विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व
विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है ताकि तेजी से बढ़ती जनसंख्या से उत्पन्न प्रमुख सामाजिक और स्वास्थ्य मुद्दों पर जागरूकता फैलाई जा सके। इसमें परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और प्रजनन अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जैसे-जैसे वैश्विक जनसंख्या बढ़ रही है, इन मुद्दों का समाधान करना सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हो गया है।
इस दिन की शुरुआत कैसे हुई
इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा की गई थी। यह दिवस उस ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करता है जब 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब के आंकड़े को पार कर गई थी, जिसे “फाइव बिलियन डे“ के रूप में जाना जाता है।
Static GK Fact: भारत ने 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनकर सतत जनसंख्या प्रबंधन की आवश्यकता को और अधिक बढ़ा दिया है।
2025 की थीम
2025 की थीम है: “Empowering young people to create the families they want in a fair and hopeful world.” यह युवाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित है। आज भी बड़ी संख्या में युवा प्रजनन स्वास्थ्य जानकारी और सेवाओं से वंचित हैं, जिससे वे अपने भविष्य के निर्णय सही रूप से नहीं ले पाते।
युवा क्यों हैं महत्वपूर्ण
दुनिया में 10 से 24 वर्ष के बीच के 1.8 अरब से अधिक युवा हैं। यह जनसांख्यिकीय समूह भविष्य की सामाजिक संरचना को आकार देगा। यदि इन्हें स्वास्थ्य शिक्षा, गर्भनिरोधक सेवाओं और प्रजनन अधिकारों तक पहुंच दी जाए, तो यह एक अधिक समान और समावेशी समाज की नींव बन सकते हैं।
Static GK Tip: 1994 के काहिरा सम्मेलन (ICPD) में प्रजनन अधिकारों को मानव गरिमा और विकास के लिए आवश्यक माना गया था।
भारत की स्थिति
भारत में बाल विवाह, किशोरावस्था में गर्भधारण, और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में असमानताएँ प्रमुख चुनौतियाँ हैं। इन्हें संबोधित करने के लिए सरकार ने मिशन परिवार विकास और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाएं चलाई हैं। इनका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करना, और स्वैच्छिक परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है।
Static GK Fact: NFHS-5 के अनुसार भारत का कुल प्रजनन दर (TFR) 2.0 तक घट गया है, जो कि आदर्श प्रतिस्थापन स्तर 2.1 के बेहद करीब है।
नीति के माध्यम से जागरूकता
विश्व जनसंख्या दिवस नीति निर्माताओं को युवाओं पर केंद्रित नीतियाँ, सामुदायिक सहभागिता, और स्वास्थ्य प्रणाली में समावेशन की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसाइटी और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच सहयोग बेहद जरूरी है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
मनाने की तिथि | हर वर्ष 11 जुलाई |
आरंभकर्ता | संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) |
स्थापना वर्ष | 1989 |
पहला अवसर | फाइव बिलियन डे – 11 जुलाई 1987 |
2025 की थीम | “Empowering young people to create the families they want in a fair and hopeful world” |
भारत की TFR | 2.0 (NFHS-5) |
प्रमुख योजनाएं | मिशन परिवार विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन |
संबंधित SDG लक्ष्य | लक्ष्य 3: स्वास्थ्य, लक्ष्य 5: लैंगिक समानता |
वैश्विक युवा जनसंख्या | 1.8 अरब (आयु 10–24 वर्ष) |
प्रमुख सम्मेलन | ICPD, काहिरा, 1994 |