एक ऐतिहासिक मोड़ की पुनरावृत्ति
जैसे-जैसे भारत 26 जून 2025 को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहा है, एक नई किताब इस दौर पर नई बहसों को जन्म दे रही है। “Indira Gandhi and the Years that Transformed India” नामक इस पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार और विद्वान टीसीए श्रीनिवास राघवन ने लिखा है। यह किताब 23 मई 2025 को प्रकाशित हुई और भारत के लोकतंत्र के सबसे विवादास्पद अध्याय की गहन, अकादमिक व्याख्या प्रस्तुत करती है। यह 1975 से 1977 के दौरान की कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच संघर्ष की पड़ताल करती है, जब नागरिक अधिकारों पर अभूतपूर्व प्रतिबंध लगे थे।
आज के संदर्भ में इसका महत्व
संविधान की सीमाओं, नागरिक अधिकारों और संस्थागत संतुलन को लेकर आज जो चर्चा चल रही है, उसमें यह किताब एक महत्वपूर्ण समय पर आई है। आपातकाल की शुरुआत इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले से हुई, जिसमें 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को चुनावी गड़बड़ी का दोषी ठहराया गया। इसके महज़ दो हफ्ते बाद आपातकाल घोषित कर दिया गया। राघवन की किताब इस शक्ति संघर्ष को गहराई से समझाती है—यह केवल नाटकीय घटनाओं की सूची नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे भारत की संवैधानिक संस्थाएँ बदलीं, कैसे संजय गांधी का प्रभाव बढ़ा, और पीएन हक्सर व नानी पालखीवाला जैसे लोगों की भूमिकाएं किस तरह अहम रहीं।
किताब की प्रमुख थीम
पुस्तक का मुख्य विचार है—संवैधानिक शक्ति संतुलन। इसमें बताया गया है कि 1970 का दशक वह समय था जब भारत की लोकतांत्रिक संस्थाएँ प्रभुत्व के लिए संघर्ष कर रही थीं। इंदिरा गांधी को पहले कमज़ोर नेता के रूप में देखा जाता था, लेकिन समय के साथ वह एक सशक्त राजनीतिक शक्ति बन गईं। लेखक ने यह भी दर्शाया कि कैसे 1970 के दशक में समाजवादी नीतियाँ और बाद में धर्मनिरपेक्ष रुख उभरा। इस युग ने आज की नागरिक स्वतंत्रता पर चल रही बहसों को जन्म दिया।
इतिहास से स्थैतिक तथ्य
किताब कुछ महत्वपूर्ण स्थैतिक जानकारियाँ भी उजागर करती है—आपातकाल 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक चला। इसकी मूल वजह थी इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला, जिसने इंदिरा गांधी के 1971 चुनाव को अवैध ठहराया। इसमें प्रमुख नाम रहे पीएन हक्सर, संजय गांधी, एएन रे, नानी पालखीवाला। मुख्य संवैधानिक प्रावधान था अनुच्छेद 352, जिसके तहत आपातकाल लगाया गया। इस दौरान मौलिक अधिकार निलंबित, प्रेस सेंसरशिप लागू, और कई बड़े नीतिगत बदलाव हुए—जैसे राष्ट्रीयकरण, प्रिवी पर्स का उन्मूलन, और धर्मनिरपेक्षता का संवर्धन।
स्टेटिक उस्तादियन समसामयिक मामले तालिका
विषय | विवरण |
पुस्तक शीर्षक | Indira Gandhi and the Years that Transformed India |
लेखक | टीसीए श्रीनिवास राघवन |
प्रकाशन तिथि | 23 मई 2025 |
आपातकाल आरंभ | 26 जून 1975 |
आपातकाल समापन | 21 मार्च 1977 |
प्रमुख कारण | इलाहाबाद हाईकोर्ट का 12 जून 1975 का फैसला |
महत्वपूर्ण व्यक्ति | पीएन हक्सर, संजय गांधी, नानी पालखीवाला, एएन रे |
मुख्य संवैधानिक प्रावधान | अनुच्छेद 352 |
प्रमुख विषय | संस्थागत शक्ति संघर्ष, शासन में बदलाव, धर्मनिरपेक्ष व समाजवादी नीतियाँ |
स्थैतिक तथ्य | इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहीं 1966–1977 और 1980–1984 |