स्वच्छ ऊर्जा में बड़ी छलांग
जुलाई 2025 में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा उद्घाटित गोर्बेया सौर परियोजना भारत की हरित ऊर्जा यात्रा का महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
राजस्थान के बीकानेर में स्थित यह 435 मेगावाट क्षमता वाली सौर परियोजना मात्र 8 महीनों में पूरी की गई।
1,250 एकड़ में फैली यह परियोजना Solar Energy Corporation of India (SECI) के साथ 25 वर्षों की पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत संचालित होती है।
यह हर साल 1.28 लाख घरों को बिजली दे सकती है और 7.05 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती करेगी।
राजस्थान: भारत की सौर राजधानी
राजस्थान अब अपनी कुल बिजली का लगभग 70% नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न कर रहा है।
राज्य की कुल नवीकरणीय क्षमता 35.4 गीगावाट है, जिसमें से 29.5 GW सौर ऊर्जा और 5.2 GW पवन ऊर्जा से है।
Static GK तथ्य: स्थापित सौर क्षमता में राजस्थान भारत में पहले स्थान पर है।
राजस्थान सरकार ने 2024 में एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति और ग्रीन हाइड्रोजन नीति लॉन्च की थी ताकि निवेश आकर्षित किया जा सके।
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
गोर्बेया परियोजना से केवल बिजली नहीं, बल्कि स्थानीय रोजगार और किसानों की आय में भी सुधार हुआ है।
यह हर साल 755 GWh स्वच्छ बिजली पैदा करती है, जिससे कोयले पर निर्भरता घटती है।
यह भारत के 2030 तक 50% गैर–जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के अनुरूप है।
तकनीकी नवाचार का नया मानक
इस संयंत्र में Topcon Bifacial Mono PERC पैनल का उपयोग किया गया है, जो दोनों ओर से सूरज की रोशनी अवशोषित कर सकते हैं।
1,300 से अधिक रोबोटिक इकाइयाँ नियमित रूप से पैनलों की सफाई करती हैं।
मंत्री जोशी ने Perovskite Tandem Cells जैसी उच्च दक्षता वाली तकनीकों का ज़िक्र किया जो राजस्थान के उच्च सौर विकिरण के लिए उपयुक्त हैं।
Static GK टिप: पेरोव्स्काइट सौर सेल अगली पीढ़ी की तकनीक हैं जो कम लागत और उच्च दक्षता के लिए चर्चित हैं।
केंद्र सरकार की योजनाएँ और निवेश
PM-KUSUM योजना के तहत, राजस्थान में 1.45 लाख सौर पंप लगाए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 49,000 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए गए हैं, और ₹325 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई है।
हालांकि, अब भी कई रूफटॉप आवेदन लंबित हैं, जिससे बेहतर कार्यान्वयन और जागरूकता की आवश्यकता है।
राजस्थान को अब तक ₹6.57 लाख करोड़ के नवीकरणीय ऊर्जा प्रस्ताव मिले हैं, जिससे यह राज्य भारत की नवीकरणीय ऊर्जा राजधानी बन रहा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परियोजना स्थान | बीकानेर, राजस्थान |
स्थापित क्षमता | 435 मेगावाट |
वार्षिक कार्बन कटौती | 7.05 लाख टन |
क्षेत्रफल | 1,250 एकड़ |
प्रयुक्त तकनीक | टॉपकॉन बाइफेशियल मोनो पीईआरसी |
वार्षिक उत्पादन | 755 GWh |
राजस्थान की सौर क्षमता | 29.5 गीगावाट |
रूफटॉप सोलर सब्सिडी | ₹325 करोड़ |
स्थापित सौर पंप | 1.45 लाख |
नवीकरणीय निवेश प्रस्ताव | ₹6.57 लाख करोड़ |