलिपि (देशी मैन्युस्क्रिप्ट प्रणाली)
प्रमुख क्षेत्र नवाचारयुक्त शिक्षण, समीक्षित प्रकाशन, ज्ञान समावेश
प्रमुख प्रकाशन 30+ केस स्टडी, 3 शिक्षण मॉडल, फैकल्टी प्रकाशन
सांस्कृतिक दृष्टिकोण भारतीय ज्ञान प्रणाली का समावेश
प्रभाव क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन शिक्षा
Gyanodaya IIM Kozhikode’s Step Towards Pedagogical Transformation
  1. आईआईएम कोझिकोड ने ज्ञानोदय – शैक्षणिक नवाचार केंद्र का शुभारंभ किया।
  2. ज्ञानोदय विज़न 2047 और एनईपी 2020 के अनुरूप है।
  3. शिक्षण नवाचार, सामग्री प्रकाशन और शैक्षणिक अनुसंधान पर केंद्रित है।
  4. पंडुलिपी प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सहकर्मी-समीक्षित शैक्षिक सामग्री को बढ़ावा देता है।
  5. पंडुलिपी एक स्वदेशी पांडुलिपि प्रणाली है।
  6. 30 से अधिक केस स्टडी और 3 शैक्षणिक मॉडल विकसित किए गए हैं।
  7. भारतीय ज्ञान प्रणालियों को वैश्विक शिक्षा के साथ एकीकृत करने का लक्ष्य।
  8. आईआईएम कोझिकोड की स्थापना 1996 में हुई थी।
  9. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित होता है।
  10. सामग्री निर्माण में संकाय-छात्र सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
  11. समावेशी शिक्षाशास्त्र के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  12. संकाय और शोधकर्ताओं द्वारा मौलिक प्रकाशन को समर्थन प्रदान करता है।
  13. प्रबंधन शिक्षा में शिक्षण उत्कृष्टता को बढ़ाता है।
  14. भारतीय शिक्षा जगत को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ता है।
  15. शिक्षा में भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करता है।
  16. कक्षा शिक्षण से परे शैक्षणिक नवाचार को बढ़ावा देता है।
  17. ‘ज्ञानोदय’ – ज्ञान के उदय के संस्कृत दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है।
  18. पारंपरिक और आधुनिक शिक्षण विधियों के बीच सेतु का काम करता है।
  19. संदर्भ-आधारित शिक्षण अनुभवों की वकालत करता है।
  20. आईआईएम कोझिकोड को एक वैश्विक शैक्षणिक केंद्र के रूप में स्थापित करता है।

Q1. IIM कोझिकोड द्वारा शुरू किए गए नए केंद्र का नाम क्या है?


Q2. ज्ञानोदय पहल किस राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है?


Q3. ज्ञानोदय पहल में 'पांडुलिपि' क्या है?


Q4. IIM कोझिकोड की स्थापना किस वर्ष हुई थी?


Q5. “ज्ञानोदय” शब्द का क्या अर्थ है?


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