एकल नियामक की दिशा में प्रयास
शिक्षा मंत्रालय द्वारा Higher Education Commission of India (HECI) की स्थापना के लिए एक नया विधेयक तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए एकीकृत नियामक तंत्र बनाना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है, जो उच्च शिक्षा में पारदर्शिता, सरलता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की बात करती है।
वर्तमान में बिखरी हुई प्रणाली
फिलहाल, भारत की उच्च शिक्षा कई नियामकों द्वारा नियंत्रित होती है। यूजीसी (UGC) सामान्य विश्वविद्यालय शिक्षा, एआईसीटीई (AICTE) तकनीकी शिक्षा, और एनसीटीई (NCTE) शिक्षक प्रशिक्षण को देखती है। इस विखंडित प्रणाली से कार्यों में ओवरलैपिंग, कम जवाबदेही और नवाचार की कमी देखी गई है।
Static GK Fact: UGC की स्थापना 1956 में UGC अधिनियम के तहत हुई थी, जो भारत में विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता और समन्वय सुनिश्चित करता है।
एनईपी 2020 की सुधार दृष्टि
NEP 2020 “हल्का पर सख्त” नियमन मॉडल की बात करता है जिसमें संस्थानों को स्वायत्तता दी जाती है, लेकिन कड़ी निगरानी भी सुनिश्चित की जाती है। इसमें HECI की स्थापना का प्रस्ताव है जिसमें चार स्वतंत्र अंग होंगे — नियमन, प्रत्यायन, वित्तीय सहायता और शैक्षणिक मानक। यह ढांचा पारदर्शिता, टकराव की कमी, और डेटा–आधारित निर्णय को प्राथमिकता देगा।
Static GK Tip: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारत की 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है जो 1986 की नीति की जगह लाई गई है।
HECI का प्रस्तावित ढांचा
HECI का गठन UGC, AICTE और NCTE की जगह किया जाएगा और इसमें चार स्तंभ होंगे:
- नियामक शाखा – संस्थागत अनुपालन सुनिश्चित करेगी
- प्रत्यायन शाखा – शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करेगी
- वित्त शाखा – अनुदान और वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन करेगी
- शैक्षणिक मानक शाखा – पाठ्यक्रम और शोध के मापदंड तय करेगी
यह ढांचा गुणवत्ता, नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देगा।
विधायी प्रक्रिया की प्रगति
HECI का विचार 2018 में एक मसौदा विधेयक के रूप में सामने आया था। उस समय UGC अधिनियम को रद्द करने का प्रस्ताव था और जनमत संग्रह भी हुआ था, लेकिन कोई विधायी कदम नहीं उठाया गया। 2021 में इस प्रयास को पुनः शुरू किया गया। जुलाई 2025 तक विधेयक का मसौदा तैयार किया जा रहा है, लेकिन संसद में प्रस्तुति की स्पष्ट समय–सीमा तय नहीं है।
अपेक्षित लाभ
HECI जैसा एकीकृत नियामक न केवल नियामकीय भ्रम को समाप्त करेगा, बल्कि संस्थानों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। यह सुधार भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के करीब लाने और ब्यूरोक्रेटिक बाधाओं को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
HECI का पूरा नाम | उच्च शिक्षा आयोग (Higher Education Commission of India) |
प्रस्तावित संस्था | शिक्षा मंत्रालय |
कौन से निकाय हटेंगे | UGC, AICTE, NCTE |
प्रस्तावित नीति | राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 |
पहली मसौदा वर्ष | 2018 |
ढांचा | चार शाखाएं – नियमन, प्रत्यायन, फंडिंग, मानक |
NEP ने किस नीति को बदला | 1986 की शिक्षा नीति |
सुधार का लक्ष्य | सरल नियमन, पारदर्शिता, नवाचार |
वर्तमान स्थिति | जुलाई 2025 तक मसौदा निर्माण प्रगति पर |
प्रमुख प्रभाव | एकीकृत निगरानी, वैश्विक अनुरूपता |