जुलाई 18, 2025 9:42 अपराह्न

इसरो ने ठोस प्रणोदक मिश्रण हेतु विश्व का सबसे बड़ा 10 टन वर्टिकल मिक्सर किया विकसित

करेंट अफेयर्स: इसरो सॉलिड प्रोपेलेंट मिक्सर 2025, वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर इसरो, सीएमटीआई बेंगलुरु अंतरिक्ष सहयोग, एसडीएससी शार सॉलिड रॉकेट मोटर, आत्मनिर्भर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत, अंतरिक्ष अवसंरचना विकास, इसरो अंतरिक्ष मिशन 2025, भारत रक्षा और अंतरिक्ष विनिर्माण

ISRO Unveils World’s Largest 10-Tonne Vertical Mixer for Solid Propellants

भारत की अंतरिक्ष निर्माण क्षमता में क्रांतिकारी प्रगति

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 13 फरवरी 2025 को ठोस प्रणोदक उत्पादन के लिए विश्व के सबसे बड़े 10 टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर के विकास की घोषणा की। यह मिक्सर बेंगलुरु स्थित सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (CMTI) के सहयोग से बनाया गया है और भारत की प्रक्षेपण क्षमताओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा।

ठोस प्रणोदन क्यों है महत्वपूर्ण?

ठोस प्रणोदक (Solid Propellant) भारत के प्रक्षेपण वाहनों जैसे PSLV और GSLV की रीढ़ हैं। इनका मिश्रण बेहद संवेदनशील होता है, जिसे अत्यंत सावधानी से तैयार करना होता है। यह नया मिक्सर समान, सुरक्षित और कुशल मिश्रण सुनिश्चित करेगा, जिससे प्रक्षेपण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।

तकनीकी विशेषताएँ: एक इंजीनियरिंग चमत्कार

यह वर्टिकल मिक्सर 150 टन वजनी है। इसकी ऊंचाई 8.7 मीटर, चौड़ाई 3.3 मीटर और लंबाई 5.4 मीटर है। इसमें हाइड्रोस्टैटिक एगिटेटर्स लगे हैं और इसे PLC-आधारित नियंत्रण प्रणाली और SCADA प्रणाली द्वारा संचालित किया जाता है। यह सटीक निगरानी की सुविधा प्रदान करता है, जिससे यह ठोस प्रणोदकों के उत्पादन में एक गेमचेंजर साबित होगा।

इसरो, SDSC और CMTI का संयुक्त नवाचार

इस मिक्सर के विकास का नेतृत्व सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC SHAR) ने किया, जिसमें CMTI और औद्योगिक भागीदारों के साथ मिलकर कार्य किया गया। देश के शैक्षणिक संस्थानों की भी भागीदारी रही। फैक्टरी स्वीकृति परीक्षण (FAT) सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जिससे इसे वास्तविक उत्पादन में उपयोग के लिए तैयार माना जा रहा है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

यह नवाचार अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करता है। इस उन्नत बुनियादी ढांचे का स्वदेशी निर्माण भारत की विदेशी तकनीक पर निर्भरता को कम करता है। यह मिक्सर उत्पादन गति को बढ़ाएगा, मिशनों की समयसीमा को तेज करेगा और गगनयान, चंद्रयान-4 तथा SSLV अपग्रेड्स जैसे आगामी मिशनों को सहायता प्रदान करेगा।

STATIC GK SNAPSHOT: ISRO का 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर

विषय विवरण
विकसित किया ISRO और CMTI बेंगलुरु द्वारा
संबंधित केंद्र SDSC SHAR (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र), श्रीहरिकोटा
उद्देश्य ठोस प्रणोदकों का सुरक्षित मिश्रण
वजन 150 टन
ऊंचाई 8.7 मीटर
चौड़ाई 3.3 मीटर
नियंत्रण प्रणाली PLC आधारित, SCADA इंटीग्रेशन सहित
उपयोग क्षेत्र PSLV, GSLV, SSLV एवं रक्षा प्रक्षेपण यान
विशेष तथ्य विश्व का इस स्तर का पहला मिक्सर
राष्ट्रीय उद्देश्य से मेल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ को समर्थन
ISRO Unveils World’s Largest 10-Tonne Vertical Mixer for Solid Propellants
  1. ISRO ने 13 फरवरी 2025 को ठोस प्रणोदकों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर प्रस्तुत किया।
  2. यह मिक्सर CMTI बेंगलुरु और SDSC SHAR (श्रीहरिकोटा) के सहयोग से विकसित किया गया।
  3. यह PSLV, GSLV और SSLV लॉन्च वाहनों में प्रयुक्त सॉलिड रॉकेट मोटर्स के उत्पादन को बढ़ाएगा।
  4. ठोस प्रणोदन भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए इसकी विश्वसनीयता और शक्ति के कारण अत्यंत आवश्यक है।
  5. मिक्सर का वजन 150 टन, ऊंचाई 7 मीटर, और चौड़ाई 3.3 मीटर है।
  6. इसमें हाइड्रोस्टैटिकली ड्रिवन एगिटेटर्स लगे हैं जो समान सुरक्षित मिश्रण सुनिश्चित करते हैं।
  7. प्रणाली को PLC आधारित नियंत्रण प्रणाली और SCADA एकीकरण द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
  8. यह प्रणाली सटीकता, सुरक्षा, और कुशल संचालन प्रदान करती है, विशेष रूप से खतरनाक प्रणोदकों को संभालने में।
  9. यह मिक्सर वैश्विक स्तर पर पहला नवाचार है जो अंतरिक्ष निर्माण क्षेत्र में मील का पत्थर है।
  10. फैक्ट्री स्वीकृति परीक्षणों ने इसकी औद्योगिक तैनाती के लिए तत्परता की पुष्टि की।
  11. इसमें शैक्षणिक संस्थानों का भी योगदान रहा, जो भारत की अंतरिक्ष नवाचार प्रणाली को दर्शाता है।
  12. यह मिक्सर आत्मनिर्भर भारत अभियान को समर्थन देता है और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देता है।
  13. यह गगनयान, चंद्रयान-4, और रक्षा लॉन्चर जैसे अभियानों के उत्पादन को तेज करेगा।
  14. मिक्सर से मिशन समयसीमा सुधरेगी और लॉन्च वाहन की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
  15. यह मिक्सर केवल नागरिक लॉन्चों तक सीमित नहीं बल्कि रणनीतिक रक्षा अनुप्रयोगों में भी भूमिका निभाएगा।
  16. यह विकास भारत की अंतरिक्ष ढांचा आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करता है।
  17. यह मिक्सर विस्फोटक और रासायनिक रूप से संवेदनशील पदार्थों को सुरक्षित रूप से संभालने में सक्षम है।
  18. CMTI (सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट) ने इसकी यांत्रिक विकास प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
  19. यह प्रणाली प्रोपेलेंट उत्पादन में तेज बैच मिक्सिंग चक्र सक्षम बनाती है।
  20. यह मेक इन इंडिया लक्ष्यों के साथ मेल खाता है और भारत के अंतरिक्ष औद्योगिक आधार को सशक्त करता है।

Q1. ISRO के साथ 10 टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर विकसित करने में किस संस्था ने सहयोग किया?


Q2. ISRO द्वारा विकसित वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर का मुख्य कार्य क्या है?


Q3. SDSC SHAR केंद्र, जो इस मिक्सर से जुड़ा है, कहाँ स्थित है?


Q4. ISRO के नए वर्टिकल मिक्सर का कुल वजन कितना है?


Q5. इस मिक्सर से किन मिशनों को लाभ होगा?


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