प्रोसेस्ड आलू में गुजरात की सफलता
2024–25 के दौरान, गुजरात ने प्रोसेस्ड–ग्रेड आलू उत्पादन में पूरे भारत में शीर्ष स्थान प्राप्त कर लिया है। फ्रेंच फ्राई और चिप्स बनाने के लिए उपयोग में आने वाले इन आलुओं ने कृषि क्षेत्र में अहम स्थान बना लिया है। इससे विदेशी आयात पर निर्भरता घट रही है और निर्यात के नए अवसर खुल रहे हैं।
बनासकांठा बना प्रोडक्शन हब
बनासकांठा जिले ने तीसरे वर्ष लगातार 18.70 लाख टन उत्पादन के साथ 61,000 हेक्टेयर में खेती कर उच्चतम प्रदर्शन किया है। साथ ही, साबरकांठा (12.97 लाख टन) और अरावली (6.99 लाख टन) जिलों ने भी गुजरात की बढ़त को मजबूत किया है। अरावली ने नई तकनीक और अनुकूल मौसम के कारण तेजी से प्रगति की है।
कोल्ड स्टोरेज से गुणवत्ता में सुधार
गुजरात की उत्तरी बेल्ट में आलुओं के लंबे समय तक सुरक्षित भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की आधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं। इससे प्रोसेसिंग उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार गुणवत्ता बनी रहती है।
यहाँ लेडी रोसेटा, कुफ़री चिपसोना और सैंटाना जैसी किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें कम शर्करा और उच्च ड्राई मैटर होने के कारण चिप्स व फ्राई बेहतर बनते हैं।
Static GK Fact: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने प्रोसेस्ड फूड के लिए कुफ़री चिपसोना को उपयुक्त माना है।
वैश्विक बाजार में गुजरात आलू की मांग
गुजरात में उगाए गए प्रोसेस्ड आलू अब मध्य पूर्व जैसे बाजारों की मांगों को पूरा कर रहे हैं। फ्रोजन फूड ब्रांड्स और फास्ट–फूड कंपनियाँ अब गुणवत्तायुक्त और एकसमान आलू की आपूर्ति के लिए गुजरात पर भरोसा कर रही हैं।
Static GK Fact: भारत में कुल आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, पर प्रोसेस्ड-ग्रेड आलू के मामले में अब गुजरात अग्रणी है।
नीति और संस्थागत समर्थन का योगदान
गुजरात की यह कृषि क्रांति प्रधानमंत्री मोदी के नवाचार अभियान और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की नीतियों से प्रेरित है। गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन और कृषि विभाग जैसे संस्थान किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, अनुबंध खेती मॉडल और बीज वितरण में सहयोग दे रहे हैं।
अब उद्देश्य साफ है: पारंपरिक खेती को आधुनिक कृषि अर्थव्यवस्था में बदलना, जिससे आय, रोज़गार और निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
प्रोसेस्ड आलू में अग्रणी राज्य | गुजरात |
प्रमुख योगदान जिला | बनासकांठा |
बनासकांठा की उत्पादकता | 30.65 टन प्रति हेक्टेयर |
प्रमुख किस्में | लेडी रोसेटा, कुफ़री चिपसोना, सैंटाना |
साबरकांठा का उत्पादन (2024–25) | 12.97 लाख टन |
अरावली का उत्पादन (2024–25) | 6.99 लाख टन |
प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त गुण | उच्च ड्राई मैटर, कम चीनी |
प्रमुख निर्यात क्षेत्र | मध्य पूर्व |
सरकारी समर्थन संस्था | गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन |
राष्ट्रीय योजना | वैल्यू-ऐडेड एग्रीकल्चर प्रमोशन |