कैपिटल गेन टैक्स क्या है और 2025 में क्या बदला?
कैपिटल गेन टैक्स वह कर है जो किसी पूंजीगत संपत्ति (जैसे शेयर, संपत्ति या सोना) को बेचकर हुए लाभ पर लगाया जाता है। इसे दो श्रेणियों में बांटा गया है—शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG)। STCG पर 15% टैक्स पहले से लागू है। लेकिन 2025 के बजट में LTCG दर को 12.5% कर दिया गया और महत्वपूर्ण इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया गया, जो कि मुद्रास्फीति के प्रभाव को घटाकर टैक्स कम करने की सुविधा देता था।
विदेशी निवेशकों की नाराज़गी क्यों?
ये बदलाव विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के लिए असुविधाजनक साबित हुए हैं। घरेलू निवेशकों की तुलना में, अधिकांश विदेशी निवेशकों को अपने देश में डबल टैक्सेशन से राहत नहीं मिलती। इंडेक्सेशन हटाने से टैक्स बोझ बढ़ गया है। प्रमुख निवेश विश्लेषक समीर अरोड़ा ने इस फैसले को “बड़ी गलती“ बताया है और चेताया कि इससे भारत की निवेश विश्वसनीयता को नुकसान हो सकता है।
तत्काल प्रभाव: निवेश की निकासी और बाजार अस्थिरता
अक्टूबर 2024 के बाद से FIIs ने भारतीय बाजार से ₹2 लाख करोड़ की निकासी की है। इसका कारण केवल टैक्स नहीं है—बल्कि रुपया की कमजोरी, कमजोर कॉर्पोरेट मुनाफा और अमेरिकी बांड में उच्च रिटर्न भी हैं। विदेशी पूंजी के बाहर जाते ही, शेयर बाजार अस्थिर हो गया, लिक्विडिटी कम हुई, और घरेलू निवेशकों की धारणा पर भी असर पड़ा।
वैश्विक तुलना में भारत कहां खड़ा है?
वैश्विक स्तर पर भारत का कैपिटल गेन टैक्स तंत्र कम प्रतिस्पर्धी हो गया है। उदाहरण के लिए:
- ऑस्ट्रेलिया केवल लाभ का 50% टैक्स करता है
- अमेरिका दीर्घकालिक होल्डिंग्स पर कम दर लगाता है
- यूएई में कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं है
ऐसे में भारत का टैक्स ढांचा लंबे समय के निवेश और स्टार्टअप्स के लिए हतोत्साहित करने वाला लग सकता है।
आगे का रास्ता: क्या नीति बदली जा सकती है?
अब कई आर्थिक विशेषज्ञ और उद्योग संगठन सरकार से अपील कर रहे हैं कि इंडेक्सेशन लाभ वापस लाया जाए और टैक्स प्रणाली को सरल बनाया जाए। खासकर विदेशी निवेशकों के लिए टैक्स संधि लाभ या वैकल्पिक राहत की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर भारत को स्थायी पूंजी निवेश और समृद्धि को बढ़ावा देना है, तो राजस्व और निवेश आत्मविश्वास के बीच संतुलन बनाना अनिवार्य है।
STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | विवरण |
कैपिटल गेन टैक्स क्या है? | पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से हुए लाभ पर कर |
STCG दर (शेयर पर) | 15% |
LTCG दर (बजट 2024-25 के बाद) | 12.5% (₹1.25 लाख वार्षिक से अधिक पर) |
इंडेक्सेशन लाभ | हटा दिया गया |
प्रभावित संपत्तियाँ | अचल संपत्ति, अनलिस्टेड शेयर, म्यूचुअल फंड |
प्रमुख आलोचक | समीर अरोड़ा |
FII निकासी (अक्टूबर 2024 से) | ₹2 लाख करोड़ |
कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगने वाले देश | संयुक्त अरब अमीरात (UAE), केमैन आइलैंड |
भारत में पहली बार LTCG लागू | 2018 बजट में (अरुण जेटली द्वारा) |