भारत की मेजबानी में ऐतिहासिक रक्षा आयोजन
भारत की सबसे बड़ी वायु एवं रक्षा प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन 10 फरवरी को बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया। इस 15वें संस्करण ने खुद को एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी के रूप में स्थापित किया है, जो वैश्विक सैन्य तकनीक और भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
अत्याधुनिक सैन्य तकनीक और नवाचार का भव्य प्रदर्शन
लगभग 42,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस मेले में 70 विमान, जिनमें रूस का Su-57 और अमेरिका का F-35 लाइटनिंग II जैसे पाँचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर शामिल हैं। इस बार 90 देशों की भागीदारी हुई है, जिसमें 30 रक्षा मंत्री और 43 सैन्य प्रमुख भी शामिल हैं।
30 हेलिकॉप्टरों की हवाई प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित किया। वहीं, भारत पवेलियन और iDEX पवेलियन में 275 से अधिक स्वदेशी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया है। प्रमुख फोकस भविष्य के लड़ाकू विमान जैसे एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) और ट्विन इंजन डेक–बेस्ड फाइटर (TEDBF) पर भी रहा।
आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की ओर कदम
2025–26 के केंद्रीय रक्षा बजट में भारत सरकार ने रिकॉर्ड ₹6.81 लाख करोड़ आवंटित किए हैं, जिसमें से ₹1.80 लाख करोड़ पूंजीगत खरीद के लिए हैं। इनमें 75% धनराशि स्वदेशी खरीद के लिए आरक्षित है, जो ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करता है।
गुजरात में टाटा–एयरबस C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट परियोजना एक सफल सहयोग का उदाहरण है, जो भारत में जटिल रक्षा उपकरणों के निर्माण की क्षमता को दर्शाता है।
रक्षा उत्पादन और निर्यात में वृद्धि
भारत का रक्षा उद्योग मार्च 2025 तक ₹1.25 ट्रिलियन (लगभग $14.24 बिलियन) उत्पादन लक्ष्य पार करने की ओर अग्रसर है। भारत ₹210 बिलियन के निर्यात लक्ष्य को भी प्राप्त करना चाहता है, जिसमें अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व को प्रमुख साझेदार बनाया गया है।
सरकार की उद्योग–अनुकूल नीतियों और राजनयिक रक्षा संबंधों से भारत विश्वसनीय रक्षा निर्यातक और रणनीतिक भागीदार के रूप में उभर रहा है।
एयरो इंडिया का निरंतर विस्तार
1996 में आरंभ हुए एयरो इंडिया का दायरा एक क्षेत्रीय शो से बढ़कर वैश्विक रक्षा मंच बन चुका है। 2023 संस्करण में 700,000 से अधिक आगंतुक, 809 प्रदर्शक, और ₹75,000 करोड़ के समझौते हुए थे। 2025 का संस्करण इन आंकड़ों को पार करने का लक्ष्य लेकर आया है।
यह आयोजन संयुक्त उद्यमों, R&D सहयोग, और तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देता है, जिससे भारत का दीर्घकालिक लक्ष्य – वैश्विक रक्षा निर्माण हब बनना – साकार हो सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
आयोजन का नाम | एयरो इंडिया 2025 |
स्थान | येलहंका एयर फोर्स स्टेशन, बेंगलुरु |
उद्घाटनकर्ता | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह |
भाग लेने वाले देश | 90 देश |
प्रमुख विमान | F-35 (अमेरिका), Su-57 (रूस), कुल 70 विमान |
प्रमुख पवेलियन | भारत पवेलियन, iDEX पवेलियन |
रक्षा बजट 2025–26 | ₹6.81 लाख करोड़ |
पूंजीगत खरीद आवंटन | ₹1.80 लाख करोड़ |
स्वदेशी खरीद हिस्सा | पूंजीगत बजट का 75% |
उत्पादन लक्ष्य | ₹1.25 ट्रिलियन (मार्च 2025 तक) |
निर्यात लक्ष्य | ₹210 बिलियन |
प्रमुख परियोजना | टाटा-एयरबस C-295 एयरक्राफ्ट, गुजरात |
प्रथम संस्करण | 1996 |
कर्नाटक के मुख्यमंत्री (2025) | सिद्धारमैया |
कर्नाटक के राज्यपाल (2025) | थावरचंद गहलोत |
राज्य की राजधानी | बेंगलुरु |