चिंताजनक स्तर पर पहुँचे मामले
केरल में लेप्टोस्पायरोसिस (चूहा बुखार) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2022 में 5,315 मामले और 290 मौतें दर्ज हुईं, जो 2024 में बढ़कर 5,980 मामले और 394 मौतों तक पहुँच गईं। 2025 में केवल 9 जून तक ही 1,451 मामले और 74 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तुरंत उपाय नहीं किए गए, तो इस साल के आँकड़े पिछले वर्षों को भी पार कर सकते हैं।
बीमारी का कारण और लक्षण
लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो चूहों के मूत्र से दूषित पानी के संपर्क में आने से फैलता है। केरल में मानसून के दौरान जलभराव और बाढ़ के कारण इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, किडनी फेल होना, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क ज्वर या मृत्यु तक हो सकती है।
Static GK: यह रोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जूनोटिक बीमारी के रूप में मान्यता प्राप्त है।
सरकार की प्रतिक्रिया
केरल स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं। आईसीएमआर ने किसानों और सफाई कर्मचारियों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए डॉक्सीसायक्लिन दवा को रोकथाम हेतु सुझाया है।
लोगों को बाढ़ के पानी में चलने से बचने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी गई है।
गंदगी और वॉश संकट
WASH (जल, स्वच्छता और स्वच्छता) ढांचे की कमजोरियों के कारण यह रोग फैलता है। खुले नाले, जमा कचरा, और अवरुद्ध सीवर चूहों के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं।
Static GK Tip: स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में मानसूनी बीमारियाँ आज भी चुनौती बनी हुई हैं।
मानसून और जलवायु से जुड़ी बीमारी
केरल में दक्षिण–पश्चिम मानसून के दौरान जून से अक्टूबर तक इस रोग का प्रकोप सबसे अधिक होता है। इस मौसम में भारी वर्षा, जलभराव और कचरा प्रबंधन की असफलता से बीमारी तेज़ी से फैलती है।
बेहतर स्वास्थ्य ढाँचे की आवश्यकता
स्वास्थ्य संकेतकों में अग्रणी राज्य होने के बावजूद, केरल को लगातार बीमारियों के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। कचरा प्रबंधन, चूहों की आबादी पर नियंत्रण, और स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है।
Static GK Fact: भारत में मलेरिया, डेंगू और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियों की निगरानी राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) द्वारा की जाती है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
2022 के मामले | 5,315 मामले और 290 मौतें |
2024 के मामले | 5,980 मामले और 394 मौतें |
2025 (9 जून तक) | 1,451 मामले और 74 मौतें |
रोग का कारण | चूहे के मूत्र से फैलने वाला बैक्टीरिया |
सलाहदाता संस्था | केरल स्वास्थ्य विभाग, ICMR |
जोखिम वाला मौसम | जून से अक्टूबर |
उच्च जोखिम समूह | किसान, सफाई कर्मचारी |
राष्ट्रीय योजना | NVBDCP |
स्वच्छता अभियान | स्वच्छ भारत मिशन (2014) |
WHO श्रेणी | जूनोटिक बीमारी |