उत्तर प्रदेश ने डिजिटल खरीद में नया मापदंड स्थापित किया
उत्तर प्रदेश ने Government e-Marketplace (GeM) के माध्यम से डिजिटल सार्वजनिक खरीद में एक नया राष्ट्रीय मानक स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2020–21 से 2024–25 के बीच, राज्य ने कुल ₹65,227.68 करोड़ की खरीदारी की। यह प्रगति दिखाती है कि कैसे यूपी ने शासन में प्रौद्योगिकी को पूरी तरह से अपनाया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यूपी की इस उपलब्धि की प्रशंसा की और इसे पारदर्शिता और दक्षता का उदाहरण बताया। इस सफलता का श्रेय राज्य के सभी विभागों द्वारा GeM को पूर्ण रूप से अपनाने और उसकी खरीद प्रणाली में निर्बाध समेकन को जाता है।
यूपी की खरीद वृद्धि का विश्लेषण
पिछले पाँच वर्षों में खरीद मूल्य लगातार बढ़ा:
- 2020–21: ₹4,622.16 करोड़
- 2021–22: ₹11,286.29 करोड़
- 2022–23: ₹12,242.48 करोड़
- 2023–24: ₹20,248.00 करोड़
- 2024–25: ₹16,828.75 करोड़
नवंबर 2024 में हुए सुधारों के बाद यह तेजी और बढ़ी। इन सुधारों ने सामान्य वित्तीय नियम 2017 (GFR) और GeM के दिशानिर्देशों के अनुरूप यूपी की खरीद नीति को बनाया, जिससे सभी विभागों का 100% GeM उपयोग सुनिश्चित हुआ।
प्रमुख विभागों का योगदान
कुछ विभागों ने इस डिजिटल खरीद में विशेष योगदान दिया:
- नगर विकास विभाग – ₹11,588.28 करोड़
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग – ₹9,257.14 करोड़
- आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग – ₹8,241.60 करोड़
इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा, गृह विभाग, ऊर्जा, बेसिक शिक्षा, परिवहन और उच्च शिक्षा विभाग भी सक्रिय भागीदार रहे।
GeM का राष्ट्रीय प्रभाव और यूपी की भूमिका
GeM की शुरुआत 2016 में सरकारी खरीद को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए की गई थी। आज इसमें 11,000+ उत्पाद श्रेणियाँ, 330+ सेवाएँ उपलब्ध हैं और अब तक ₹14 लाख करोड़ से अधिक के ऑर्डर प्रोसेस हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की सफलता इस परिवर्तन का हिस्सा है। इसने न केवल प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को बढ़ाया बल्कि MSME को सरकारी आपूर्ति में समान अवसर भी प्रदान किए।
मान्यता और भविष्य की दिशा
पीयूष गोयल ने कहा कि यूपी की यह उपलब्धि डिजिटल इंडिया की सोच को दर्शाती है। यूपी का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक बन रहा है, खासकर प्रधानमंत्री के一 डिजिटल मार्केटप्लेस के लक्ष्य के तहत।
उत्तर प्रदेश ने दिखा दिया है कि स्मार्ट डिजिटल सुधारों से अच्छा शासन और वित्तीय अनुशासन संभव है। इससे भविष्य में सार्वजनिक सेवा वितरण और बेहतर होगा।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
विषय | विवरण |
GeM की शुरुआत | 2016 में डिजिटल खरीद के लिए |
यूपी का GeM ऑर्डर (2020–25) | ₹65,227.68 करोड़ |
सबसे अधिक खर्च करने वाला विभाग | नगर विकास विभाग (₹11,588.28 करोड़) |
केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी | पीयूष गोयल द्वारा पारदर्शिता की सराहना |
2024 सुधार | GFR 2017 के अनुरूप नीति |
राष्ट्रीय स्तर पर कुल GeM ऑर्डर | ₹14 लाख करोड़+ (2024–25 तक) |
MSME को लाभ | समान भागीदारी का अवसर |
डिजिटल इंडिया लक्ष्य | सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत मंच |
यूपी की उपलब्धि | सभी विभागों का 100% GeM उपयोग |
GeM लॉन्च वर्ष | 2016 |