ग्रामीण भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण
18 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों में 65 लाख से अधिक स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड का ई–वितरण किया। इन कार्डों के पीछे एक बहुत बड़ी शक्ति है—वैध संपत्ति अधिकार। पहली बार, लाखों ग्रामीण परिवारों को अपने घर और जमीन के लिए कानूनी “अधिकार अभिलेख“ मिला है, जिससे वर्षों की अनिश्चितता का अंत हुआ।
इसे ऐसे समझें जैसे किसी ग्रामीण नागरिक को अपने घर का पासपोर्ट मिल गया हो—एक ऐसा दस्तावेज़ जो स्वामित्व प्रमाणित करता है, बैंक लोन दिला सकता है, और संपत्ति को सुरक्षित विरासत बना सकता है।
स्वामित्व योजना क्या है?
24 अप्रैल 2020 को शुरू हुई SVAMITVA योजना (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas) एक डिजिटल पहल है जो ड्रोन और GIS तकनीक का उपयोग कर गांवों में संपत्ति का सर्वेक्षण करती है। पहले, कई ग्रामीण ‘आबादी क्षेत्र’ में घर होने के बावजूद स्वामित्व सिद्ध नहीं कर पाते थे।
अब, इन रिकॉर्ड्स के साथ ग्रामीण बैंक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं, विवादों से बच सकते हैं, और सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यह मौखिक दावों से डिजिटल प्रमाण की ओर एक क्रांतिकारी बदलाव है।
तेज़ प्रगति और व्यापक कवरेज
2025 की शुरुआत तक 2.25 करोड़ प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हुआ, जिनमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने 100% कवरेज हासिल कर लिया है।
यह भूमि प्रशासन के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जम्मू–कश्मीर, लद्दाख और मिज़ोरम जैसे दूरस्थ क्षेत्र भी अब इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ऋण सुविधा को बढ़ावा
क्या आप जानते हैं कि SVAMITVA योजना के अंतर्गत सर्वेक्षित भूमि का मूल्य लगभग ₹132 लाख करोड़ है (67,000 वर्ग किमी)? अब यह मूल्य उपयोगी संपत्ति के रूप में सामने आ सकता है।
डिजिटल रिकॉर्ड के माध्यम से अब ग्रामीण संपत्ति को बंधक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यह खासकर छोटे किसानों और भूमिहीनों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है, जो वर्षों से औपचारिक बैंकिंग से वंचित थे।
वैश्विक स्तर पर पहचान
यह योजना केवल भारत में ही बदलाव नहीं ला रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ध्यान भी आकर्षित कर रही है। मार्च और मई 2025 में भारत की पंचायती राज मंत्रालय इस मॉडल को वैश्विक कार्यशालाओं में प्रस्तुत करेगी। यह भारत को भूमि प्रशासन नवाचार में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित कर रहा है।
भूमि से आगे—सामाजिक समावेशन का साधन
सुरक्षित भूमि अधिकार केवल कानूनी लाभ ही नहीं देते, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वामित्व, सम्मान और निर्णय लेने की शक्ति भी प्रदान करते हैं। इस योजना से संपत्ति विवादों में भारी कमी आई है, जिससे कई परिवारों को शांति और स्थिरता प्राप्त हुई है।
SVAMITVA केवल दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक आंदोलन है—जो सुनिश्चित करता है कि हर गांव भारत की विकास यात्रा में शामिल हो।
Static GK Snapshot (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | तथ्य |
योजना प्रारंभ तिथि | 24 अप्रैल 2020 |
जारी किए गए प्रॉपर्टी कार्ड | जनवरी 2025 तक 2.25 करोड़ |
ड्रोन सर्वेक्षण पूरा | 3.17 लाख से अधिक गांवों में |
सर्वेक्षित भूमि का अनुमानित मूल्य | ₹132 लाख करोड़ (67,000 वर्ग किमी) |
अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति | मार्च व मई 2025 में वैश्विक कार्यशालाएँ (पंचायती राज मंत्रालय) |