सरला दास की साहित्यिक विरासत को स्मरण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कटक, ओडिशा में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को कलिंग रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया। यह कार्यक्रम ओडिशा के आदिकवि सरला दास की 600वीं जयंती के अवसर पर आयोजित हुआ था।
इस कार्यक्रम का आयोजन सरला साहित्य संसद ने किया, जो ओडिशा की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने वाली प्रमुख संस्था है। यह अवसर भारतीय भाषाओं की विविधता में एकता को रेखांकित करता है।
Static GK fact: सरला दास को उनकी प्रसिद्ध कृति उड़िया महाभारत के लिए जाना जाता है, जिसने शास्त्रीय साहित्य को आम लोगों के लिए सुलभ बनाया।
सांस्कृतिक गौरव के माध्यम से राष्ट्रीय दृष्टिकोण
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की भाषाई विविधता उसकी सांस्कृतिक पहचान की आत्मा है। उन्होंने बताया कि इस तरह के पुरस्कार क्षेत्रीय भाषाओं और साहित्यिक परंपराओं को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का भी उल्लेख किया, जिसमें मातृभाषा में शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है, जिससे बच्चों में गहरी समझ और सांस्कृतिक जुड़ाव विकसित होता है।
Static GK Tip: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को 29 जुलाई 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था। यह नीति 1986 की शिक्षा नीति का स्थान लेती है और बहुभाषी शिक्षा व आधारभूत साक्षरता पर केंद्रित है।
धर्मेन्द्र प्रधान का योगदान
सरला साहित्य संसद द्वारा स्थापित कलिंग रत्न पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने शिक्षा, साहित्य या लोक सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दिया हो। इस वर्ष का पुरस्कार धर्मेन्द्र प्रधान को उनकी शैक्षिक सुधारों, भारतीय भाषाओं के संवर्धन, और NEP 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दिया गया।
Static GK fact: धर्मेन्द्र प्रधान वर्तमान में संबलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास मंत्री हैं।
अन्य साहित्यिक हस्तियों का सम्मान
इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध लघु कथा लेखक विजय नायक को सरला सम्मान से भी नवाजा गया। यह पुरस्कार ओडिशा के प्रमुख साहित्यिक सम्मानों में से एक है, जो समकालीन उड़िया साहित्य में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है।
इस तरह के सम्मान व्यक्तिगत उत्कृष्टता को प्रेरित करते हैं और क्षेत्रीय साहित्यिक विरासत के संवर्धन की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देते हैं।
विविधता में एकता का उत्सव
कलिंग रत्न 2024 का आयोजन भाषाई समावेशिता के प्रतीक के रूप में देखा गया। यह कार्यक्रम इस विचार को प्रबल करता है कि हर भारतीय भाषा लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक मूल्यों में समान योगदान देती है।
साहित्यिक और शैक्षिक योगदानों को मान्यता देकर भारत एक ऐसा भविष्य गढ़ रहा है जो ज्ञान, समावेशिता और सांस्कृतिक गौरव से ओत-प्रोत है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
कलिंग रत्न पुरस्कार 2024 | धर्मेन्द्र प्रधान को प्रदान किया गया |
पुरस्कार प्रस्तुतकर्ता | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
अवसर | सरला दास की 600वीं जयंती |
आयोजक संस्था | सरला साहित्य संसद |
सरला दास | उड़िया महाभारत के लेखक |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 | मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देती है |
धर्मेन्द्र प्रधान | केंद्रीय शिक्षा मंत्री |
सरला सम्मान 2024 | विजय नायक को प्रदान किया गया |
कार्यक्रम का उद्देश्य | भारतीय भाषाओं और साहित्य का संवर्धन |
कार्यक्रम स्थल | कटक, ओडिशा |