PM2.5 के घटक और क्षेत्रीय भिन्नताएं
नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित एक नवीनतम अध्ययन ने उत्तरी भारत, विशेष रूप से इंडो–गैंगेटिक मैदान में वायु प्रदूषण की चिंताजनक तस्वीर पेश की है। वैज्ञानिकों ने पांच स्थानों से PM2.5 नमूनों का विश्लेषण किया—शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों से। दिल्ली में मुख्य स्रोत वाहन उत्सर्जन और घरेलू हीटिंग थे, जबकि अन्य क्षेत्रों में अमोनियम सल्फेट और बायोमास जलन प्रमुख कारक रहे। इससे स्पष्ट होता है कि एक ही भौगोलिक पट्टी में भी प्रदूषण के स्रोत भिन्न हैं।
सूक्ष्म कणों का स्वास्थ्य पर प्रभाव
PM2.5 केवल एक और प्रदूषक नहीं है—यह जानलेवा है। इसकी सबसे खतरनाक विशेषता है इसकी ऑक्सीडेटिव क्षमता, यानी यह फेफड़ों और अंगों की कोशिकाओं को क्षति पहुँचा सकती है। बायोमास और जीवाश्म ईंधन के जलने से बनने वाले ऑर्गेनिक एरोसोल्स सबसे बड़े खतरे हैं। ये कण सीधे सांस, हृदय और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं।
सर्दियों में प्रदूषण का मौसमी उछाल
अध्ययन में बताया गया है कि सर्दियों के दौरान PM2.5 स्तर में भारी वृद्धि होती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग गाय के गोबर और लकड़ी जलाकर खाना बनाते हैं और गर्मी प्राप्त करते हैं, जिससे प्राथमिक ऑर्गेनिक एरोसोल्स की मात्रा गर्मी के महीनों की तुलना में 10 गुना तक बढ़ जाती है। यह सर्दी में हवा को सांस लेने लायक नहीं छोड़ती।
शहरी वाहनों का बड़ा योगदान
शहरी क्षेत्रों में, 40% PM2.5 का स्रोत हाइड्रोकार्बन–आधारित ऑर्गेनिक एरोसोल्स हैं जो वाहन उत्सर्जन से उत्पन्न होते हैं। गर्मी के मौसम में जब घरेलू जलन कम होती है, तब भी ट्रैफिक प्रदूषण बना रहता है—यह साल भर की समस्या है।
वैश्विक तुलना में भारत की स्थिति
तुलना से स्थिति और चिंताजनक हो जाती है। भारत के PM2.5 कणों की विषाक्तता चीन और यूरोप की तुलना में 5 गुना तक अधिक पाई गई है। यह जनस्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चेतावनी है और इस बात को उजागर करता है कि भारत को प्रदूषण नियंत्रण पर अधिक आक्रामक रणनीति अपनानी होगी। यहां तक कि युवा और स्वस्थ लोग भी इस प्रदूषण के खतरे से अछूते नहीं हैं।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
मुख्य प्रदूषक | PM2.5 – सूक्ष्म कण (फाइन पार्टिकुलेट मैटर) |
अध्ययन प्रकाशित | नेचर कम्युनिकेशन्स (2025) |
सबसे प्रभावित क्षेत्र | इंडो-गैंगेटिक मैदान, खासकर दिल्ली और ग्रामीण उत्तर भारत |
मुख्य स्रोत | वाहन उत्सर्जन, बायोमास जलन, अमोनियम यौगिक |
प्रमुख स्वास्थ्य जोखिम | ऑक्सीडेटिव क्षति – श्वसन और हृदय रोग |
मौसमी उछाल | सर्दियों में (गोबर और लकड़ी जलाने से) |
वैश्विक तुलना | भारत में PM2.5 विषाक्तता चीन/यूरोप से 5 गुना अधिक |
परीक्षा प्रासंगिकता | पर्यावरण अध्ययन, स्वास्थ्य, भूगोल – UPSC, TNPSC, SSC, बैंकिंग |