उपराष्ट्रपति का अप्रत्याशित इस्तीफा
21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह इस्तीफा राष्ट्रपति को पत्र के माध्यम से सौंपा। यह इस्तीफा उनके कार्यकाल के बीच में आया, जिससे संसदीय नेतृत्व में व्यवधान उत्पन्न हुआ, खासकर संसद के मानसून सत्र के दौरान।
इस्तीफे के संवैधानिक प्रावधान
अनुच्छेद 67(क) के अनुसार, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित पत्र सौंपकर अपने पद से त्यागपत्र दे सकते हैं। इस्तीफा स्वीकार होते ही पद रिक्त घोषित होता है और संविधान के तहत 60 दिनों के भीतर नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू करनी होती है।
Static GK fact: भारत का पहला उपराष्ट्रपति बनने का गौरव डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को प्राप्त हुआ था। यह पद 1950 में स्थापित हुआ था।
राज्यसभा में अस्थायी नेतृत्व
धनखड़ के इस्तीफे के बाद, राज्यसभा अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन उपसभापति द्वारा किया जाता है। अनुच्छेद 91 के तहत यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वर्तमान में हरिवंश नारायण सिंह, जो राज्यसभा के उपसभापति हैं, अस्थायी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।
Static GK fact: राज्यसभा के उपसभापति का चयन राज्यसभा सदस्य स्वयं करते हैं और यह पद उपस्थित उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति या रिक्तता में महत्वपूर्ण होता है।
चुनाव की प्रक्रिया और समय-सीमा
संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के रिक्त होने के 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना आवश्यक है। इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग पर होती है। चुनाव समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल हस्तांतरित मत प्रणाली से होता है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद गुप्त मतदान के माध्यम से भाग लेते हैं।
उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्रता
उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को निम्नलिखित योग्यता मापदंड पूरे करने होते हैं:
- भारत का नागरिक होना चाहिए
- न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए
- राज्यसभा का सदस्य बनने की पात्रता होनी चाहिए
- कोई लाभ का पद धारण नहीं करना चाहिए (संवैधानिक पद जैसे राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री को छोड़कर)
Static GK Tip: उपराष्ट्रपति पद पर रहते हुए वह सांसद नहीं हो सकते।
व्यापक राजनीतिक संकेत
धनखड़ का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब राजनीतिक समीकरणों में बदलाव देखे जा रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में अपने सशक्त नेतृत्व और विपक्ष से तीखी बहसों के लिए पहचान बनाई थी। आगामी चुनाव केवल संवैधानिक औपचारिकता नहीं बल्कि राजनीतिक दिशा परिवर्तन का संकेत भी हो सकता है, विशेषकर 2029 के आम चुनावों को देखते हुए।
अब अनुभवी सांसदों, पूर्व राज्यपालों और वरिष्ठ राजनेताओं के नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं, जो देश की आगामी रणनीतिक नीतियों को आकार दे सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
इस्तीफे की तिथि | 21 जुलाई 2025 |
संबंधित अनुच्छेद | अनुच्छेद 67(क) |
कार्यवाहक राज्यसभा अध्यक्ष | हरिवंश नारायण सिंह |
चुनाव की समय-सीमा | 60 दिनों के भीतर (19 सितंबर 2025 तक) |
पहले उपराष्ट्रपति | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन |
निर्वाचक मंडल की संख्या | 788 सांसद |
मतदान प्रणाली | समानुपातिक प्रतिनिधित्व + एकल हस्तांतरित मत |
न्यूनतम आयु सीमा | 35 वर्ष |
पद से संबंधित भूमिका | राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष |
चुनाव की निगरानी संस्था | भारत निर्वाचन आयोग |