धारावी की शहरी कायाकल्प योजना को मिला न्यायिक समर्थन
भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने देश की सबसे महत्वाकांक्षी शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक—धारावी पुनर्विकास परियोजना को कानूनी चुनौतियों के बावजूद जारी रखने की अनुमति दे दी है। यह परियोजना मुंबई के दिल में स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी को एक आधुनिक टाउनशिप में बदलने की योजना है, जिससे 10 लाख से अधिक लोगों का जीवन प्रभावित होगा। यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2022 में आदाणी समूह को यह परियोजना सौंपे जाने के विवादास्पद फैसले को कानूनी वैधता प्रदान करता है।
टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठा विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब सेशल्स–स्थित STC कंपनी ने अपने सफल टेंडर को रद्द किए जाने को चुनौती दी। STC ने आरोप लगाया कि सरकार ने टेंडर शर्तों को बदलकर आदाणी प्रॉपर्टीज को लाभ पहुंचाया, जो “सत्ता का दुरुपयोग“ है। STC का दावा था कि उन्होंने ₹7,200 करोड़ की बोली लगाई थी, जिसे बाद में ₹8,640 करोड़ तक बढ़ाया गया, जबकि आदाणी की बोली केवल ₹5,069 करोड़ थी। लेकिन राज्य सरकार ने तर्क दिया कि आदाणी ने अतिरिक्त शर्तों को स्वीकार किया था, जैसे कि भारतीय रेलवे को अग्रिम भुगतान और निर्माण कार्य की सख्त समय सीमाएं, जो STC ने नहीं कीं।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और शर्तें
यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पहुंचा, जिसने परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने माना कि मामला अभी विचाराधीन है, लेकिन परियोजना की प्रगति को देखते हुए निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति दी। हालांकि, कोर्ट ने वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख शर्तें लगाईं, जैसे कि आदाणी को परियोजना से जुड़े सभी खर्चों के लिए अलग खाता रखना होगा। यह दर्शाता है कि अदालत विकास को रोक नहीं रही है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को लेकर सतर्क भी है।
दांव पर क्या है?
259 हेक्टेयर में फैली धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य निवासियों के लिए बेहतर आवास, स्वच्छता और अवसंरचना उपलब्ध कराना है। यह पूरी होने पर भारत के लिए शहरी पुनर्वास का एक मॉडल बन सकती है। लेकिन यह कानूनी लड़ाई इस बात का मानदंड तय कर सकती है कि बड़े सार्वजनिक अनुबंध कैसे आवंटित किए जाएं। अगली सुनवाई 25 मई 2025 को निर्धारित है, और इसका फैसला भविष्य की सार्वजनिक–निजी भागीदारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा तय कर सकता है।
STATIC GK SNAPSHOT (हिंदी में)
विशेषता | विवरण |
परियोजना का नाम | धारावी पुनर्विकास परियोजना |
स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
कुल क्षेत्रफल | 259 हेक्टेयर |
वर्तमान डेवलपर | आदाणी प्रॉपर्टीज |
पूर्व बोलीदाता | Seclink Technology Corporation (STC) |
सुप्रीम कोर्ट का फैसला | वित्तीय शर्तों के साथ निर्माण की अनुमति |
परियोजना प्रकार | शहरी पुनर्वास / सार्वजनिक-निजी भागीदारी |
अगली सुनवाई की तिथि | 25 मई, 2025 |
संबंधित न्यायालय | भारत का सर्वोच्च न्यायालय |
मुख्य कानूनी चिंता | टेंडर की निष्पक्षता, सत्ता का दुरुपयोग आरोप |