UPI सुरक्षा को लेकर नए प्रतिबंध लागू
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अगस्त 2025 से UPI के लिए नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव बढ़ते ट्रांजैक्शन लोड और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए किए गए हैं।
2025 में मासिक 13 अरब UPI लेनदेन होने के चलते, इन नियमों का उद्देश्य सुरक्षा, पारदर्शिता और सर्वर प्रबंधन को बेहतर बनाना है।
बैलेंस पूछताछ की सीमा: दिन में 50 बार
अब कोई भी उपयोगकर्ता प्रति दिन अधिकतम 50 बार ही बैलेंस पूछताछ कर सकता है। इससे बैंकिंग सर्वर पर लोड कम होगा और अनावश्यक पूछताछ रोकी जा सकेगी।
Static GK: UPI की शुरुआत अप्रैल 2016 में NPCI द्वारा RBI और IBA के मार्गदर्शन में की गई थी।
बैंक खाता देखने की सीमा: 25 बार प्रतिदिन
अब उपयोगकर्ता दिन में केवल 25 बार ही बैंक खाता विवरण देख सकते हैं, जिससे डेटा की गोपनीयता बनी रहे और थर्ड-पार्टी एप्स द्वारा दुरुपयोग से बचा जा सके।
ऑटो-पेमेंट्स के लिए तय समय
अब ऑटो–डेबिट भुगतान (जैसे सब्सक्रिप्शन, बिजली बिल आदि) केवल तीन निश्चित समय विंडो में ही होंगे:
- सुबह 10:00 बजे से पहले
- दोपहर 1:00 से 5:00 बजे के बीच
- रात 9:30 बजे के बाद
इससे लेनदेन का लोड संतुलित रहेगा और फेलियर की संभावना घटेगी।
पेंडिंग स्टेटस चेक की सीमा
लंबित UPI ट्रांजैक्शन की स्थिति अब केवल 3 बार ही चेक की जा सकती है, और हर प्रयास के बीच 90 सेकंड का अंतर आवश्यक होगा। इससे सर्वर की बेवजह हिटिंग कम होगी।
पुष्टि से पहले जानकारी अनिवार्य
अब हर UPI ट्रांजैक्शन से पहले प्राप्तकर्ता का नाम और ट्रांजैक्शन ID स्क्रीन पर दिखाई जाएगी। इससे उपयोगकर्ता अंतिम भुगतान से पहले विवरण की पुष्टि कर सकेंगे और धोखाधड़ी रोकी जा सकेगी।
Static GK Tip: NPCI भारत में IMPS, Rupay, AePS और NACH जैसी अन्य सेवाएं भी संचालित करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
UPI नए नियम लागू तिथि | 1 अगस्त 2025 |
बैलेंस पूछताछ सीमा | प्रति दिन 50 बार |
बैंक खाता देख सकने की सीमा | प्रति दिन 25 बार |
ऑटो-पेमेंट विंडो | 10 बजे से पहले, 1–5 बजे, 9:30 बजे के बाद |
पेंडिंग चेक सीमा | 3 बार (हर प्रयास में 90 सेकंड का अंतर) |
धोखाधड़ी रोकथाम उपाय | भुगतान से पहले नाम और ट्रांजैक्शन ID की पुष्टि आवश्यक |
NPCI का पूरा नाम | नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया |
UPI लॉन्च वर्ष | 2016 |
NPCI की अन्य सेवाएं | IMPS, Rupay, AePS, NACH |
एनपीसीआई पर नियंत्रण | RBI और IBA द्वारा |