जून में मामूली सुधार दर्ज
भारत के कोर सेक्टर ने जून 2025 में 1.7% की सालाना वृद्धि दर्ज की, जो मई 2025 की संशोधित 1.2% वृद्धि से थोड़ी बेहतर रही। हालांकि यह जून 2024 की 5% वृद्धि की तुलना में काफी कम है, जो कि विभिन्न बुनियादी क्षेत्रों में चल रही मंदी को दर्शाता है। फिर भी, यह वृद्धि पिछले तीन महीनों में सबसे अधिक है, जो मुख्य रूप से स्टील, सीमेंट और रिफाइनरी उत्पादों के बेहतर उत्पादन से प्रेरित है।
कोर सेक्टर में कौन-कौन से उद्योग शामिल हैं
Index of Core Industries (ICI) आठ प्रमुख आधारभूत क्षेत्रों की निगरानी करता है: कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली। यह इंडेक्स औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का 40.27% हिस्सा है और इसे हर महीने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
Static GK Fact: IIP की शुरुआत 1937 में हुई थी और यह भारत में औद्योगिक गतिविधियों को मापने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
सेक्टर-वार प्रदर्शन
जून 2025 में आठ में से पाँच क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई:
- कोयला: –6.8%
- कच्चा तेल: –1.2%
- प्राकृतिक गैस: –2.8%
- उर्वरक: –1.2%
- बिजली: –2.8%
ऊर्जा उत्पादन में गिरावट ने कुल प्रदर्शन को कमजोर बनाए रखा।
वहीं, तीन क्षेत्रों में सकारात्मक वृद्धि देखी गई:
- स्टील: +9.3%
- सीमेंट: +9.2%
- रिफाइनरी उत्पाद: +3.4%
इन्हीं क्षेत्रों ने कुल सूचकांक को और नीचे जाने से रोका।
अप्रैल–जून तिमाही की तस्वीर
वित्तीय वर्ष 2025–26 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून) में कोर सेक्टर की वृद्धि सिर्फ 1.3% रही, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 6.2% थी। यह गिरावट व्यापक औद्योगिक कमजोरी का संकेत देती है और इससे GDP, निवेश चक्र और उत्पादन योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
क्यों महत्वपूर्ण है कोर सेक्टर का प्रदर्शन
कोर सेक्टर का आउटपुट औद्योगिक उत्पादन का अग्रणी संकेतक होता है, क्योंकि ये क्षेत्र GDP अनुमानों, RBI की मौद्रिक नीति और निवेशकों के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं। ऊर्जा और उर्वरक क्षेत्र में गिरावट से कृषि और बिजली–आधारित उद्योगों को नुकसान हो सकता है, जबकि स्टील और सीमेंट में वृद्धि से इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन को बल मिलेगा।
आगे की चुनौतियाँ
पाँच क्षेत्रों में गिरावट से कई मुद्दे सामने आए हैं:
- वैश्विक व्यापार तनाव के कारण सप्लाई चेन में बाधा
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की अस्थिर कीमतें
- मानसून में अनिश्चितता के कारण बिजली की कमजोर मांग
- उर्वरक क्षेत्र में इनपुट लागत में वृद्धि
Static GK Tip: भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक देश है।
नीतिगत हस्तक्षेप की ज़रूरत हो सकती है ताकि यह औद्योगिक पुनरुद्धार स्थिर और टिकाऊ हो।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
कोर सेक्टर वृद्धि (जून 2025) | 1.7% |
पिछले महीने की वृद्धि | 1.2% (मई 2025, संशोधित) |
जून 2024 की वृद्धि | 5% |
इंडेक्स में शामिल क्षेत्र | 8 आधारभूत क्षेत्र |
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन क्षेत्र | स्टील (+9.3%), सीमेंट (+9.2%) |
सबसे खराब प्रदर्शन क्षेत्र | कोयला (–6.8%) |
IIP में योगदान | 40.27% |
मंत्रालय | वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय |
अप्रैल–जून FY26 वृद्धि | 1.3% |
अप्रैल–जून FY25 वृद्धि | 6.2% |