कृषि वानिकी सुधारों को बढ़ावा
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने कृषि भूमि में वृक्षों की कटाई को लेकर नए मॉडल नियम जारी किए हैं। इनका उद्देश्य है किसानों को फसल के साथ वृक्षारोपण में सुविधा देना और अनावश्यक सरकारी अड़चनों को हटाना। यह पहल भारत के जलवायु लक्ष्यों को साधते हुए कृषि में कारोबार की सुगमता बढ़ाती है।
नए ढांचे के उद्देश्य
इस नीति का मुख्य उद्देश्य है कृषि भूमि पर पेड़ों की कटाई के लिए अनुमतियों को सरल बनाना, जिससे किसान आर्थिक रूप से लाभकारी वृक्षारोपण को अपनाने के लिए प्रेरित हों।
इसके साथ ही, डिजिटल मंच जैसे राष्ट्रीय टिंबर प्रबंधन प्रणाली (NTMS) पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता, ट्रेसबिलिटी और बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करना भी लक्ष्य है।
पूर्व चुनौतियां और सुधार की आवश्यकता
पहले किसानों को अपनी ही भूमि पर उगाए गए वृक्षों को काटने के लिए कई विभागों से अनुमति लेनी पड़ती थी, जिससे टिंबर प्रजातियों की खेती में रुचि कम हो रही थी और आर्थिक अवसरों की हानि हो रही थी।
Static GK तथ्य: एग्रोफॉरेस्ट्री मिट्टी की उर्वरता, जल संरक्षण और कार्बन अवशोषण में मदद करती है, जो सतत कृषि के लिए आवश्यक है।
मॉडल नियमों की प्रमुख विशेषताएं
इन नियमों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एकरूप दिशानिर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं:
• NTMS पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण
• भूमि स्वामित्व प्रमाण
• जियो-टैग्ड फोटो और KML फाइल द्वारा लोकेशन अपलोड
• वृक्ष प्रजातियों और बुवाई क्षेत्र का विवरण
यह पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया होगी, जिससे भ्रष्टाचार और देरी में कमी आएगी।
Static GK टिप: Wood-Based Industries Guidelines 2016 में औद्योगिक उपयोग के लिए टिंबर नीति की नींव रखी गई थी, जिसे अब कृषि भूमि पर विस्तारित किया जा रहा है।
निगरानी और सत्यापन प्रणाली
हर राज्य में State Level Committee बनाई जाएगी, जो योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखेगी। पंजीकृत वृक्षारोपण का सत्यापन राज्य सरकार द्वारा नियुक्त मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा किया जाएगा, जिनकी निगरानी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) करेंगे। इससे पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित होगा।
आर्थिक और पारिस्थितिक लाभ
नए नियमों से किसानों की आय बढ़ेगी और देश में घरेलू टिंबर उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और लकड़ी आधारित उद्योगों को स्थानीय कच्चा माल मिलेगा।
यह पहल राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्यों और वृक्षावरण विस्तार के उद्देश्यों को भी बल देती है।
Static GK टिप: भारत का वन और वृक्षावरण 2021 में कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.62% था, जिसमें एग्रोफॉरेस्ट्री का बड़ा योगदान है।
सतत विकास की दिशा में रणनीतिक पहल
यह सुधार आर्थिक प्रगति और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। स्पष्ट दिशानिर्देश, डिजिटल समाधान और कम लालफीताशाही से सरकार चाहती है कि एग्रोफॉरेस्ट्री भारत के किसान समुदाय के लिए लाभकारी और व्यावसायिक रूप से संभव विकल्प बने।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
घोषणा तिथि | 29 जून 2025 |
जारी मंत्रालय | पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय |
उद्देश्य | कृषि भूमि पर पेड़ों की कटाई को सरल बनाना |
डिजिटल मंच | राष्ट्रीय टिंबर प्रबंधन प्रणाली (NTMS) पोर्टल |
आवश्यक डेटा | भूमि स्वामित्व, KML फाइलें, जियो टैग्ड इमेज |
निगरानी प्राधिकरण | डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) |
सत्यापन एजेंसियां | राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त |
नीति लाभ | टिंबर उत्पादन बढ़ाना, आयात पर निर्भरता घटाना |
Static GK संदर्भ | Wood-Based Industries Guidelines 2016 |
पर्यावरणीय प्रभाव | भारत के NDC लक्ष्यों और वृक्षावरण में सहयोग |