भारत की अंतरिक्ष निर्माण क्षमता में क्रांतिकारी प्रगति
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 13 फरवरी 2025 को ठोस प्रणोदक उत्पादन के लिए विश्व के सबसे बड़े 10 टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर के विकास की घोषणा की। यह मिक्सर बेंगलुरु स्थित सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (CMTI) के सहयोग से बनाया गया है और भारत की प्रक्षेपण क्षमताओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा।
ठोस प्रणोदन क्यों है महत्वपूर्ण?
ठोस प्रणोदक (Solid Propellant) भारत के प्रक्षेपण वाहनों जैसे PSLV और GSLV की रीढ़ हैं। इनका मिश्रण बेहद संवेदनशील होता है, जिसे अत्यंत सावधानी से तैयार करना होता है। यह नया मिक्सर समान, सुरक्षित और कुशल मिश्रण सुनिश्चित करेगा, जिससे प्रक्षेपण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
तकनीकी विशेषताएँ: एक इंजीनियरिंग चमत्कार
यह वर्टिकल मिक्सर 150 टन वजनी है। इसकी ऊंचाई 8.7 मीटर, चौड़ाई 3.3 मीटर और लंबाई 5.4 मीटर है। इसमें हाइड्रोस्टैटिक एगिटेटर्स लगे हैं और इसे PLC-आधारित नियंत्रण प्रणाली और SCADA प्रणाली द्वारा संचालित किया जाता है। यह सटीक निगरानी की सुविधा प्रदान करता है, जिससे यह ठोस प्रणोदकों के उत्पादन में एक गेम–चेंजर साबित होगा।
इसरो, SDSC और CMTI का संयुक्त नवाचार
इस मिक्सर के विकास का नेतृत्व सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC SHAR) ने किया, जिसमें CMTI और औद्योगिक भागीदारों के साथ मिलकर कार्य किया गया। देश के शैक्षणिक संस्थानों की भी भागीदारी रही। फैक्टरी स्वीकृति परीक्षण (FAT) सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जिससे इसे वास्तविक उत्पादन में उपयोग के लिए तैयार माना जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
यह नवाचार अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करता है। इस उन्नत बुनियादी ढांचे का स्वदेशी निर्माण भारत की विदेशी तकनीक पर निर्भरता को कम करता है। यह मिक्सर उत्पादन गति को बढ़ाएगा, मिशनों की समयसीमा को तेज करेगा और गगनयान, चंद्रयान-4 तथा SSLV अपग्रेड्स जैसे आगामी मिशनों को सहायता प्रदान करेगा।
STATIC GK SNAPSHOT: ISRO का 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर
विषय | विवरण |
विकसित किया | ISRO और CMTI बेंगलुरु द्वारा |
संबंधित केंद्र | SDSC SHAR (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र), श्रीहरिकोटा |
उद्देश्य | ठोस प्रणोदकों का सुरक्षित मिश्रण |
वजन | 150 टन |
ऊंचाई | 8.7 मीटर |
चौड़ाई | 3.3 मीटर |
नियंत्रण प्रणाली | PLC आधारित, SCADA इंटीग्रेशन सहित |
उपयोग क्षेत्र | PSLV, GSLV, SSLV एवं रक्षा प्रक्षेपण यान |
विशेष तथ्य | विश्व का इस स्तर का पहला मिक्सर |
राष्ट्रीय उद्देश्य से मेल | ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ को समर्थन |