INCOIS के शोध से चक्रवात भविष्यवाणी प्रणाली हुई और सटीक
भारत की चक्रवात पूर्वानुमान प्रणाली को नई दिशा मिली है, भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना और सेवा केंद्र (INCOIS) द्वारा हाल ही में किए गए शोध के कारण। इस शोध में पहली बार यह मात्रात्मक रूप से निर्धारित किया गया है कि समुद्री और वायुमंडलीय कारक चक्रवातों की तीव्रता को कैसे प्रभावित करते हैं। इससे भारत के तटीय राज्यों में जलवायु आपदा पूर्व चेतावनी और तैयारी प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में सहायता मिलेगी।
भारत में चक्रवात मौसम और तटीय संवेदनशीलता
भारत के तटवर्ती क्षेत्र वर्ष में दो बार चरम चक्रवात मौसम से प्रभावित होते हैं—अप्रैल से मई और अक्टूबर से दिसंबर। मई और नवंबर के तूफान सामान्यतः सबसे तीव्र होते हैं। जबकि बंगाल की खाड़ी में 75% चक्रवात उत्पन्न होते हैं, अब अरब सागर में भी तीव्र चक्रवातों की संख्या बढ़ रही है। इन तूफानों की त्वरित तीव्रता वृद्धि पूर्वानुमान को चुनौतीपूर्ण बनाती है।
ताउते चक्रवात: अनुसंधान का निर्णायक मोड़
चक्रवात ताउते (मई 2021) को INCOIS अध्ययन का केन्द्रबिंदु माना गया। यह तूफान 220 किमी/घंटा की रफ्तार तक पहुँचा और Barge P305 के डूबने जैसी दुखद घटनाएँ हुईं। इसका मार्ग भारत के पश्चिमी तट से 140 किमी के दायरे में आया। INCOIS ने पाया कि ताउते की तीव्रता में 54% योगदान वायुमंडलीय और 46% समुद्री कारकों का था—यह भारत में पहली बार इस प्रकार का मात्रात्मक विश्लेषण किया गया।
चक्रवातों को तीव्र बनाने वाले मुख्य कारक
INCOIS के अनुसार चक्रवातों की तीव्रता को बढ़ाने वाले प्रमुख तत्व हैं:
मध्य–वायुमंडलीय आर्द्रता, निम्न–स्तरीय वॉर्टिसिटी, वर्टिकल विंड शीयर, और ट्रॉपिकल साइकलोन हीट पोटेंशियल। ताउते से पहले उच्च आर्द्रता और गर्म समुद्री सतह तापमान से संकेत मिले थे कि यह चक्रवात तीव्र रूप लेगा। इस मॉडल को अब ओखी, अम्फान और मोचा जैसे अन्य तूफानों पर लागू कर सत्यापित किया गया है।
भविष्य की पूर्वानुमान प्रणाली और वैश्विक उपयोग
INCOIS अब इन वैज्ञानिक विश्लेषणों को संचालन प्रणाली में शामिल करने हेतु एक पूर्वानुमान टूल विकसित कर रहा है, जिसे भारत मौसम विभाग (IMD) उपयोग करेगा। यह टूल सटीक और तेज़ चेतावनी प्रणाली के माध्यम से भारत की आपदा तैयारियों को बेहतर बनाएगा। इसकी स्केलेबिलिटी इसे अन्य महासागरीय क्षेत्रों में भी लागू करने योग्य बनाती है—वैश्विक जलवायु अनुकूलन में भारत की भूमिका को मज़बूती मिलती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका
पहलु | जानकारी |
प्रमुख संस्था | INCOIS (भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना और सेवा केंद्र) |
अध्ययन आधारित चक्रवात | ताउते (मई 2021) |
चरम चक्रवात मौसम | अप्रैल–मई, अक्टूबर–दिसंबर |
प्रमुख चक्रवात क्षेत्र | बंगाल की खाड़ी (75%) |
प्रमुख निष्कर्ष | वायुमंडलीय (54%) बनाम समुद्री कारक (46%) |
तीव्रता कारक | आर्द्रता, समुद्री ऊष्मा, विंड शीयर, वॉर्टिसिटी |
पूर्वानुमान टूल | INCOIS द्वारा विकसित, IMD के लिए |
सत्यापन हेतु चक्रवात | ओखी, अम्फान, मोचा |