सात वर्षों बाद मिली बड़ी सफलता
हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, गंगटोक में रेड पांडा शावकों का जन्म हुआ है, जिससे इस संकटग्रस्त प्रजाति के संरक्षण प्रयासों को नई ऊर्जा मिली है। यह पिछले सात वर्षों में पहली बार हुआ है, जब रेड पांडा ने सफलतापूर्वक प्रजनन किया। रेड पांडा को IUCN द्वारा ‘Endangered’ श्रेणी में रखा गया है, इसलिए हर जन्म संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
संरक्षण यात्रा की पृष्ठभूमि
Red Panda Conservation Programme की शुरुआत 1997 में हुई थी। शुरुआत में इसका प्रजनन आधार Rotterdam Zoo (नीदरलैंड) और पैडमजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, दार्जिलिंग से लाया गया था। लेकिन canine distemper रोग के दो प्रकोपों ने कैद रेड पांडा आबादी को काफी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद जंगली रेड पांडा को संरक्षण प्रयासों में शामिल किया गया ताकि उनकी आनुवंशिक विविधता बढ़ाई जा सके। हालिया जन्म उसी रणनीति का सकारात्मक परिणाम है।
Static GK Fact: दार्जिलिंग स्थित Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park, भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित चिड़ियाघर है और हाई–एल्टीट्यूड प्रजातियों के संरक्षण में विशेषज्ञता रखता है।
अनोखी बनावट और जीवित रहने के गुण
रेड पांडा, जिसका वैज्ञानिक नाम Ailurus fulgens है, लाल–भूरे रंग के फर से ढका होता है जो पेड़ों में छिपने में मदद करता है। इनकी झाड़ीदार पूंछ संतुलन बनाए रखने और सर्दियों में गर्म रहने में सहायक होती है। इनके लचीले टखने उन्हें सिर के बल नीचे चढ़ने में सक्षम बनाते हैं। रेड पांडा के पास एक कृत्रिम अंगूठा (pseudo-thumb) होता है, जिससे वे बांस के तनों को पकड़ सकते हैं।
Static GK Fact: यह pseudo-thumb जाइंट पांडा के अंगूठे जैसा कार्य करता है, हालांकि दोनों प्रजातियाँ विकासक्रम में असंबंधित हैं—इसे convergent evolution कहते हैं।
वंश और वर्गीकरण
पहले रेड पांडा को रैकून या भालू से संबंधित माना जाता था, लेकिन अब यह Ailuridae नामक स्वतंत्र परिवार में रखा गया है। इसकी दो उप-प्रजातियाँ हैं:
- Ailurus fulgens fulgens: भारत और नेपाल में पाई जाती है
- Ailurus fulgens styani: आकार में बड़ी, रंग में गहरी और चीन–म्यांमार में पाई जाती है
प्राकृतिक निवास और जीवनशैली
रेड पांडा पूर्वी हिमालय की बांस–समृद्ध समशीतोष्ण वनों में रहते हैं। ये भारत, नेपाल, भूटान, चीन, म्यांमार और तिब्बत में पाए जाते हैं।
Static GK Tip: भारत में ये मुख्यतः सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और उत्तरी पश्चिम बंगाल के वनों में पाए जाते हैं।
भोजन और प्रजनन व्यवहार
रेड पांडा का 95% आहार बांस होता है। इसके अलावा वे फल, कीड़े और छोटे स्तनधारी भी खाते हैं। वे अपने पंजों से बांस की पत्तियाँ छीलते हैं और तेज़ दाँतों से चबाते हैं। ये आमतौर पर एकाकी जीवन जीते हैं और प्रजनन के मौसम में ही मिलते हैं। गर्भकाल लगभग 5 महीने का होता है और आमतौर पर 2 शावकों का जन्म होता है। बच्चे 18 महीनों में प्रजनन योग्य हो जाते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
जन्म स्थान | हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, गंगटोक |
कार्यक्रम प्रारंभ वर्ष | 1997 |
विफलता का मुख्य कारण | कैनाइन डिस्टेंपर के प्रकोप |
सहयोगी चिड़ियाघर | Rotterdam Zoo और Padmaja Naidu Zoo |
वैज्ञानिक नाम | Ailurus fulgens |
IUCN स्थिति | Endangered (संकटग्रस्त) |
प्रमुख आहार | बांस (लगभग 95%) |
भारत में निवास क्षेत्र | सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल |
गर्भकाल | लगभग 5 महीने |
वर्गीकरण परिवार | Ailuridae |