सेवा वितरण में पारदर्शिता के लिए डिजिटल उपकरण
13 जून 2025 को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एक ऐतिहासिक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसका उद्देश्य था — भारत की कृषि को डिजिटल युग में ले जाना। यह कार्यक्रम ‘एग्री स्टैक: डेटा को सेवा में बदलना’ के नाम से आयोजित हुआ, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी शामिल हुए। इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण था ₹6,000 करोड़ के विशेष केंद्रीय सहायता (SCA) फंड की घोषणा। इसमें से ₹4,000 करोड़ किसान रजिस्ट्री के निर्माण और ₹2,000 करोड़ डिजिटल फसल सर्वेक्षण को समर्पित किए गए हैं। यह फंड पहले आओ पहले पाओ के आधार पर वितरित किया जाएगा, जिससे राज्यों को तेजी से काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
किसानों को डिजिटल सशक्तिकरण की ओर कदम
सरकार ने किसानों के लिए डिजिटल रूप से सत्यापित प्रमाणपत्र (DVC) यानी किसान पहचान पत्र लॉन्च किया है। यह एक सुरक्षित डिजिटल आईडी है जो किसान की जमीन और फसल से जुड़ी जानकारी को जोड़ती है। जमीन के स्वामित्व में बदलाव होने पर यह प्रमाणपत्र DigiLocker से संशोधित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, एक 統一 शिकायत निवारण पोर्टल भी लॉन्च किया गया है, जो ओटीपी लॉगिन, ऑडियो अपलोड और बहुभाषी समर्थन जैसी सुविधाओं से लैस है, ताकि देशभर के किसान आसानी से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें।
राज्यों के साथ साझेदारी और डिजिटल ऋण सेवा
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, बिहार और ओडिशा के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये राज्य PSB अलायंस प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसान रजिस्ट्री का उपयोग कर ऋण सेवाएं प्रदान करेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों ने दिखाया कि कैसे एग्री स्टैक का उपयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खरीद, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, और आपदा राहत में किया जा रहा है।
खेतों में एआई की एंट्री
सम्मेलन में एक एआई–समर्थित चैटबॉट भी लॉन्च किया गया, जिसे Google Gemini तकनीक से बनाया गया है। यह चैटबॉट कई भारतीय भाषाओं को समझता है और एग्री स्टैक डेटा का उपयोग करके किसानों के प्रश्नों का उत्तर देता है। इसके अलावा, फेस रिकग्निशन और फसल पहचान जैसी तकनीकों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आजमाया जा रहा है।
क्या है एग्री स्टैक?
एग्री स्टैक, डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2021 का एक हिस्सा है। यह योजना आधार–आधारित पहचान, भूमि अभिलेख और फसल डेटा को जोड़कर सभी कृषि योजनाओं को एकीकृत करती है। यह भूमि संसाधन विभाग (DoLR) सहित कई विभागों से जानकारी एकत्र करता है, जिससे यह किसानों के लिए एक वन–स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म बन जाता है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?
डिजिटल टूल्स को अपनाकर भारत वैश्विक कृषि प्रशासन में अग्रणी बन रहा है। प्रत्येक रिकॉर्ड के डिजिटल होने से धोखाधड़ी की संभावना घटती है और सरकारी सहायता जल्दी पहुंचती है। साथ ही, यह पब्लिक–प्राइवेट साझेदारी को मजबूत करता है और राज्यों को नवाचार के लिए अधिक अवसर देता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
सारांश बिंदु | विवरण |
कार्यक्रम का नाम | एग्री स्टैक राष्ट्रीय सम्मेलन |
तिथि | 13 जून 2025 |
स्थान | सुषमा स्वराज भवन, नई दिल्ली |
आयोजक | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
मुख्य घोषणाएं | ₹6,000 करोड़ SCA फंड, DVC, एआई चैटबॉट, शिकायत पोर्टल |
समझौता राज्य | महाराष्ट्र, केरल, बिहार, ओडिशा |
एग्री स्टैक की शुरुआत | डिजिटल कृषि मिशन 2021 के तहत |
लॉन्च किए गए टूल्स | किसान पहचान पत्र, AI चैटबॉट, OTP लॉगिन, किसान रजिस्ट्री |
एकीकरण योजनाएं | पीएम-किसान, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएमएफबीवाई, मृदा/आपदा डेटा |
तकनीकी विशेषताएं | फेस रिकग्निशन, जियोरेफरेंसिंग, बहुभाषी एआई सपोर्ट |