इंदौर में देश का पहला हरित कचरा संयंत्र
भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने शहरी स्वच्छता में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए देश का पहला ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया है, जिसे पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया गया है। यह संयंत्र बिचोली हाप्सी में स्थापित किया गया है और एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्रा. लि. के साथ मिलकर स्वच्छ भारत मिशन–शहरी के अंतर्गत कार्यरत है। इसका उद्देश्य हरित अपशिष्ट को खाद, लकड़ी के पेलेट्स, और बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग में परिवर्तित करना है।
कचरे को खजाने में बदलने का मॉडल
इंदौर प्रतिदिन 30 से 70 टन हरा कचरा (जैसे पत्तियाँ, फूलों का कचरा, टहनियाँ) उत्पन्न करता है। इस संयंत्र में इन अवशेषों को प्राकृतिक रूप से सुखाकर और यांत्रिक विधियों से पीसकर लकड़ी की धूल और पेलेट्स में बदला जाता है। ये पेलेट्स कोयले का हरित विकल्प बनकर NTPC जैसे बिजली संयंत्रों में उपयोग हो रहे हैं। IMC (इंदौर नगर निगम) को इस लकड़ी कचरे से प्रति टन ₹3,000 का राजस्व प्राप्त होता है—जो इसे लाभकारी और प्रदूषण कम करने वाली परियोजना बनाता है।
पर्यावरणीय और औद्योगिक लाभ
यह संयंत्र केवल कचरा नष्ट नहीं करता, बल्कि हरित नवाचार को भी बढ़ावा देता है। लकड़ी के पेलेट्स और धूल का उपयोग बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग, इको–प्लेट्स, और यहां तक कि फर्नीचर निर्माण में किया जा रहा है। कंपोस्ट को जैविक उर्वरक के रूप में बेचा जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र को भी लाभ मिल रहा है। यह प्रणाली पत्तियाँ जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकती है और सर्कुलर इकोनॉमी को साकार करती है।
IMC और निजी भागीदारी: अन्य शहरों के लिए आदर्श मॉडल
इस PPP मॉडल में इंदौर नगर निगम भूमि और कचरा प्रदान करता है, जबकि एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज संयंत्र का निर्माण और संचालन करती है। इसके अतिरिक्त, मेघदूत और सब–ग्रेड प्लांट (सिरपुर) जैसे सैटेलाइट यूनिट्स और नगर निगम के कंपोस्टिंग गड्ढे इस नेटवर्क को और व्यापक बनाते हैं, जिससे विकेन्द्रीकृत कचरा प्रबंधन संभव होता है।
एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर
इंदौर का यह PPP आधारित हरित कचरा संयंत्र मॉडल भारत के अन्य शहरों के लिए दोहरे लाभ (स्वच्छता + राजस्व) वाला प्रभावशाली उदाहरण बन सकता है। इसमें सरकारी पहल, निजी नवाचार, और जनभागीदारी का समावेश है—जो सतत विकास और ईको–गवर्नेंस की दिशा में एक सशक्त कदम है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका
पहलु | जानकारी |
स्थान | बिचोली हाप्सी, इंदौर |
परियोजना प्रकार | हरित अपशिष्ट प्रोसेसिंग संयंत्र (भारत का पहला PPP मॉडल) |
निजी साझेदार | एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्रा. लि. |
प्रतिदिन प्रोसेसिंग | 30–70 टन हरा कचरा |
अंतिम उत्पाद | लकड़ी के पेलेट्स, कंपोस्ट, बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग |
IMC राजस्व | ₹3,000 प्रति टन लकड़ी कचरे से |
पर्यावरणीय प्रभाव | AQI सुधार, प्लास्टिक में कमी, कोयले का विकल्प |
सहायक संयंत्र | मेघदूत और सब-ग्रेड (सिरपुर), कंपोस्टिंग गड्ढे |
संबंधित मिशन | स्वच्छ भारत मिशन–शहरी |
सर्कुलर इकोनॉमी योगदान | हरित उत्पादन और पुन:उपयोग को बढ़ावा |