ओडिशा का गठन और उत्कल दिवस का महत्व
उत्कल दिवस (Odisha Day) हर वर्ष 1 अप्रैल को मनाया जाता है, जो 1936 में ओडिशा के एक अलग राज्य के रूप में गठन की स्मृति में मनाया जाता है। ओडिशा भारत का पहला राज्य है जिसे भाषाई आधार पर बनाया गया, जो भारत के संघीय ढांचे में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह दिन ओड़िया भाषा, संस्कृति और प्रशासनिक पहचान की मान्यता के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं और संगठनों, विशेष रूप से उत्कल सम्मिलनी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
कलिंग से आधुनिक ओडिशा तक का ऐतिहासिक सफर
आधुनिक ओडिशा का क्षेत्र कभी प्राचीन कलिंग साम्राज्य का हिस्सा था, जिसे 261 ई.पू. में सम्राट अशोक के साथ हुए कलिंग युद्ध के लिए जाना जाता है। इस युद्ध ने अशोक को बदल कर बौद्ध धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया। बाद के समय में, सम्राट खरवेल ने कलिंग की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया। ब्रिटिश शासन के दौरान ओड़िया भाषी क्षेत्र विभिन्न प्रांतों में बाँटे गए थे, जिससे भाषाई पहचान कमजोर हो गई। इसी कारण ओड़िया भाषियों ने एक अलग राज्य की माँग शुरू की।
राज्य गठन आंदोलन और भाषाई पुनर्गठन
ओडिशा का गठन माधुसूदन दास, गोपबंधु दास और फकीर मोहन सेनापति जैसे नेताओं के दशकों के संघर्ष का परिणाम था। उत्कल सभा (1882) और बाद में उत्कल सम्मिलनी (1903) जैसे संगठनों ने ओड़िया भाषियों को एकजुट किया और अलग राज्य की माँग को मज़बूत किया। इसके परिणामस्वरूप ओडिशा को बिहार और उड़ीसा प्रांत, मद्रास प्रेसीडेंसी, और सेंट्रल प्रोविंसेज से काटकर केवल ओड़िया भाषा के आधार पर गठित किया गया।
विरासत और आधुनिक उत्सव
ओडिशा की शुरुआत में छह ज़िलों से बनी थी, जिसकी राजधानी कटक थी, जिसे बाद में भुवनेश्वर स्थानांतरित किया गया। उत्कल दिवस पर राज्य भर में झाँकियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि दी जाती है। नागरिक इस दिन को भाषाई एकता और सांस्कृतिक गौरव के रूप में मनाते हैं। सुदर्शन पटनायक जैसे कलाकार रेत कला के ज़रिए इस दिवस को चिह्नित करते हैं, जबकि राज्य के नेता औपचारिक आयोजनों में भाग लेते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
आयोजन का नाम | उत्कल दिवस (Odisha Day) |
तिथि | 1 अप्रैल (हर वर्ष) |
गठन वर्ष | 1936 |
प्रारंभिक राजधानी | कटक |
वर्तमान राजधानी | भुवनेश्वर |
पहले राज्यपाल | सर जॉन ऑस्टिन हब्बैक |
प्राचीन नाम | कलिंग, उत्कल, कांतार, इंद्रवन |
प्रमुख जनजातियाँ | संथाल, जुआंग, बॉन्डा, कोंध |
राष्ट्रीय उद्यान | सिमलिपाल, भीतरकनिका |
प्रमुख नदियाँ | महानदी, ब्रह्मणी, सुवर्णरेखा, रुशिकुल्या |
पारंपरिक नृत्य | ओडिसी, छऊ, घुमुरा |
प्रसिद्ध मंदिर | कोणार्क सूर्य मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, धौली, राजरानी मंदिर |
नाम परिवर्तन (Orissa → Odisha) | 2011 |
वर्तमान मुख्यमंत्री | मोहन चरण माझी |
राज्यपाल | हरि बाबू कम्भमपति |