सितम्बर 5, 2025 7:42 अपराह्न

गार्सिनिया कुसुमे की खोज असम में हुई

वर्तमान मामले: गार्सिनिया कुसुमा, असम, थोइकोरा, नई वृक्ष प्रजातियाँ, पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता, गार्सिनिया वंश, उष्णकटिबंधीय सदाबहार वृक्ष, पारंपरिक औषधि, शर्बत पेय, द्विलिंगी प्रजातियाँ

Garcinia Kusumae Discovered in Assam

असम में दुर्लभ वृक्ष प्रजाति की खोज

गार्सिनिया कुसुमाए (Garcinia kusumae) नामक एक नई वृक्ष प्रजाति की खोज असम के वन क्षेत्रों में हुई है। इसे स्थानीय रूप से थॉइकोरा कहा जाता है। यह खोज भारत की बढ़ती वनस्पति विविधता को दर्शाती है और पूर्वोत्तर भारत की पारिस्थितिकी तंत्र की महत्ता को भी रेखांकित करती है।

Static GK Fact: गार्सिनिया की जाति में 200 से अधिक प्रजातियाँ वैश्विक रूप से पाई जाती हैं, जिनमें गार्सिनिया इंडिका (कोकम) और गार्सिनिया कम्बोजिया भारत में प्रसिद्ध हैं।

गार्सिनिया कुसुमाए की विशेषताएँ

यह एक सदाबहार उष्णकटिबंधीय वृक्ष है जो अधिकतम 18 मीटर तक ऊँचा हो सकता है। यह एक डायोइशियस पौधा है, जिसका अर्थ है कि नर और मादा फूल अलग-अलग पेड़ों पर उगते हैं। यह प्रजाति घने वन क्षेत्रों में पाई जाती है और पर्यावरणीय रूप से अत्यंत मूल्यवान मानी जाती है।

पारंपरिक उपयोग और औषधीय गुण

गार्सिनिया कुसुमाए का फल गर्मियों में पीया जाने वाला एक शरबत बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, जो हीटस्ट्रोक से बचाव में सहायक होता है। इसके अलावा, इसे डायबिटीज और पेचिश जैसे रोगों के इलाज में पारंपरिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें पाए जाने वाले हाइड्रॉक्सी सिट्रिक एसिड (HCA) जैसे यौगिक इसे औषधीय दृष्टि से उपयोगी बनाते हैं।

पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता को नया बल

असम का इंडोबर्मा हॉटस्पॉट, विश्व के सबसे समृद्ध परंतु संकटग्रस्त जैविक क्षेत्रों में से एक है। गार्सिनिया कुसुमाए की खोज इस क्षेत्र की वनस्पति संपन्नता को और प्रमाणित करती है। शोधकर्ता अब विस्तृत सर्वेक्षण और संरक्षण प्रयासों की मांग कर रहे हैं ताकि अज्ञात प्रजातियाँ संरक्षित की जा सकें।

Static GK Tip: भारत में लगभग 49,000 पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से करीब 33% केवल भारत में ही पाई जाती हैं (एंडेमिक)।

अनुसंधान और संरक्षण की आवश्यकता

इस खोज से फार्माकोलॉजिकल रिसर्च को भी नई दिशा मिल सकती है। पारंपरिक चिकित्सा में इसके उपयोग को वैज्ञानिक पुष्टि मिलने पर प्राकृतिक औषधि के रूप में विकसित किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्वोत्तर भारत के घने जंगलों में ऐसी और भी कई प्रजातियाँ छिपी हो सकती हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)

तथ्य विवरण
स्थानीय नाम थॉइकोरा
वैज्ञानिक नाम Garcinia kusumae
खोज क्षेत्र असम, पूर्वोत्तर भारत
पौधे का प्रकार सदाबहार, डायोइशियस वृक्ष
अधिकतम ऊँचाई 18 मीटर तक
प्रमुख उपयोग गर्मी में शरबत, हीटस्ट्रोक से सुरक्षा
औषधीय उपयोग डायबिटीज, पेचिश
जाति गार्सिनिया (Garcinia)
असम में गार्सिनिया की संख्या 12 प्रजातियाँ, 3 किस्में
जैव विविधता क्षेत्र इंडो-बर्मा हॉटस्पॉट
Garcinia Kusumae Discovered in Assam
  1. गार्सिनिया कुसुमे असम में खोजी गई एक नई वृक्ष प्रजाति है, जिसे स्थानीय रूप से थोइकोरा के नाम से जाना जाता है।
  2. यह प्रजाति गार्सिनिया वंश का हिस्सा है, जो अपने पाक और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
  3. गार्सिनिया कुसुमे एक द्विलिंगी सदाबहार वृक्ष है जो 18 मीटर तक ऊँचा हो सकता है।
  4. असम में अब गार्सिनिया वंश की 12 प्रजातियाँ और 3 किस्में पाई जाती हैं।
  5. इस फल का उपयोग पारंपरिक रूप से लू से बचाव के लिए शर्बत बनाने में किया जाता है।
  6. स्थानीय चिकित्सा प्रणालियों में इसका उपयोग मधुमेह और पेचिश के इलाज में भी किया जाता है।
  7. स्थैतिक सामान्य ज्ञान: गार्सिनिया इंडिका (कोकम) और गार्सिनिया कैंबोगिया इस वंश के उल्लेखनीय रिश्तेदार हैं।
  8. इस पौधे के जैवसक्रिय यौगिक हाइड्रॉक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) के औषधीय लाभ हैं।
  9. यह खोज असम की जैव विविधता से समृद्ध क्षेत्र के रूप में स्थिति को दर्शाती है।
  10. असम भारत-बर्मा जैव विविधता हॉटस्पॉट में स्थित है, जो एक वैश्विक पारिस्थितिक खजाना है।
  11. स्थैतिक सामान्य ज्ञान: भारत में 49,000 से अधिक पादप प्रजातियाँ हैं, जिनमें से लगभग 33% स्थानिक हैं।
  12. गार्सिनिया कुसुमे की खोज अलिखित वन क्षेत्रों के बेहतर संरक्षण की आवश्यकता पर बल देती है।
  13. यह वृक्ष पूर्वोत्तर भारत के उष्णकटिबंधीय सदाबहार पारिस्थितिक तंत्रों में पनपता है।
  14. शोधकर्ता इस प्रजाति पर आगे औषधीय अध्ययन की आवश्यकता पर बल देते हैं।
  15. यह खोज वनस्पति विज्ञान, पारिस्थितिक विज्ञान और औषधीय विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है।
  16. पारंपरिक ज्ञान के आधार पर ही इस पौधे की प्रारंभिक पहचान की गई।
  17. गार्सिनिया कुसुमे सामुदायिक स्वास्थ्य और वन-आधारित आजीविका को बढ़ावा देता है।
  18. वैज्ञानिकों का मानना है कि पूर्वोत्तर भारत में कई और अनदेखी प्रजातियाँ मौजूद हैं।
  19. इस पौधे की खोज से पारिस्थितिक पर्यटन और संरक्षण जागरूकता को बढ़ावा मिल सकता है।
  20. यह राष्ट्रीय विरासत के लिए स्थानीय वनस्पतियों की खोज और दस्तावेजीकरण के महत्व को रेखांकित करता है।

Q1. असम में खोजी गई नई वृक्ष प्रजाति का वैज्ञानिक नाम क्या है?


Q2. असम में Garcinia kusumae को स्थानीय रूप से क्या कहा जाता है?


Q3. निम्न में से कौन Garcinia kusumae के लिए सही वर्णन है?


Q4. Garcinia kusumae का फल स्थानीय लोग किस रूप में उपयोग करते हैं?


Q5. Garcinia kusumae जहां पाई गई है, वह कौन-सा जैव विविधता हॉटस्पॉट क्षेत्र है?


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