करंट अफेयर्स: कुसुम-C योजना 2025, कर्नाटक सौर कृषि नीति, किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति, सौर उपकेंद्र, कृषि पंप सब्सिडी, स्मार्ट मीटर योजना कर्नाटक, RDS योजना, कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य
किसानों को दिन में बिजली देने की पहल
कर्नाटक सरकार ने अपनी हरित ऊर्जा यात्रा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा शुरू की गई कुसुम-C योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को दिन के समय विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराना है। इससे सिंचाई बेहतर होगी, बिजली कटौती कम होगी, और बिजली का स्मार्ट उपयोग संभव होगा।
पारंपरिक ग्रिड या डीज़ल जनरेटर की बजाय, यह योजना सौर ऊर्जा का उपयोग करती है। कुल 389 उपकेंद्रों का सौरकरण किया जाएगा, जिससे 2,396 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इससे 1,555 कृषि फीडर और करीब 6.32 लाख पंप सेट लाभान्वित होंगे।
किसानों को भारी सब्सिडी
इस योजना को किसानों के लिए सस्ता बनाने के लिए सरकार ने ₹19,000 करोड़ की सब्सिडी की घोषणा की है। जो किसान सौर उत्पादन इकाई लगाना चाहते हैं, उन्हें 80% सब्सिडी (50% राज्य सरकार और 30% केंद्र सरकार से) मिलेगी।
इससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा और हरित ऊर्जा को अपनाने का रास्ता खुलेगा। साथ ही यह योजना गैर–नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता को भी कम करेगी।
बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि
कर्नाटक ने मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 4,000 मेगावॉट बिजली क्षमता जोड़ी है। फिलहाल राज्य की कुल विद्युत क्षमता 35,000 मेगावॉट है, और इसे 2030 तक 60,000 मेगावॉट करने का लक्ष्य है।
यह केवल वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास नहीं है, बल्कि भविष्य की कृषि जरूरतों के लिए ऊर्जा सुनिश्चित करने की योजना है।
स्मार्ट मीटर से बेहतर निगरानी
ऊर्जा की बर्बादी एक छिपी हुई चुनौती है। इसे कम करने के लिए राज्य सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा की है, जो पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (RDS) का हिस्सा है।
इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ऊर्जा अवसंरचना निर्माण पर 60% सब्सिडी दे रही है और प्रत्येक स्मार्ट मीटर के लिए ₹900 की सहायता प्रदान की जा रही है। यह ऊर्जा खपत पर निगरानी को बढ़ाएगा और बिजली चोरी पर अंकुश लगाएगा।
हरित लक्ष्य और ग्रामीण प्रभाव
स्थानीय स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने से गांवों को बड़े ग्रिड पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पवगड़ा जैसे क्षेत्रों में सौर परियोजनाओं का विस्तार होगा। इससे प्रदूषण घटेगा, जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम होगा, और बिजली की आपूर्ति स्थिर रहेगी।
इसके अलावा, गृह ज्योति योजना के तहत पहले से ही 1.64 लाख परिवारों को मुफ्त बिजली दी जा रही है, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
स्थैतिक ‘Usthadian’ करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
योजना का नाम | कुसुम-C योजना |
लागू राज्य | कर्नाटक |
मुख्यमंत्री | सिद्धारमैया |
सौर उपकेंद्र | 389 |
उत्पादित बिजली | 2,396 मेगावॉट |
लाभान्वित कृषि फीडर | 1,555 |
लाभान्वित पंप सेट | 6.32 लाख |
कृषि पंप सब्सिडी | ₹19,000 करोड़ |
सौर पैनल सब्सिडी | 80% (50% राज्य + 30% केंद्र) |
वर्तमान बिजली क्षमता | 35,000 मेगावॉट |
2030 का लक्ष्य | 60,000 मेगावॉट |
स्मार्ट मीटर सब्सिडी | ₹900 प्रति मीटर |
मुफ्त बिजली योजना | गृह ज्योति योजना |
प्रमुख सौर जिला | पवगड़ा |