जुलाई 26, 2025 10:41 पूर्वाह्न

जून 2025 में कोर सेक्टर में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उद्योग जगत से मिले-जुले संकेत

करेंट अफेयर्स: कोर सेक्टर ग्रोथ, कोर इंडस्ट्रीज इंडेक्स, जून 2025, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, बुनियादी ढांचा उत्पादन, कच्चे तेल में गिरावट, इस्पात उत्पादन, सीमेंट वृद्धि, बिजली संकुचन, उर्वरक क्षेत्र

Mixed Signals from Industry as Core Sector Grows 1.7 Percent in June 2025

जून में मामूली सुधार दर्ज

भारत के कोर सेक्टर ने जून 2025 में 1.7% की सालाना वृद्धि दर्ज की, जो मई 2025 की संशोधित 1.2% वृद्धि से थोड़ी बेहतर रही। हालांकि यह जून 2024 की 5% वृद्धि की तुलना में काफी कम है, जो कि विभिन्न बुनियादी क्षेत्रों में चल रही मंदी को दर्शाता है। फिर भी, यह वृद्धि पिछले तीन महीनों में सबसे अधिक है, जो मुख्य रूप से स्टील, सीमेंट और रिफाइनरी उत्पादों के बेहतर उत्पादन से प्रेरित है।

कोर सेक्टर में कौन-कौन से उद्योग शामिल हैं

Index of Core Industries (ICI) आठ प्रमुख आधारभूत क्षेत्रों की निगरानी करता है: कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली। यह इंडेक्स औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का 40.27% हिस्सा है और इसे हर महीने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।

Static GK Fact: IIP की शुरुआत 1937 में हुई थी और यह भारत में औद्योगिक गतिविधियों को मापने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।

सेक्टर-वार प्रदर्शन

जून 2025 में आठ में से पाँच क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई:

  • कोयला: –6.8%
  • कच्चा तेल: –1.2%
  • प्राकृतिक गैस: –2.8%
  • उर्वरक: –1.2%
  • बिजली: –2.8%

ऊर्जा उत्पादन में गिरावट ने कुल प्रदर्शन को कमजोर बनाए रखा।

वहीं, तीन क्षेत्रों में सकारात्मक वृद्धि देखी गई:

  • स्टील: +9.3%
  • सीमेंट: +9.2%
  • रिफाइनरी उत्पाद: +3.4%

इन्हीं क्षेत्रों ने कुल सूचकांक को और नीचे जाने से रोका।

अप्रैल–जून तिमाही की तस्वीर

वित्तीय वर्ष 2025–26 की पहली तिमाही (अप्रैलजून) में कोर सेक्टर की वृद्धि सिर्फ 1.3% रही, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 6.2% थी। यह गिरावट व्यापक औद्योगिक कमजोरी का संकेत देती है और इससे GDP, निवेश चक्र और उत्पादन योजनाओं पर असर पड़ सकता है।

क्यों महत्वपूर्ण है कोर सेक्टर का प्रदर्शन

कोर सेक्टर का आउटपुट औद्योगिक उत्पादन का अग्रणी संकेतक होता है, क्योंकि ये क्षेत्र GDP अनुमानों, RBI की मौद्रिक नीति और निवेशकों के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं। ऊर्जा और उर्वरक क्षेत्र में गिरावट से कृषि और बिजलीआधारित उद्योगों को नुकसान हो सकता है, जबकि स्टील और सीमेंट में वृद्धि से इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन को बल मिलेगा।

आगे की चुनौतियाँ

पाँच क्षेत्रों में गिरावट से कई मुद्दे सामने आए हैं:

  • वैश्विक व्यापार तनाव के कारण सप्लाई चेन में बाधा
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की अस्थिर कीमतें
  • मानसून में अनिश्चितता के कारण बिजली की कमजोर मांग
  • उर्वरक क्षेत्र में इनपुट लागत में वृद्धि

Static GK Tip: भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक देश है।

नीतिगत हस्तक्षेप की ज़रूरत हो सकती है ताकि यह औद्योगिक पुनरुद्धार स्थिर और टिकाऊ हो।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
कोर सेक्टर वृद्धि (जून 2025) 1.7%
पिछले महीने की वृद्धि 1.2% (मई 2025, संशोधित)
जून 2024 की वृद्धि 5%
इंडेक्स में शामिल क्षेत्र 8 आधारभूत क्षेत्र
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन क्षेत्र स्टील (+9.3%), सीमेंट (+9.2%)
सबसे खराब प्रदर्शन क्षेत्र कोयला (–6.8%)
IIP में योगदान 40.27%
मंत्रालय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
अप्रैल–जून FY26 वृद्धि 1.3%
अप्रैल–जून FY25 वृद्धि 6.2%
Mixed Signals from Industry as Core Sector Grows 1.7 Percent in June 2025
  1. भारत का कोर सेक्टर जून 2025 में7% की दर से बढ़ा, जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है।
  2. जून 2024 में 5% की तुलना में वृद्धि कमज़ोर रही।
  3. स्टील (+9.3%), सीमेंट (+9.2%), और रिफाइनरी (+3.4%) में बढ़त दर्ज की गई।
  4. कोयला (-6.8%), बिजली (-2.8%), और प्राकृतिक गैस (-2.8%) में भारी गिरावट आई।
  5. कोर उद्योगों का सूचकांक 8 प्रमुख क्षेत्रों को कवर करता है।
  6. कोर उद्योग आईआईपी का27% हिस्सा बनाते हैं।
  7. ये आँकड़े वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मासिक रूप से जारी किए जाते हैं।
  8. उर्वरक (-1.2%) में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
  9. अप्रैल-जून 2025 की वृद्धि दर केवल3% रही, जो पिछले वर्ष के 6.2% से कम है।
  10. कमज़ोर ऊर्जा उत्पादन जीडीपी और निवेश के लिए चिंता का विषय है।
  11. चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है।
  12. मानसून से जुड़ी बिजली की माँग में अस्थिरता से क्षेत्र का प्रदर्शन प्रभावित होता है।
  13. वैश्विक व्यापार तनाव के कारण आपूर्ति श्रृंखला की समस्याएँ जारी हैं।
  14. कच्चे तेल की अस्थिर कीमतों से औद्योगिक इनपुट लागत पर दबाव पड़ता है।
  15. उर्वरकों में गिरावट से कृषि उत्पादकता को खतरा है।
  16. इस्पात और सीमेंट की वृद्धि से बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को समर्थन मिलता है।
  17. कोर सेक्टर का उत्पादन एक प्रमुख आर्थिक संकेतक है।
  18. कमज़ोर प्रदर्शन आरबीआई के नीतिगत निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।
  19. भारत का आईआईपी 1937 में शुरू किया गया था।
  20. सुधार की गति को बनाए रखने के लिए नीतिगत प्रोत्साहन की आवश्यकता है।

Q1. जून 2025 में कोर सेक्टर की वृद्धि दर क्या रही?


Q2. जून 2025 में किस क्षेत्र में सबसे अधिक सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई?


Q3. कोर इंडस्ट्रीज सूचकांक (ICI) का डेटा कौन-सा मंत्रालय जारी करता है?


Q4. इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में कोर सेक्टर का कितना प्रतिशत वेटेज है?


Q5. निम्नलिखित में से कौन-सा क्षेत्र जून 2025 में संकुचित हुआ?


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