जुलाई 18, 2025 9:45 अपराह्न

केरल में लेप्टोस्पायरोसिस मामलों में वृद्धि से स्वास्थ्य संकट

समसामयिक मामले: केरल में लेप्टोस्पायरोसिस का प्रकोप, केरल स्वास्थ्य आँकड़े 2025, आईसीएमआर लेप्टोस्पायरोसिस परामर्श, भारत में जूनोटिक रोग, चूहा ज्वर से मृत्यु, केरल मानसून स्वास्थ्य संकट, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, भारत में वाश प्रथाएँ, संचारी रोगों का रुझान, केरल का स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा

Rising Leptospirosis Cases in Kerala Raise Alarm

चिंताजनक स्तर पर पहुँचे मामले

केरल में लेप्टोस्पायरोसिस (चूहा बुखार) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2022 में 5,315 मामले और 290 मौतें दर्ज हुईं, जो 2024 में बढ़कर 5,980 मामले और 394 मौतों तक पहुँच गईं। 2025 में केवल 9 जून तक ही 1,451 मामले और 74 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तुरंत उपाय नहीं किए गए, तो इस साल के आँकड़े पिछले वर्षों को भी पार कर सकते हैं।

बीमारी का कारण और लक्षण

लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो चूहों के मूत्र से दूषित पानी के संपर्क में आने से फैलता है। केरल में मानसून के दौरान जलभराव और बाढ़ के कारण इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, किडनी फेल होना, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क ज्वर या मृत्यु तक हो सकती है।

Static GK: यह रोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जूनोटिक बीमारी के रूप में मान्यता प्राप्त है।

सरकार की प्रतिक्रिया

केरल स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं। आईसीएमआर ने किसानों और सफाई कर्मचारियों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए डॉक्सीसायक्लिन दवा को रोकथाम हेतु सुझाया है।

लोगों को बाढ़ के पानी में चलने से बचने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी गई है।

गंदगी और वॉश संकट

WASH (जल, स्वच्छता और स्वच्छता) ढांचे की कमजोरियों के कारण यह रोग फैलता है। खुले नाले, जमा कचरा, और अवरुद्ध सीवर चूहों के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं।

Static GK Tip: स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में मानसूनी बीमारियाँ आज भी चुनौती बनी हुई हैं।

मानसून और जलवायु से जुड़ी बीमारी

केरल में दक्षिणपश्चिम मानसून के दौरान जून से अक्टूबर तक इस रोग का प्रकोप सबसे अधिक होता है। इस मौसम में भारी वर्षा, जलभराव और कचरा प्रबंधन की असफलता से बीमारी तेज़ी से फैलती है।

बेहतर स्वास्थ्य ढाँचे की आवश्यकता

स्वास्थ्य संकेतकों में अग्रणी राज्य होने के बावजूद, केरल को लगातार बीमारियों के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। कचरा प्रबंधन, चूहों की आबादी पर नियंत्रण, और स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है।

Static GK Fact: भारत में मलेरिया, डेंगू और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियों की निगरानी राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) द्वारा की जाती है।

Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)

विषय विवरण
2022 के मामले 5,315 मामले और 290 मौतें
2024 के मामले 5,980 मामले और 394 मौतें
2025 (9 जून तक) 1,451 मामले और 74 मौतें
रोग का कारण चूहे के मूत्र से फैलने वाला बैक्टीरिया
सलाहदाता संस्था केरल स्वास्थ्य विभाग, ICMR
जोखिम वाला मौसम जून से अक्टूबर
उच्च जोखिम समूह किसान, सफाई कर्मचारी
राष्ट्रीय योजना NVBDCP
स्वच्छता अभियान स्वच्छ भारत मिशन (2014)
WHO श्रेणी जूनोटिक बीमारी

 

Rising Leptospirosis Cases in Kerala Raise Alarm
  1. केरल में लेप्टोस्पायरोसिस के मामले 2024 में 394 मौतों के साथ 5,980 तक पहुँच गए।
  2. 9 जून, 2025 तक, राज्य में पहले से ही 1,451 मामले और 74 मौतें दर्ज की गई थीं।
  3. यह बीमारी, जिसे रैट फीवर भी कहा जाता है, बाढ़ के पानी में कृंतक मूत्र के माध्यम से फैलती है।
  4. बाढ़ के कारण केरल के मानसून के मौसम (जून-अक्टूबर) के दौरान यह चरम पर होती है।
  5. लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गुर्दे की क्षति और गंभीर मामलों में मेनिन्जाइटिस शामिल हैं।
  6. ICMR किसानों और सफाई कर्मचारियों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए डॉक्सीसाइक्लिन थेरेपी की सिफारिश करता है।
  7. केरल स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ा दी है।
  8. खराब WASH बुनियादी ढाँचा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारी को फैलाता है।
  9. खुली नालियाँ और बिना इकट्ठा किया गया कचरा कृन्तकों को आकर्षित करता है और प्रदूषण को बढ़ाता है।
  10. केरल में मजबूत स्वास्थ्य संकेतकों के बावजूद, खराब जल निकासी के कारण हर साल प्रकोप का सामना करना पड़ता है।
  11. डब्ल्यूएचओ ने लेप्टोस्पायरोसिस को एक जूनोटिक बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम है।
  12. जलवायु परिवर्तन और तीव्र मानसून ऐसे संक्रमणों के जोखिम को और बढ़ा देते हैं।
  13. जलभराव और अनुचित अपशिष्ट निपटान के बाद यह बीमारी आम है।
  14. स्वास्थ्य कार्यकर्ता मानसून के प्रकोप से निपटने के लिए सुरक्षात्मक गियर और प्रशिक्षण चाहते हैं।
  15. स्वच्छ भारत मिशन (2014) का उद्देश्य स्वच्छता में सुधार करना था, लेकिन खामियाँ बनी हुई हैं।
  16. लेप्टोस्पायरोसिस को भारत के वेक्टर-जनित रोग कार्यक्रम एनवीबीडीसीपी के तहत कवर किया गया है।
  17. संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए कृंतक नियंत्रण और उचित जल निकासी तत्काल आवश्यकता है।
  18. राज्य ने बाढ़ के पानी में चलने से हतोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।
  19. बार-बार होने वाले मौसमी उछाल से निपटने के लिए एक बेहतर पूर्व चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता है।
  20. केरल में लेप्टोस्पायरोसिस की वृद्धि भारत में मजबूत शहरी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

Q1. मनुष्यों में लेप्टोस्पायरोसिस के प्रसार का प्रमुख कारण क्या है?


Q2. केरल में उच्च जोखिम समूहों के लिए रोकथाम के रूप में डॉक्सीसाइक्लिन चिकित्सा की सिफारिश किस सलाहकार संस्था ने की है?


Q3. केरल में लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि किन महीनों में देखी जाती है?


Q4. भारत में लेप्टोस्पायरोसिस जैसी वेक्टर जनित बीमारियों का प्रबंधन कौन-सा राष्ट्रीय कार्यक्रम करता है?


Q5. शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लेप्टोस्पायरोसिस के बढ़ने में कौन-सी बुनियादी ढाँचे से जुड़ी समस्या प्रमुख भूमिका निभाती है?


Your Score: 0

Daily Current Affairs July 3

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

दिन की खबरें

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.