जुलाई 18, 2025 7:41 अपराह्न

इंदौर बना भारत का पहला भिखारी-मुक्त शहर: समावेशी पुनर्वास का आदर्श मॉडल

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Indore Becomes India's First Beggar-Free City: A Model of Inclusive Rehabilitation

शहरी भारत में सामाजिक परिवर्तन की मिसाल

एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, इंदौर भारत का पहला आधिकारिक रूप से भिखारीमुक्त शहर बन गया है। इस घोषणा को जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने सार्वजनिक किया, जिन्होंने इस अभियान की सफलता का श्रेय फरवरी 2024 में शुरू किए गए सामुदायिक प्रयासों को दिया। इस पहल की विशेषता केवल सड़कों से भिखारियों को हटाना नहीं, बल्कि लगभग 5,000 लोगों के सफल पुनर्वास में है। यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर सराही गई, और विश्व बैंक द्वारा प्रशंसा प्राप्त कर, अन्य शहरों के लिए आदर्श बन गई है।

इंदौर ने भिक्षावृत्ति को कैसे समाप्त किया: चरणबद्ध रणनीति

यह अभियान केवल भिखारियों को हटाने तक सीमित नहीं था, बल्कि उनका जीवन पुनर्निर्माण करना इसका मुख्य उद्देश्य था। पहले जनजागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें बताया गया कि बिना सोच-समझ के दिए गए पैसे कैसे शोषण को बढ़ावा देते हैं। फिर भिखारियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया:
1. आदतन भिखारी (60%)
2. गरीबी या विकलांगता के कारण भीख माँगने वाले (20%)
3. जबरन भिक्षावृत्ति में धकेले गए लोग जैसे बच्चे और नशा पीड़ित (20%)
हर समूह को विशिष्ट पुनर्वास सहायता दी गई—जैसे कौशल प्रशिक्षण, शिक्षा या मानसिक स्वास्थ्य सहायता।

छोटे बच्चों को स्कूलों में नामांकित किया गया, जबकि वयस्कों को स्वावलंबी बनने के लिए प्रशिक्षण मिला। यही बदलाव की कहानियाँ इंदौर के प्रयासों की पहचान बन गईं।

समुदाय और कानून दोनों का प्रभाव

सामुदायिक सहभागिता इस बदलाव की कुंजी रही। विशेष ध्यान नाथ और नट समाज पर दिया गया, जिनका पारंपरिक जीवन भिक्षावृत्ति से जुड़ा था। जबरदस्ती हटाने के बजाय, सहयोग और विश्वास से उनके लिए प्रशिक्षण और सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।

कानूनी पहल के तहत, भिक्षावृत्ति और दान देने दोनों पर प्रतिबंध लगाया गया। नियम उल्लंघन पर चेतावनी और एफआईआर दर्ज की गईं, और लोगों को भीख मांगने की सूचना देने पर इनाम की व्यवस्था की गई—जिससे आम जनता भी बदलाव की भागीदार बनी।

विश्व बैंक ने की इंदौर की सराहना

विश्व बैंक की टीम ने इंदौर का दौरा किया और भूतपूर्व भिक्षा-स्थलों को खाली और व्यवस्थित पाया। उन्होंने पुनर्वास केंद्रों का भी निरीक्षण किया जहाँ आवास, परामर्श और कौशल प्रशिक्षण जैसी सेवाएँ दी जा रही थीं। इस मॉडल को लेकर टीम प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट सौंपने की योजना बना रही है, ताकि इसे अन्य भारतीय शहरों में दोहराया जा सके

आगे क्या?

हालाँकि इंदौर की सफलता उल्लेखनीय है, यह अभी परीक्षण चरण में है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आधिकारिक निरीक्षण जल्द अपेक्षित है। यदि समीक्षा सफल रही, तो यह भारत के शहरी कल्याण दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

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विषय विवरण
भिखारी-मुक्त घोषित शहर इंदौर, मध्य प्रदेश
अभियान की शुरुआत फरवरी 2024
अभियान संचालक अधिकारी आशीष सिंह, जिला कलेक्टर
संबंधित मंत्रालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
पुनर्वासित लोग लगभग 5,000
विशिष्ट समुदाय नाथ और नट समाज
वैश्विक सराहना विश्व बैंक द्वारा प्रशंसित, 2025
लागू प्रतिबंध भीख माँगने और दान देने पर प्रतिबंध
संभावित विस्तार अन्य भारतीय शहरों के लिए मॉडल

 

Indore Becomes India's First Beggar-Free City: A Model of Inclusive Rehabilitation
  1. मई 2025 में इंदौर, भारत का पहला भिक्षावृत्ति-मुक्त शहर बना, यह उपलब्धि एक समुदाय-आधारित अभियान के अंतर्गत प्राप्त हुई।
  2. यह पहल फरवरी 2024 में जिला कलेक्टर आशिष सिंह द्वारा शुरू की गई थी।
  3. 5,000 से अधिक व्यक्तियों का पुनर्वास किया गया, केवल सड़कों से हटाया नहीं गया।
  4. भिक्षुकों को तीन श्रेणियों में विभाजित कर उनके लिए विशेष सहायता योजनाएं बनाई गईं।
  5. लगभग 60% लोग आदतन भिक्षावृत्तिकारी, जबकि 20% गरीबी/विकलांगता और 20% जबरन भिक्षावृत्ति के कारण थे।
  6. शहर ने रोजगार प्रशिक्षण, स्कूली शिक्षा, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता पर ध्यान केंद्रित किया।
  7. संवेदनशील बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया और मूलभूत शिक्षा दी गई।
  8. वयस्कों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा गया ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
  9. नाथ और नट समाज, जो पारंपरिक रूप से भिक्षावृत्ति से जुड़े हैं, पर विशेष ध्यान दिया गया।
  10. पुनर्वास के प्रयास समुदायों के भीतर सहयोग से किए गए, बलपूर्वक विस्थापन नहीं किया गया।
  11. पूरे शहर में भिक्षावृत्ति करने और भिक्षा देने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया।
  12. बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं और उत्तरदायित्व लागू किया गया।
  13. जनता को भिक्षावृत्ति की सूचना देने पर पुरस्कार प्रणाली शुरू की गई।
  14. यह अभियान समुदाय की भागीदारी और कानूनी प्रवर्तन का समन्वय था।
  15. वर्ल्ड बैंक ने इंदौर के समावेशी और दोहराए जा सकने वाले मॉडल की सराहना की।
  16. वर्ल्ड बैंक की टीम ने पुनर्वास केंद्रों और खाली सार्वजनिक स्थलों का दौरा किया।
  17. अब यह मॉडल अन्य शहरों में राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने हेतु समीक्षा में है।
  18. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अंतिम निरीक्षण किया जाना है।
  19. यह पहल शहरी कल्याण, आजीविका पुनर्वास और नीति नवाचार का प्रतीक है।
  20. इंदौर की यह उपलब्धि राष्ट्रीय शहरी पुनर्वास आंदोलन की शुरुआत कर सकती है।

 

Q1. 2025 में भारत का पहला भिक्षावृत्ति-मुक्त शहर कौन बना?


Q2. इंदौर में भिक्षावृत्ति-मुक्त अभियान का नेतृत्व किस जिलाधिकारी ने किया?


Q3. इंदौर के पुनर्वास अभियान में कौन-सा समुदाय विशेष रूप से शामिल था?


Q4. इंदौर को भिक्षावृत्ति-मुक्त बनाने का अभियान कब शुरू किया गया था?


Q5. किस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने इंदौर के भिक्षुक पुनर्वास मॉडल की सराहना की?


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