पंजाब का कपास संकट: समृद्धि से पतन तक
1990 के दशक में जहां पंजाब में 8 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती होती थी, वहीं 2024 में यह आंकड़ा सिर्फ 1 लाख हेक्टेयर रह गया है। इसका मुख्य कारण है — कीट प्रकोप। पुराने जीएम कपास वेरिएंट जैसे बोलगार्ड-1 और बोलगार्ड-2 अब सफेद मक्खियों और गुलाबी सुंडियों का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं, जिससे किसानों की उपज घट रही है और लागत बढ़ रही है।
बोलगार्ड-3 की उम्मीद: क्या बायोटेक फसल को बचाएगा?
बोलगार्ड-3, जिसे मॉन्सेंटो ने विकसित किया है, में तीन Bt प्रोटीन (Cry1Ac, Cry2Ab, Vip3A) होते हैं जो कीटों के पाचन तंत्र पर असर डालते हैं। किसान मानते हैं कि यह गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण पा सकता है और कीटनाशकों पर निर्भरता घटा सकता है। लेकिन सरकारी स्वीकृति की कमी के कारण इसका इस्तेमाल अभी संभव नहीं है।
जिनिंग उद्योग की तबाही
कपास की गिरती फसल का असर जिनिंग उद्योग पर भी पड़ा है। 2004 में पंजाब में 422 जिनिंग यूनिट्स थीं, जबकि 2024 में केवल 22 चालू हैं। इससे रोजगार में गिरावट और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर संकट आया है। तकनीक के अपडेट में देरी ने संकट को और बढ़ा दिया है।
नियामक देरी और किसानों की निराशा
बोलगार्ड-3 के साथ-साथ बोलगार्ड-2 राउंडअप रेडी फ्लेक्स (BG-2RRF) भी 2012–13 में सफल फील्ड ट्रायल के बावजूद नियामक जटिलताओं में फंसा है। यह किस्म हर्बीसाइड–टोलेरेंट है जो खरपतवार नियंत्रण में मदद करती है। स्वीकृति में देरी के कारण किसान उन्नत तकनीक से वंचित हैं और कीट प्रकोप से परेशान हैं।
वैश्विक तुलना: भारत बनाम ब्राज़ील
भारत और ब्राज़ील की तुलना से स्पष्ट है कि भारत तकनीकी रूप से पीछे है। ब्राज़ील में कपास की उत्पादकता 2,400 किलोग्राम/हेक्टेयर है, जबकि भारत में औसत केवल 450 किलोग्राम/हेक्टेयर है। वहीं, ब्राज़ील के किसान 85% मुनाफा कमाते हैं, जबकि भारत में केवल 15%। यह दिखाता है कि पुरानी नीतियाँ किसानों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा से दूर कर रही हैं।
STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | विवरण |
पंजाब में कपास क्षेत्र (2024) | 1 लाख हेक्टेयर |
बोलगार्ड-3 किसने विकसित किया | मॉन्सेंटो |
बोलगार्ड-3 के Bt प्रोटीन | Cry1Ac, Cry2Ab, Vip3A |
जिनिंग यूनिट्स (2004 से 2024) | 422 → 22 |
प्रमुख कीट | सफेद मक्खी, गुलाबी सुंडी |
ब्राज़ील की कपास उत्पादकता | 2,400 किलोग्राम/हेक्टेयर |
भारत की औसत कपास उत्पादकता | 450 किलोग्राम/हेक्टेयर |
अनुमोदन की प्रतीक्षा में | बोलगार्ड-2RRF |
फील्ड ट्रायल वर्ष | 2012–13 |
भारत में Bt कपास की शुरुआत | 2002 (बोलगार्ड-1) |