पर्यटन के लिए लचीलापन दिवस क्यों ज़रूरी है
हर साल 17 फरवरी को पूरी दुनिया में ग्लोबल टूरिज्म रेजिलिएंस डे मनाया जाता है ताकि यह समझा जा सके कि यात्रा और पर्यटन उद्योग को संकटों से उबरने की कितनी आवश्यकता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुरू किया था ताकि यह बताया जा सके कि एक मजबूत और अनुकूल पर्यटन क्षेत्र रोज़गार, स्थानीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक सांस्कृतिक आदान–प्रदान के लिए कितना महत्वपूर्ण है। महामारी हो, आर्थिक मंदी या मौसम की मार—पर्यटन को तेज़ी से फिर से पटरी पर आना चाहिए, यही इस दिन का उद्देश्य है।
पर्यटन: वैश्विक विकास की रीढ़
पर्यटन केवल छुट्टियों या घूमने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विकासशील देशों के लिए एक प्रमुख आर्थिक इंजन है। मालदीव, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में लाखों लोगों की आजीविका इससे जुड़ी है। एक स्थिर पर्यटन उद्योग से कर राजस्व, स्थानीय रोज़गार और विदेशी मुद्रा में वृद्धि होती है। साथ ही, सतत पर्यटन (Sustainable Tourism) से SDG लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलती है जैसे कि गरीबी घटाना, रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण।
यह दिन अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी क्यों है
COVID-19 महामारी ने दुनिया को झकझोर दिया और पर्यटन उद्योग एकदम से ठप हो गया। अब, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के चलते यह क्षेत्र और भी अधिक संकटग्रस्त हो गया है। यह दिन सरकारों और व्यवसायों को आपदा तैयारी, टिकाऊ योजनाओं और विविधिकरण की ओर प्रेरित करता है, ताकि पर्यटन क्षेत्र भविष्य में भी टिक सके।
वैश्विक गतिविधियाँ और संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी
इस दिन को चिन्हित करने के लिए दुनियाभर में सम्मेलन, कार्यशालाएँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं। 2025 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक प्रमुख चर्चा में पर्यटन में जलवायु कार्रवाई पर ज़ोर दिया गया। इसमें देशों से आग्रह किया गया कि वे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दें, जलवायु–लचीला ढांचा विकसित करें और कम–उत्सर्जन यात्रा विकल्पों को अपनाएं।
सरकारों और हितधारकों की साझी ज़िम्मेदारी
लचीलापन निर्माण केवल किसी एक पक्ष का कार्य नहीं है। सरकारों, पर्यटन संचालकों, एयरलाइनों और स्थानीय समुदायों को मिलकर काम करना होगा। भारत ने पूर्वोत्तर राज्यों में ईको–टूरिज्म को बढ़ावा देना शुरू किया है, जिससे जंगलों के पास बसे गांव आय के स्रोत बन रहे हैं। वहीं, जमैका, जिसने इस दिन का प्रस्ताव दिया था, अब जलवायु–प्रूफ पर्यटन मॉडल बना रहा है जिससे अन्य देश भी सीख सकते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT: ग्लोबल टूरिज्म रेजिलिएंस डे 2025
विषय | विवरण |
दिवस की तिथि | 17 फरवरी (हर वर्ष) |
स्थापना संस्था | संयुक्त राष्ट्र महासभा |
प्रथम प्रस्तावक देश | जमैका |
प्रमुख उद्देश्य | पर्यटन क्षेत्र की लचीलापन और अनुकूलन क्षमता को मजबूत बनाना |
संबद्ध SDGs | गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, पर्यावरण संरक्षण |
2025 की थीम | पर्यटन में जलवायु कार्रवाई |
भारत की भूमिका | ईको-टूरिज्म, घरेलू पर्यटन और हरित अवसंरचना को बढ़ावा देना |
वैश्विक भागीदारी | संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश, निजी क्षेत्र, पर्यटन बोर्ड |
प्रमुख चुनौती | महामारी से उबरना, जलवायु अनुकूलन |
UN की भागीदारी | सम्मेलन, नीति संवाद, सतत पर्यटन मॉडल |