बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की खोज से कृषि क्षेत्र में चेतावनी
28 जनवरी 2025 को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक नई फफूंदी प्रजाति Epicoccum indicum की खोज की, जिसे औषधीय पौधे वेटिवर (Chrysopogon zizanioides) में लीफ स्पॉट रोग फैलाने वाला कारक माना गया है। यह खोज कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के लिए एक नई चुनौती बनकर सामने आई है क्योंकि वेटिवर एक आर्थिक और चिकित्सीय रूप से महत्वपूर्ण पौधा है।
एपिकोक्कम इंडिकम की पहचान कैसे हुई?
इस फफूंदी की पहचान मॉर्फो–कल्चर ऑब्जर्वेशन (कोलोनी रंग, बीजाणु आकार) और मल्टीजीन फाइलोजेनेटिक विश्लेषण के आधार पर की गई। डीएनए अनुक्रमों की तुलना से वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया कि Epicoccum indicum कोई मौजूदा प्रजाति का संस्करण नहीं, बल्कि एक नई और अलग फफूंदी प्रजाति है।
वेटिवर का महत्व
वेटिवर सिर्फ एक घास नहीं है — यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में बुखार, त्वचा संक्रमण, दर्द और सूजन के उपचार में प्रयोग होती है। इसकी जड़ें इत्र, चटाई और ठंडी हवा देने वाले प्राकृतिक कूलर बनाने में उपयोग की जाती हैं।
वेटिवर शब्द की उत्पत्ति तमिल शब्द ‘வெட்டிவேர்’ (Vetiver) से हुई है, जिसका अर्थ है “खोद कर निकाली गई जड़”। इसे उत्तर भारत में “खस” कहा जाता है, जिसे अक्सर “खसखस” (पोस्त) से गलत समझ लिया जाता है।
लीफ स्पॉट रोग क्या है?
यह रोग वेटिवर के पत्तों पर भूरे या पीले धब्बों के रूप में दिखाई देता है, जिनके केंद्र में अक्सर गहरा मृत ऊतक (necrosis) होता है। यह रोग सिर्फ दिखने में खराब नहीं बल्कि फोटोसिंथेसिस की क्षमता को कम करता है, जिससे पौधे की वृद्धि रुक सकती है या पौधा मर भी सकता है।
यह रोग नमी वाली जलवायु में अधिक फैलता है और हवा, बारिश या सिंचाई के माध्यम से फफूंदी के बीजाणु दूर-दूर तक फैल सकते हैं।
व्यापक संदर्भ: फफूंदीजनित रोग और उनका प्रभाव
Epicoccum indicum की खोज भारत में कृषि और औषधीय पौधों की जैव विविधता पर मंडराते नए खतरों की सूची में एक और नाम जोड़ती है। इससे पहले भी लीफ रस्ट, ब्लाइट्स और डाउनी मिल्ड्यू जैसे कई पौध रोग सामने आ चुके हैं, जिनमें से प्रत्येक के लिए विशेष नियंत्रण उपायों की आवश्यकता होती है।
Static GK Snapshot
विषय | मुख्य तथ्य |
फफूंदी का नाम | Epicoccum indicum |
खोजकर्ता संस्थान | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) |
प्रभावित पौधा | वेटिवर / Chrysopogon zizanioides |
रोग का प्रकार | लीफ स्पॉट रोग |
‘Vetiver’ शब्द की उत्पत्ति | तमिल – “खोद कर निकाली गई जड़” |
पहचान पद्धति | मल्टीजीन मॉलिक्यूलर फाइलोजेनेटिक विश्लेषण |