भारत में छात्र आत्महत्याओं में वृद्धि
भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में छात्र आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह निर्णय आईआईटी दिल्ली में हालिया आत्महत्या मामलों के बाद आया, जिससे छात्रों के मानसिक संकट को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न हुई। हाल के वर्षों में 13,000 से अधिक छात्र मौतों की रिपोर्ट सामने आई है, जिनमें शैक्षणिक दबाव, जातीय उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इस स्थिति ने न्यायालय को तत्काल संस्थागत सुधारों की मांग करने के लिए प्रेरित किया।
राष्ट्रीय कार्यबल (NTF) का गठन
इस संकट से निपटने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय कार्यबल (National Task Force – NTF) का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट कर रहे हैं। इस कार्यबल में मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और उच्च शिक्षा के विशेषज्ञ शामिल हैं। इसका कार्य है—कैंपसों का निरीक्षण, आत्महत्या के कारणों की पहचान, और छात्र सुरक्षा ढांचे की समीक्षा। यह टीम अचानक दौरे, छात्रों व स्टाफ से बातचीत, और जमीनी हालात का मूल्यांकन करने के लिए अधिकृत होगी।
भेदभाव और मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस
NTF का कार्यक्षेत्र जातीय भेदभाव जैसी प्रणालीगत समस्याओं तक विस्तृत है, क्योंकि मृत छात्रों के परिवारों ने समुदाय के आधार पर पक्षपात और उपेक्षा के आरोप लगाए हैं। शैक्षणिक दबाव के साथ–साथ, यह भेदभाव छात्रों पर अतिरिक्त मानसिक बोझ डालता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि संस्थान कानूनी और नैतिक रूप से जवाबदेह हैं और उन्हें सुरक्षित व समावेशी वातावरण सुनिश्चित करना होगा। यदि किसी छात्र की मृत्यु में संदेहास्पद परिस्थितियाँ हों, तो पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है।
शैक्षणिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
भारत की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और अंक–केन्द्रित शिक्षा प्रणाली को छात्रों में तनाव का प्रमुख कारण बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा तंत्र में संवेदनशीलता की कमी की आलोचना की और संस्थानों से परीक्षा परिणामों के बजाय छात्र कल्याण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। काउंसलिंग, पीयर सपोर्ट सिस्टम और सक्रिय मानसिक स्वास्थ्य नीतियों में निवेश करने की आवश्यकता बताई गई है। NTF द्वारा पाठ्यक्रम सुधार, शिकायत निवारण प्रणाली, और संरचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT – हिंदी में)
विषय | विवरण |
संबंधित संस्था | भारत का सर्वोच्च न्यायालय |
कार्यबल का नाम | राष्ट्रीय कार्यबल (National Task Force – NTF) |
अध्यक्ष | न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट |
प्रमुख कारण | आईआईटी दिल्ली में छात्र आत्महत्याएं |
हालिया आत्महत्याएं | हाल के वर्षों में 13,000 से अधिक |
समाधान के उद्देश्य | शैक्षणिक दबाव, जातीय भेदभाव, मानसिक स्वास्थ्य की खामियाँ |
पुलिस निर्देश | संदेहास्पद मामलों में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश |
अंतरिम रिपोर्ट की समयसीमा | 4 माह |
अंतिम रिपोर्ट की समयसीमा | 8 माह |
प्रारंभिक सरकारी अनुदान | ₹20 लाख |