कर्नाटक की डिजिटल-प्रथम पहल
कर्नाटक सरकार ने Karnataka Stamps (Digital e-Stamp) Rules, 2025 की घोषणा करते हुए स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
अब पारंपरिक स्टाम्प पेपर की जगह कागज़ रहित, पारदर्शी, और प्रत्यक्ष कोषागार आधारित ई–स्टाम्पिंग प्रणाली लागू होगी। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और प्रक्रिया अधिक सस्ती व सुरक्षित बन जाएगी।
घोटालों से पारदर्शिता की ओर
2000 के दशक की शुरुआत में टेल्गी स्टाम्प पेपर घोटाले के बाद कर्नाटक ने 2008 में ई–स्टाम्पिंग को अपनाया था।
उस समय SHCIL (स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) को एकमात्र सेवा प्रदाता बनाया गया था, जो 0.65% सेवा शुल्क लेता था।
Static GK तथ्य: टेल्गी घोटाला ₹30,000 करोड़ से अधिक का था, जिसने स्टाम्प प्रणाली में देशव्यापी सुधार की नींव रखी।
2025 के नए नियमों की विशेषताएं
डिजिटल ई–स्टाम्प नियम 2025 के तहत SHCIL की भूमिका समाप्त कर दी जाएगी, जिससे लेन–देन शुल्क घटेगा और प्रत्यक्ष कोषागार भुगतान संभव होगा।
नई प्रणाली में शामिल हैं:
- संपूर्ण पेपरलेस दस्तावेज़ीकरण
- आधार–आधारित ई–सिग्नेचर से कानूनी वैधता
- ऑनलाइन टेम्पलेट आधारित विलेख लेखन
- सुरक्षित डिजिटल दस्तावेज़ भंडारण
राजस्व और निगरानी में सुधार
नया ई-स्टाम्प मंच लगभग 3 करोड़ दस्तावेज़ों को डिजिटल निगरानी में लाएगा, जिनमें किराया अनुबंध, व्यापारिक समझौते और निजी अनुबंध शामिल हैं।
इससे राजस्व पारदर्शिता बढ़ेगी और लीकेज में कमी आएगी।
Static GK टिप: कर्नाटक ने 2000 में भूमि रिकॉर्ड कम्प्यूटरीकरण की ‘भूमि परियोजना’ शुरू करके डिजिटल गवर्नेंस की नींव डाली थी।
शासन और पर्यावरण के लिए लाभ
ई–स्टाम्पिंग से कागज़ की बचत, प्रसंस्करण समय में कमी, और दस्तावेज़ ट्रेसबिलिटी में सुधार होगा।
यह डिजिटल इंडिया मिशन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लक्ष्यों के अनुरूप है।
कागज़ रहित प्रणाली पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देगी और विधिक प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाएगी।
कार्यान्वयन समयरेखा और भविष्य
14 जुलाई 2025 को मसौदा नियम अधिसूचित किए गए, और जुलाई के अंत तक चरणबद्ध कार्यान्वयन की योजना है।
धीरे-धीरे सभी विभागों, सेवा प्रदाताओं और उपयोगकर्ताओं को इस प्रणाली से जोड़ा जाएगा, ताकि सुगम संक्रमण सुनिश्चित किया जा सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
डिजिटल ई-स्टाम्प नियम अधिसूचना | 14 जुलाई 2025 |
प्रमुख सुधार उद्देश्य | स्टाम्पिंग और रजिस्ट्रेशन का पूर्ण डिजिटलीकरण |
हटाई गई मध्यस्थ संस्था | स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL) |
सालाना दस्तावेज़ अनुमान | लगभग 3 करोड़ वैकल्पिक रूप से पंजीकरण योग्य दस्तावेज़ |
प्रमाणीकरण विशेषता | आधार आधारित ई-सिग्नेचर |
विलेख लेखन सुविधा | ऑनलाइन टेम्पलेट आधारित प्रणाली |
कागज़ बचत प्रभाव | पर्यावरणीय स्थिरता को समर्थन |
धोखाधड़ी रोकथाम पृष्ठभूमि | 2000 के दशक का टेल्गी स्टाम्प घोटाला |
कर्नाटक में ई-स्टाम्प की शुरुआत | 2008 |
भुगतान प्रणाली | कोषागार से सीधा भुगतान, बिना सेवा शुल्क |