जुलाई 23, 2025 8:27 अपराह्न

गढ़चिरौली को विदर्भ का पहला एकीकृत इस्पात संयंत्र मिला

समसामयिक मामले: गढ़चिरौली इस्पात संयंत्र, विदर्भ विकास, देवेंद्र फडणवीस, लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड, कोंसारी, हेड्री ग्राइंडिंग यूनिट, स्लरी पाइपलाइन महाराष्ट्र, लौह अयस्क लॉजिस्टिक्स, औद्योगिक विकास विदर्भ, हरित इस्पात निर्माण

Gadchiroli Gets Vidarbha’s First Integrated Steel Plant

विदर्भ में औद्योगिक क्रांति की नींव

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गढ़चिरोली के कोन्सारी में विदर्भ के पहले एकीकृत स्टील प्लांट की आधारशिला रखी। यह परियोजना लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (LMEL) द्वारा संचालित है और इसका उद्देश्य विदर्भ के खनिज संसाधनों विशेषकर उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क का दोहन करना है।

यह पहल महाराष्ट्र के पिछड़े क्षेत्रों को औद्योगिक विकास के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

यह प्लांट 4.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MnTPA) स्टील उत्पादन की क्षमता वाला है। गढ़चिरोली, जो कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित 112 आकांक्षी जिलों में से एक है, अब इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक नक्शे पर उभर रहा है।

इस एकीकृत परियोजना में कई अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं जैसे ग्राइंडिंग यूनिट, 85 किमी की लौह अयस्क स्लरी पाइपलाइन, और ऊर्जा कुशल हरित तकनीकें

Static GK fact: गढ़चिरोली, महाराष्ट्र का आकांक्षी जिला है जिसे नीति आयोग ने विकास हेतु प्राथमिकता दी है।

हेडरी लौह अयस्क ग्राइंडिंग यूनिट

हेडरी में स्थापित 5 MnTPA क्षमता वाली ग्राइंडिंग यूनिट केवल एक वर्ष के भीतर निर्मित की गई, जो एक रिकॉर्ड समय सीमा है। यह इकाई कच्चे माल को स्थानीय रूप से संसाधित करती है जिससे क्षेत्रीय मूल्यवर्धन होता है और दूरस्थ स्थानों पर निर्भरता घटती है।

महाराष्ट्र की पहली लौह अयस्क स्लरी पाइपलाइन

इस परियोजना का एक विशेष अंग है 85 किमी लंबी स्लरी पाइपलाइन, जो हेडरी से कोन्सारी तक फैली है और 10 MnTPA लौह अयस्क ले जाने में सक्षम है। इससे ट्रकों की आवश्यकता समाप्त होती है और 55% तक कार्बन उत्सर्जन में कटौती होती है।

Static GK Tip: भारत की पहली लौह अयस्क स्लरी पाइपलाइन कुड्रेमुख, कर्नाटक में 1980 के दशक में स्थापित हुई थी।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

यह औद्योगिक परियोजना हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी। यह परिवर्तन नक्सली प्रभाव से प्रभावित गढ़चिरोली में आर्थिक स्थिरता और विकास की नई दिशा प्रदान करेगा।

महाराष्ट्र के लिए रणनीतिक महत्व

यह परियोजना महाराष्ट्र में क्षेत्रीय असमानता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और विदर्भ को भविष्य का लॉजिस्टिक और औद्योगिक केंद्र बनाने की संभावना को बल देती है।

यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों से भी जुड़ी हुई है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
परियोजना स्थान कोन्सारी, गढ़चिरोली, महाराष्ट्र
परियोजना संचालक लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (LMEL)
स्टील प्लांट क्षमता 4.5 मिलियन टन प्रति वर्ष
ग्राइंडिंग यूनिट 5 MnTPA, हेडरी
पाइपलाइन लंबाई 85 किलोमीटर
स्लरी पाइपलाइन क्षमता 10 MnTPA
उत्सर्जन में कटौती 55%
परियोजना की विशेषता विदर्भ का पहला एकीकृत स्टील प्लांट
उद्घाटनकर्ता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
Static GK लिंक भारत की पहली स्लरी पाइपलाइन कुड्रेमुख, कर्नाटक
Gadchiroli Gets Vidarbha’s First Integrated Steel Plant
  1. महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में विदर्भ का पहला इस्पात संयंत्र शुरू हुआ।
  2. लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) द्वारा संचालित परियोजना।
  3. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा आधारशिला रखी गई।
  4. कोंसारी में संयंत्र की क्षमता5 मिलियन टन प्रति वर्ष है।
  5. इसमें हेद्री में 5 मिलियन टन प्रति वर्ष का ग्राइंडिंग प्लांट शामिल है, जिसे केवल 1 वर्ष में बनाया गया है।
  6. इसमें महाराष्ट्र की पहली 85 किलोमीटर लंबी स्लरी पाइपलाइन शामिल है।
  7. पाइपलाइन कार्बन उत्सर्जन को 55% तक कम करती है।
  8. लौह अयस्क के ट्रक परिवहन की आवश्यकता को समाप्त करती है।
  9. परियोजना से हजारों रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
  10. नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली के लिए औद्योगिक विकास।
  11. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के साथ संरेखित।
  12. स्थानीय लाभकारीकरण और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देता है।
  13. गढ़चिरौली 112 आकांक्षी जिलों में से एक है।
  14. विदर्भ में क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है।
  15. हरित इस्पात निर्माण को बढ़ावा देता है।
  16. बाहरी प्रसंस्करण पर महाराष्ट्र की निर्भरता कम करता है।
  17. भविष्य का लॉजिस्टिक्स और स्टील हब बनने के लिए तैयार है।
  18. पाइपलाइन 10 मिलियन टन प्रति वर्ष तक लौह अयस्क ले जाती है।
  19. परियोजना पर्यावरण के अनुकूल और उच्च दक्षता वाली तकनीक को एकीकृत करती है।
  20. बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक स्थिरता को मजबूत करती है।

Q1. विदर्भ का पहला एकीकृत इस्पात संयंत्र कहाँ स्थापित किया जा रहा है?


Q2. गढ़चिरौली इस्पात संयंत्र परियोजना का विकासकर्ता कौन है?


Q3. इस इस्पात संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता कितनी है?


Q4. महाराष्ट्र की पहली लौह अयस्क स्लरी पाइपलाइन की लंबाई कितनी है?


Q5. गढ़चिरौली को आकांक्षी जिला किस राष्ट्रीय पहल के तहत पहचाना गया है?


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