इंदौर में अंतर्देशीय मत्स्य पालन को मिला नया आयाम
मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित अंतर्देशीय मत्स्य सम्मेलन 2025 ने भारत के मत्स्य क्षेत्र को नई ऊर्जा दी। केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह के नेतृत्व में यह सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत केंद्र, राज्य और मत्स्य विशेषज्ञों के बीच मजबूत समन्वय स्थापित करना है। इस योजना का लक्ष्य तकनीक आधारित, आत्मनिर्भर मत्स्य तंत्र का निर्माण है।
सम्मेलन का महत्व और दिशा
भारत में मत्स्य उत्पादन में 142% की वृद्धि हुई है, जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक बन गया है। इस गति को बनाए रखने के लिए सम्मेलन में Recirculating Aquaculture System (RAS) और Biofloc जैसी आधुनिक प्रणालियों को अपनाने की सिफारिश की गई। साथ ही, रोहु और कतला जैसी पारंपरिक प्रजातियों को अमृत सरोवर जैसे जलस्रोतों में पालन करने पर भी ज़ोर दिया गया।
तकनीक और समन्वय की भूमिका
सम्मेलन केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बीज गुणवत्ता, जलाशय प्रबंधन, शीत जल मछली पालन, और ड्रोन व नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग जैसे ठोस पहलुओं पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि वे Fisheries Infrastructure Development Fund (FIDF) का अधिकतम उपयोग करें और ICAR के साथ मिलकर स्थानीय परियोजनाएं बनाएं। यह रणनीति विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को समर्थन देती है।
मछुआरों के लिए समर्थन और ग्रामीण रोजगार
भारत में 3 करोड़ से अधिक लोग मत्स्य क्षेत्र पर निर्भर हैं। ऐसे में सरकार का ₹38,572 करोड़ का निवेश PMMSY, FIDF, PM-MKSSY और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसी योजनाओं के माध्यम से पोषण सुरक्षा, निर्यात वृद्धि और मछुआरों का सशक्तिकरण सुनिश्चित करता है।
राज्यों की प्रस्तुतियाँ और नवाचार
मध्य प्रदेश ने मेजबान राज्य के रूप में अपने एक्वाकल्चर मॉडल प्रस्तुत किए। उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख ने भी क्षेत्रीय उपलब्धियाँ साझा कीं, जिनमें ड्रोन निगरानी, स्थानीय स्टार्टअप्स, और राज्य–विशेष योजनाओं का अनुकूलन प्रमुख रहे।
नवाचार और सतत विकास का तालमेल
सम्मेलन में परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीक के समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया गया। प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन जैसे मंत्रियों ने कोल्ड चेन, डिजिटल प्लेटफॉर्म, और गांव स्तर पर रोजगार सृजन की रणनीतियाँ साझा कीं।
आगे की राह
यह सम्मेलन नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और जमीनी मछुआरों के बीच सेतु का कार्य करता है। अब आवश्यकता है कि बुद्धिमत्तापूर्वक योजनाबद्ध, संसाधन युक्त, और सामूहिक प्रयासों से भारत अंतर्देशीय मत्स्य पालन में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बने।
Static Usthadian Current Affairs Table
मुख्य बिंदु | विवरण |
कार्यक्रम | अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर सम्मेलन 2025 |
स्थान | इंदौर, मध्य प्रदेश |
आयोजक संस्था | मत्स्य पालन विभाग, MoFAH&D |
प्रमुख योजना | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) |
कुल फंड आवंटन | ₹38,572 करोड़ |
वैश्विक मत्स्य उत्पादन में भारत की रैंक | 2nd |
मत्स्य उत्पादन वृद्धि | 2013–14 से 142% |
सहायक योजनाएं | FIDF, PM-MKSSY, KCC |
प्रमुख मंत्री | राजीव रंजन सिंह |
उल्लेखनीय तकनीकें | Biofloc, RAS, ड्रोन निगरानी, शीत जल मत्स्य पालन |
मत्स्य पालन पर निर्भर जनसंख्या | 3 करोड़ |
सम्मिलित राज्य | एमपी, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख |