एशियाई शेरों की संख्या में आशाजनक वृद्धि
मई 2025 में आयोजित 16वीं एशियाई शेर जनगणना के अनुसार, गुजरात में अब 891 एशियाई शेर हैं, जो 2020 में दर्ज 674 शेरों की तुलना में 32% की वृद्धि दर्शाता है। यह प्रगति विशेष रूप से गिर राष्ट्रीय उद्यान और उसके आसपास के क्षेत्रों में सतत संरक्षण प्रयासों का परिणाम है, जो दुनिया में एशियाई शेरों का अंतिम प्राकृतिक आवास है।
सौराष्ट्र क्षेत्र में व्यापक स्तर पर जनगणना
10 से 13 मई 2025 के बीच आयोजित इस जनगणना में 35,000 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर किया गया, जो 11 जिलों के 58 तालुकों में फैला हुआ था। इस प्रक्रिया को दो चरणों में—प्रारंभिक अवलोकन और अंतिम गणना—के रूप में पूरा किया गया। 3,000 से अधिक वन विभाग कर्मियों और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने इसमें भाग लिया। आधुनिक तकनीकों और प्रत्यक्ष अवलोकन विधियों से आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित की गई।
उम्र और लिंग का संतुलित वितरण
2025 की गणना में 196 नर, 330 मादा, 140 किशोर और 225 शावक दर्ज किए गए, जो स्वस्थ प्रजनन दर और संतुलित लिंग अनुपात को दर्शाते हैं। गिर राष्ट्रीय उद्यान में अब भी 384 शेर हैं, जबकि 507 शेर अब नए आवास क्षेत्रों में फैल चुके हैं, जिससे उनकी भौगोलिक सीमा में विस्तार स्पष्ट होता है।
नए क्षेत्रों में शेरों की उपस्थिति
सर्वेक्षण में शेरों की उपस्थिति गिरनार, मितियाला, पानिया और बारडा जैसे संरक्षित क्षेत्रों के साथ-साथ तटीय और कृषि क्षेत्रों में भी दर्ज की गई। भावनगर जिले में 17 शेरों वाला सबसे बड़ा प्राइड (गुट) मिला, जो शेरों के सामाजिक ढांचे की अच्छी स्थिति को दर्शाता है।
तकनीक का प्रयोग और आगे की दिशा
GPS रेडियो कॉलर, कैमरा ट्रैप्स, और उच्च गुणवत्ता वाली इमेजरी जैसी आधुनिक तकनीकों ने शेरों की गतिविधियों को दर्ज करने में बड़ी भूमिका निभाई। चूंकि शेर नए इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए संरक्षण का ध्यान अब आवास गलियारों के प्रबंधन और मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने पर केंद्रित होगा। यह गुजरात को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में और सुदृढ़ बनाएगा।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
कुल शेरों की संख्या (2025) | 891 शेर |
पिछली जनगणना (2020) | 674 शेर |
मुख्य आवास | गिर राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात |
विस्तारित क्षेत्र | गिरनार, मितियाला, पानिया, बारडा, तटीय और कृषि क्षेत्र |
जनगणना क्षेत्रफल | 35,000 वर्ग किमी, 11 जिले |
सहभागी टीम | 3,000+ वन अधिकारी एवं स्वयंसेवक |
सबसे बड़ा शेर समूह | 17 शेर, भावनगर जिला |
उपयोग की गई विधियाँ | GPS कॉलर, कैमरा ट्रैप, बीट सत्यापन, फोटोग्राफी |