जुलाई 18, 2025 9:20 अपराह्न

कानूनी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने धारावी पुनर्विकास परियोजना को दी मंज़ूरी

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Supreme Court Upholds Dharavi Redevelopment Project Amid Legal Battle

धारावी की शहरी कायाकल्प योजना को मिला न्यायिक समर्थन

भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने देश की सबसे महत्वाकांक्षी शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं में से एकधारावी पुनर्विकास परियोजना को कानूनी चुनौतियों के बावजूद जारी रखने की अनुमति दे दी है। यह परियोजना मुंबई के दिल में स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी को एक आधुनिक टाउनशिप में बदलने की योजना है, जिससे 10 लाख से अधिक लोगों का जीवन प्रभावित होगा। यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2022 में आदाणी समूह को यह परियोजना सौंपे जाने के विवादास्पद फैसले को कानूनी वैधता प्रदान करता है।

टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठा विवाद

यह विवाद तब शुरू हुआ जब सेशल्सस्थित STC कंपनी ने अपने सफल टेंडर को रद्द किए जाने को चुनौती दी। STC ने आरोप लगाया कि सरकार ने टेंडर शर्तों को बदलकर आदाणी प्रॉपर्टीज को लाभ पहुंचाया, जो सत्ता का दुरुपयोग है। STC का दावा था कि उन्होंने ₹7,200 करोड़ की बोली लगाई थी, जिसे बाद में ₹8,640 करोड़ तक बढ़ाया गया, जबकि आदाणी की बोली केवल ₹5,069 करोड़ थी। लेकिन राज्य सरकार ने तर्क दिया कि आदाणी ने अतिरिक्त शर्तों को स्वीकार किया था, जैसे कि भारतीय रेलवे को अग्रिम भुगतान और निर्माण कार्य की सख्त समय सीमाएं, जो STC ने नहीं कीं।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और शर्तें

यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पहुंचा, जिसने परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने माना कि मामला अभी विचाराधीन है, लेकिन परियोजना की प्रगति को देखते हुए निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति दी। हालांकि, कोर्ट ने वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख शर्तें लगाईं, जैसे कि आदाणी को परियोजना से जुड़े सभी खर्चों के लिए अलग खाता रखना होगा। यह दर्शाता है कि अदालत विकास को रोक नहीं रही है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को लेकर सतर्क भी है

दांव पर क्या है?

259 हेक्टेयर में फैली धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य निवासियों के लिए बेहतर आवास, स्वच्छता और अवसंरचना उपलब्ध कराना है। यह पूरी होने पर भारत के लिए शहरी पुनर्वास का एक मॉडल बन सकती है। लेकिन यह कानूनी लड़ाई इस बात का मानदंड तय कर सकती है कि बड़े सार्वजनिक अनुबंध कैसे आवंटित किए जाएं। अगली सुनवाई 25 मई 2025 को निर्धारित है, और इसका फैसला भविष्य की सार्वजनिकनिजी भागीदारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा तय कर सकता है

STATIC GK SNAPSHOT (हिंदी में)

विशेषता विवरण
परियोजना का नाम धारावी पुनर्विकास परियोजना
स्थान मुंबई, महाराष्ट्र
कुल क्षेत्रफल 259 हेक्टेयर
वर्तमान डेवलपर आदाणी प्रॉपर्टीज
पूर्व बोलीदाता Seclink Technology Corporation (STC)
सुप्रीम कोर्ट का फैसला वित्तीय शर्तों के साथ निर्माण की अनुमति
परियोजना प्रकार शहरी पुनर्वास / सार्वजनिक-निजी भागीदारी
अगली सुनवाई की तिथि 25 मई, 2025
संबंधित न्यायालय भारत का सर्वोच्च न्यायालय
मुख्य कानूनी चिंता टेंडर की निष्पक्षता, सत्ता का दुरुपयोग आरोप
Supreme Court Upholds Dharavi Redevelopment Project Amid Legal Battle
  1. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने चालू कानूनी विवादों के बावजूद धारावी पुनर्विकास परियोजना को जारी रखने की अनुमति दी
  2. इस परियोजना का उद्देश्य एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी को एक आधुनिक नगर में बदलना है।
  3. पुनर्विकास का क्षेत्र मुंबई, महाराष्ट्र में 259 हेक्टेयर भूमि पर फैला है।
  4. आदाणी प्रॉपर्टीज वर्तमान में धारावी परियोजना का डेवलपर है।
  5. पूर्व विजेता सेकलिंक टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (STC) ने सरकार के निर्णय को अदालत में चुनौती दी।
  6. STC ने निविदा में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि उनकी बोली ₹8,640 करोड़ की थी, जबकि आदाणी की ₹5,069 करोड़
  7. राज्य सरकार ने तर्क दिया कि आदाणी की योजना में रेलवे को अग्रिम भुगतान जैसी बेहतर शर्तें थीं।
  8. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया
  9. कोर्ट ने योजना की उन्नत स्थिति और शहरी विकास की आवश्यकता का हवाला दिया।
  10. फैसले में एक शर्त रखी गई: आदाणी को परियोजना से संबंधित खर्चों के लिए अलग खाता रखना होगा
  11. कोर्ट की यह स्थिति PPP (सार्वजनिकनिजी भागीदारी) परियोजनाओं में पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है।
  12. यह परियोजना महाराष्ट्र की शहरी नवीकरण और आवास नीति रणनीति का हिस्सा है।
  13. कानूनी आरोपों में शक्ति के दुरुपयोग और निविदा में निष्पक्षता की कमी शामिल हैं।
  14. धारावी परियोजना का सीधा प्रभाव मुंबई के 10 लाख से अधिक निवासियों पर पड़ेगा।
  15. यदि सफल हुई, तो यह पूरे भारत में शहरी पुनर्वास की एक मॉडल परियोजना बन सकती है।
  16. मामले की अगली सुनवाई 25 मई 2025 को निर्धारित है।
  17. यह विवाद भारत में भविष्य की अवसंरचना निविदा नीतियों को प्रभावित कर सकता है
  18. मामला सरकारी अनुबंधों की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठाता है।
  19. यह उच्च मूल्य की अवसंरचना परियोजनाओं में न्यायिक निगरानी की एक अहम परीक्षा है।
  20. अदालत का निर्णय बड़ी PPP शहरी परियोजनाओं के लिए सतर्क समर्थन का संकेत देता है।

Q1. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, धारावी पुनर्विकास परियोजना का वर्तमान डेवलपर कौन है?


Q2. धारावी पुनर्विकास परियोजना द्वारा कवर किया गया कुल क्षेत्रफल कितना है?


Q3. सेकलिंक टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (STC) द्वारा लगाया गया मुख्य कानूनी आरोप क्या था?


Q4. परियोजना को जारी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी पर कौन-सी प्रमुख वित्तीय शर्त लगाई?


Q5. धारावी मामले पर अगली सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की निर्धारित तारीख क्या है?


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