तमिलनाडु का पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयास
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, तमिलनाडु सरकार ने दिंडीगुल जिले के कासमपट्टी (वीरन कोविल) पवित्र वन को 2025 में जैव विविधता विरासत स्थल (BHS) के रूप में घोषित किया है। यह निर्णय जैविक विविधता अधिनियम, 2002 के तहत लिया गया, जो राज्य सरकारों को पारिस्थितिक रूप से समृद्ध क्षेत्रों को संरक्षण के लिए अधिसूचित करने का अधिकार देता है। यह स्थल मदुरै जिले में स्थित अरिट्टापट्टी (2022) के बाद तमिलनाडु का दूसरा BHS बन गया है।
स्थल की भौगोलिक स्थिति और पारिस्थितिक महत्व
कासमपट्टी पवित्र वन लगभग 4.97 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और अळगर्मलै रिज़र्व फॉरेस्ट के पास स्थित है। भले ही इसका क्षेत्रफल छोटा हो, फिर भी यह वन एक हरित गलियारे (ग्रीन कॉरिडोर) के रूप में कार्य करता है, जो प्रजातियों की आवाजाही और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में सहायक है। ऐसे पवित्र वन पारंपरिक रूप से स्थानीय समुदायों द्वारा संरक्षित किए गए हैं, और अब ये जैव विविधता के प्राकृतिक भंडार बन चुके हैं।
समृद्ध वनस्पति और जैव विविधता संरचना
जैव विविधता आकलन के अनुसार, कासमपट्टी BHS में 48 वृक्ष प्रजातियाँ, 22 झाड़ी प्रजातियाँ, 21 लताएं और 29 औषधीय वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। यह विविधता बीज प्रसार और परागण जैसी प्रक्रियाओं में सहायक है और छोटे जीवों को आवास प्रदान करती है। इस स्थल का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, क्योंकि यहाँ स्थित वीरन कोविल मंदिर के कारण समुदाय द्वारा संचालित संरक्षण प्रयास भी निरंतर जारी हैं।
राज्य की रणनीति और संरक्षण का भविष्य
तमिलनाडु राज्य जैव विविधता बोर्ड सक्रिय रूप से विशिष्ट पारिस्थितिक क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें विरासत स्थल के रूप में अनुशंसा कर रहा है। कासमपट्टी की मान्यता से यह स्पष्ट होता है कि सरकार छोटे लेकिन पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण भूखंडों को भी संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे स्थलों की पहचान से जैव विविधता की रक्षा के साथ-साथ सामुदायिक जागरूकता और इको-पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। स्थानीय पंचायतों और वन विभागों से दीर्घकालिक संरक्षण में प्रमुख भूमिका निभाने की अपेक्षा की जा रही है।
Static GK जानकारी सारांश
श्रेणी | विवरण |
स्थल का नाम | कासमपट्टी (वीरन कोविल) पवित्र वन |
जिला | दिंडीगुल, तमिलनाडु |
घोषित श्रेणी | जैव विविधता विरासत स्थल (BHS) |
घोषित अधिनियम | जैविक विविधता अधिनियम, 2002 |
घोषणा का वर्ष | 2025 |
कुल क्षेत्रफल | 4.97 हेक्टेयर |
निकटवर्ती स्थल | अळगर्मलै रिज़र्व फॉरेस्ट |
प्रमुख जैव विविधता | 48 वृक्ष, 22 झाड़ियाँ, 21 लताएं, 29 औषधीय वनस्पतियाँ |
तमिलनाडु का पहला BHS | अरिट्टापट्टी, मदुरै (2022) |
सांस्कृतिक विशेषता | स्थल के भीतर वीरन कोविल मंदिर स्थित है |