जुलाई 19, 2025 1:14 पूर्वाह्न

गगनयान मिशन और मानव अंतरिक्ष उड़ानों की सुरक्षा का भविष्य

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Gaganyaan Mission and the Future of Human Spaceflight Safety

अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा पर क्यों है अब खास ध्यान
NASA की अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स और बैरी विलमोर की सफल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा पर वैश्विक ध्यान केंद्रित कर दिया है। उनके नौ माह के मिशन ने यह स्पष्ट किया कि अंतरिक्ष यात्रा के हर चरण में सटीक सुरक्षा प्रोटोकॉल होना कितना आवश्यक है। अब ISRO भी अपने गगनयान मिशन में इन्हीं मानकों के अनुसार सुरक्षा उपाय अपना रहा है—लॉन्च से लेकर स्प्लैशडाउन तक।

लॉन्च सुरक्षा: हादसों से लेकर अत्याधुनिक तकनीक तक
मानव अंतरिक्ष उड़ानों का सबसे जोखिमभरा हिस्सा है लॉन्चिंग के शुरुआती क्षण। 1967 का अपोलो-1 अग्निकांड और रूस की सोयुज T-10 विस्फोट जैसे हादसों से सबक लेते हुए ISRO ने अब अपने लॉन्चपैड पर ज़िपलाइनों, अग्निरोधक लिफ्टों और क्रू एस्केप सिस्टम को तैनात किया है। यह सिस्टम दो प्रकार के इंजनों से सुसज्जित है—निम्न-ऊंचाई एस्केप मोटर (LEM) और उच्च-ऊंचाई एस्केप मोटर (HEM), जो रॉकेट की ऊंचाई के अनुसार सक्रिय होते हैं। यह वही तकनीक है जिसने ब्लू ओरिजिन के NS-23 मिशन में जान बचाई थी।

अंतरिक्ष में सुरक्षा: कक्षा में अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल
एक बार कक्षा में पहुंचने के बाद, गगनयान का दल दो हिस्सों वाले कैप्सूल में यात्रा करेगा—क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल। क्रू मॉड्यूल अंतरिक्ष यात्रियों का घर होगा। भले ही गगनयान किसी स्टेशन से नहीं जुड़ता, ISRO उन्हें डॉकिंग की ट्रेनिंग देगा ताकि आपातकालीन स्थिति में मदद मिल सके। जैसा कि ISS पर होता है, गगनयान मॉड्यूल को भी आपातकालीन शरण क्षेत्र के रूप में डिजाइन किया गया है।

सुरक्षित वापसी: नियंत्रित पुनःप्रवेश की जटिलता
रीएंट्री किसी भी मानव मिशन का सबसे तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण भाग होता है। ISRO का कैप्सूल वायुमंडल में घर्षण के कारण उत्पन्न 1600°C से अधिक तापमान से सुरक्षित निकलने में सक्षम होगा। इसके लिए 10-पैराशूट सिस्टम लगाया गया है, जो ऊंचाई के अनुसार क्रमबद्ध रूप से खुलते हैं। इससे कैप्सूल बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित स्प्लैशडाउन कर सकेगा।

इसका महत्व: भारत के अंतरिक्ष भविष्य के लिए सबक
गगनयान के साथ भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्लब में प्रवेश कर रहा है। यह सिर्फ विज्ञान नहीं, बल्कि भरोसे की बात है। ISRO NASA, रूस और SpaceX जैसी संस्थाओं से सीखते हुए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ रहा है।
ISRO ने लॉन्च कंट्रोल रूम में WhatsApp आधारित टेलीमेट्री से लेकर रीइन्फोर्स्ड एस्केप कैप्सूल तक हर पहलू पर बारीकी से काम किया है। यह दिखाता है कि भारत अब मानव अंतरिक्ष उड़ानों की अगली पंक्ति में शामिल होने को तैयार है।

Static GK Snapshot सारांश

विषय विवरण
मिशन नाम गगनयान
एजेंसी ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन)
पहली मानव उड़ान 2025 (निर्धारित)
लॉन्च वाहन मानव रेटेड GSLV Mk III
एस्केप सिस्टम LEM + HEM (क्रू एस्केप सिस्टम)
पैराशूट प्रणाली 10 पैराशूट द्वारा नियंत्रित उतराई
स्प्लैशडाउन क्षेत्र बंगाल की खाड़ी (संभावित)
NASA तुलनात्मक मिशन अपोलो-सायूज़, ISS आपातकालीन प्रशिक्षण
उल्लेखनीय वापसी सुनिता विलियम्स व बैरी विलमोर (NASA, 2025)

 

Gaganyaan Mission and the Future of Human Spaceflight Safety
  1. गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसे ISRO द्वारा 2025 के लिए नियोजित किया गया है।
  2. इस मिशन में ह्यूमनरेटेड GSLV Mk III लॉन्च वाहन का उपयोग किया जाएगा।
  3. अंतरिक्ष यान में दो भाग होंगे: क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल, जो अंतरिक्ष यात्रियों को सहयोग प्रदान करेंगे।
  4. क्रू एस्केप सिस्टम (CES) में LEM और HEM इंजन लगे हैं, जो लॉन्च के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
  5. LEM (लोएल्टीट्यूड) और HEM (हाईएल्टीट्यूड) इंजन उड़ान ऊंचाई के अनुसार सक्रिय होते हैं।
  6. सुनिता विलियम्स और बैरी विलमोर की 2025 की सफल वापसी ने वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष यात्री सुरक्षा को प्रमुखता दी।
  7. ISRO की सुरक्षा प्रणाली अब लॉन्च, कक्षा, और पुनः प्रवेश सहित अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
  8. 10-पैराशूट सिस्टम सटीक समय पर खुलकर बंगाल की खाड़ी में सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करता है।
  9. पुनः प्रवेश के समय तापमान 1,600°C से अधिक होता है, इसलिए हीट शील्डिंग और पैराशूट क्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
  10. ISRO नियंत्रित अवतरण तकनीक का उपयोग करता है, जो NASA और SpaceX के मानकों के समान है।
  11. गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को डॉकिंग और आपातकालीन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जैसे ISS मिशनों में होता है।
  12. ISRO के लॉन्च स्थलों पर फायरप्रूफ लिफ्ट, जिपलाइन और एस्केप ड्रिल्स जोड़े गए हैं।
  13. क्रू मॉड्यूल को आपात स्थितियों में लाइफबोट के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
  14. ISRO ने WhatsApp-आधारित टेलीमेट्री सिस्टम का प्रयोग कर कम लागत वाली नवाचार योजना अपनाई है।
  15. डमी कैप्सूल परीक्षणों में पैराशूट और हीट शील्डिंग के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
  16. मिशन का उद्देश्य भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान संपन्न देशों के समूह में शामिल करना है।
  17. Apollo-1, Soyuz T-10, और NS-23 जैसी दुर्घटनाओं से ISRO ने महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं।
  18. Blue Origin की एस्केप सफलता ने भारत के दोइंजन एस्केप डिज़ाइन की पुष्टि की।
  19. ISRO की व्यावहारिक और सतर्क रणनीति वैश्विक विशेषज्ञता को भारतीय नवाचार से जोड़ती है।
  20. गगनयान की सफलता राष्ट्रीय गौरव, तकनीकी क्षमता, और अंतरिक्ष यात्रियों के विश्वास से जुड़ी है।

 

Q1. गगनयान मिशन के लिए किस लॉन्च वाहन का उपयोग किया जाएगा?


Q2. लॉन्च स्थल पर स्थापित प्रमुख सुरक्षा तंत्र क्या है?


Q3. अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित पुनः प्रविष्टि और पानी में लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए कौन-सी प्रणाली डिज़ाइन की गई है?


Q4. गगनयान की स्प्लैशडाउन (पानी में उतरने) की सबसे संभावित जगह कहाँ है?


Q5. किस अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षित वापसी ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर ध्यान आकर्षित किया?


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