क्यों उड़ान 2.0 भारत के लिए एक बड़ी छलांग है
हवाई यात्रा अब भारत में केवल विशेषाधिकार नहीं, बल्कि बुनियादी संपर्क का माध्यम बन रही है। 2016 में शुरू हुई उड़ान योजना का मकसद था छोटे शहरों और दूरदराज़ इलाकों तक हवाई सुविधा पहुंचाना। 2025 में लॉन्च हुई उड़ान 2.0, इस प्रयास को और आगे बढ़ाती है, जिससे आम नागरिक, विशेष रूप से सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोग, हवाई संपर्क से सीधे जुड़ सकें — एक ऐसा कदम जो 2047 तक विकसित भारत के सपने की ओर अग्रसर है।
74 से 157 हवाईअड्डे — अब लक्ष्य 2047 तक 400
2014 में भारत में सिर्फ 74 चालू हवाईअड्डे थे। आज यह संख्या 157 हो चुकी है। उड़ान योजना के तहत दिब्रूगढ़, झारसुगुड़ा, हुबली जैसे शहरों को पहली बार हवाई नेटवर्क में जोड़ा गया। उड़ान 2.0 अब पुराने हवाईपट्टियों को फिर से जीवित करने, कम लागत वाले हवाईअड्डे बनाने और 350–400 एयरपोर्ट तक विस्तार करने पर केंद्रित है। अब लक्ष्य केवल मेट्रो शहरों को जोड़ना नहीं, बल्कि राज्य के भीतर यात्रा को आसान बनाना भी है।
बजट, बढ़त और भागीदारी: सरकार की भूमिका
2024 में केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के लिए ₹502 करोड़ आवंटित किए थे। 2025 में यह राशि और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि छोटे हवाईअड्डों को चालू रखने के लिए प्रति वर्ष ₹7–10 करोड़ की आवश्यकता होती है। सरकार Viability Gap Funding (VGF) के ज़रिए उन हवाई मार्गों को सहारा देती है जो आर्थिक रूप से लाभकारी नहीं होते, पर सामाजिक दृष्टि से ज़रूरी होते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2025 के बजट में जनजातीय, सीमांत और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए हवाई ढांचे के विस्तार पर विशेष बल दिया गया है।
उड़ान 2.0: हेलीपैड से लेकर वॉटर एयरोड्रोम तक
इस चरण में योजना केवल रनवे तक सीमित नहीं है। पूर्वोत्तर और सीमा क्षेत्रों में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स (ALGs), पहाड़ी इलाकों में हेलीपैड, और अंडमान–निकोबार जैसे द्वीपों में वॉटर एयरोड्रोम भी शामिल हैं। सेना द्वारा छोड़े गए पुराने हवाई अड्डों को नागरिक उपयोग के लिए विकसित किया जा रहा है। यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि पर्यटन, आपात सेवाओं और व्यापारिक पहुंच के नए द्वार खोलने की दिशा में कदम है।
असली बदलाव: दरभंगा से शिवमोग्गा तक
बिहार का दरभंगा और कर्नाटक का शिवमोग्गा अब हवाई मार्ग से जुड़ चुके हैं, जिससे पर्यटन और व्यापार को गति मिली है। अरुणाचल प्रदेश का छात्र अब दिल्ली कुछ घंटों में पहुंच सकता है, और भुज का व्यापारी सीधे मुंबई बाजार से जुड़ सकता है। उड़ान केवल विमान नहीं उड़ा रही — यह आशाओं और अवसरों को भी पंख दे रही है।
STATIC GK SNAPSHOT FOR COMPETITIVE EXAMS
विषय | तथ्य |
उड़ान योजना का पूरा नाम | उड़े देश का आम नागरिक |
शुरुआत वर्ष | 2016 |
उड़ान 2.0 का उद्देश्य | क्षेत्रीय संपर्क, हवाईपट्टियों का पुनर्जीवन, छोटे शहरों से जुड़ाव |
2024 तक चालू हवाईअड्डे | 157 (2014 में 74 से बढ़कर) |
2047 तक लक्ष्य | 350–400 हवाईअड्डे |
2024–25 बजट अनुमान | ₹502 करोड़ से अधिक |
सेवित यात्रियों की संख्या | 1.44 करोड़ से अधिक |
कुल कवर किए गए मार्ग | 601 (हेलिकॉप्टर और जलमार्ग समेत) |
छोटे हवाईअड्डे की वार्षिक लागत | ₹7–10 करोड़ |
VGF क्या है | केंद्र व राज्य सरकार से प्राप्त Viability Gap Funding |
विशेष क्षेत्र | पूर्वोत्तर के ALGs, वॉटर एयरोड्रोम, जनजातीय हेलीपैड |