जुलाई 18, 2025 5:16 अपराह्न

इंडिया पोस्ट के नए डिजिटल टूल्स से पता प्रणाली का आधुनिकीकरण

करेंट अफेयर्स: इंडिया पोस्ट अपना डिजीपिन जानें, अपना पिन कोड जानें 2025, राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022, डाक विभाग डिजिटल उपकरण, डिजीपिन आईआईटी हैदराबाद एनआरएससी इसरो, एड्रेस-एज-ए-सर्विस इंडिया, ओपन गवर्नमेंट डेटा पिन कोड

India Post’s New Digital Tools to Modernise Address Systems

डिजिटल मैपिंग में इंडिया पोस्ट का बड़ा कदम

भारत ने सटीक शासन और डिजिटल सेवाओं की दिशा में एक और प्रगति करते हुए “Know Your DIGIPIN” और “Know Your PIN Code” नामक दो नए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किए हैं। डाक विभाग द्वारा 27 मई 2025 को लॉन्च किए गए ये उपकरण पता प्रणाली को अधिक स्मार्ट और सटीक बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। यह सिर्फ एक तकनीकी अपग्रेड नहीं, बल्कि पता प्रबंधन प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव है।

Know Your DIGIPIN कैसे काम करता है?

यह प्लेटफॉर्म आपके फोन के जियोलोकेशन डेटा की मदद से एक अद्वितीय डिजिटल पता (DIGIPIN) प्रदान करता है। उपयोगकर्ता अक्षांश और देशांतर (Latitude-Longitude) दर्ज कर के भी पता पा सकते हैं। इस प्रणाली को IIT हैदराबाद और NRSC-ISRO की मदद से ओपनसोर्स और इंटरऑपरेबल ग्रिड सिस्टम के तहत विकसित किया गया है।

चाहे कोई डिलीवरी एजेंट दूरदराज के पते की तलाश में हो या आपदा प्रबंधन टीम को सटीक स्थान की जानकारी चाहिए हो, DIGIPIN पारंपरिक पिन कोड से ज्यादा सटीकता देता है। यह पूरी प्रणाली राष्ट्रीय भूस्थानिक नीति 2022 के अनुरूप है, जो सार्वजनिक सेवाओं में तकनीक के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देती है।

पुराना पिन कोड अब हुआ डिजिटल

1972 में शुरू हुआ 6 अंकों का PIN Code सिस्टम अब एक डिजिटल अवतार में आ गया है। “Know Your PIN Code” प्लेटफ़ॉर्म GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) की मदद से उपयोगकर्ता की सटीक लोकेशन के आधार पर उपयुक्त पिन कोड बताता है।

इस प्रणाली में उपयोगकर्ता से फीडबैक भी लिया जाता है, जिससे पिन कोड की सीमा और क्षेत्राधिकार को बेहतर बनाया जा सके। यह समुदायआधारित और गतिशील प्रणाली ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफ़ॉर्म और GitHub पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध भी है।

यह पहल केवल डिलीवरी से आगे क्यों है?

यह सिर्फ तेज़ डिलीवरी के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य हर नागरिक तक सेवाओं की सटीक पहुंच सुनिश्चित करना है, खासकर ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में। ये टूल डिजिटल इंडिया को अधिक समावेशी बनाते हैं और सभी सरकारी व निजी संस्थानों के लिए पता प्रारूप प्रदान करते हैं।

आपदा या आपातकाल के समय में सटीक पता डेटा जान बचा सकता है। इसलिए ये प्लेटफ़ॉर्म केवल तकनीकी समाधान नहीं हैं, बल्कि जनहितकारी शासन व्यवस्था का हिस्सा हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

पैरामीटर विवरण
लॉन्च तिथि 27 मई 2025
लॉन्च संस्थान डाक विभाग, संचार मंत्रालय
प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म Know Your DIGIPIN, Know Your PIN Code
तकनीकी भागीदार IIT हैदराबाद, NRSC (ISRO)
नीति आधार राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022
उद्देश्य सटीक पता, बेहतर शासन, आपदा सहायता
डेटा उपलब्धता GitHub, Open Government Data Platform
मूल PIN प्रणाली की शुरुआत 1972
नई प्रणाली का स्वरूप ग्रिड-आधारित, भू-स्थानिक डिजिटल पता (DIGIPIN)
टूल की विशेषता लोकेशन मैपिंग, डिजिटल समावेशन, फीडबैक आधारित
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  1. इंडिया पोस्ट ने 27 मई, 2025 को दो प्लेटफ़ॉर्म- नो योर डिजिपिन और नो योर पिन कोड लॉन्च किए।
  2. इस पहल का उद्देश्य भारत की पता प्रणाली को और अधिक सटीक और डिजिटल बनाना है।
  3. नो योर डिजिपिन एक अद्वितीय डिजिटल पता बनाने के लिए जियोलोकेशन या निर्देशांक का उपयोग करता है।
  4. डिजिपिन प्रणाली ग्रिड-आधारित, इंटरऑपरेबल प्लेटफ़ॉर्म पर बनाई गई है।
  5. IIT हैदराबाद और NRSC-ISRO डिजिपिन के विकास में प्रौद्योगिकी भागीदार हैं।
  6. प्लेटफ़ॉर्म राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 के अनुरूप हैं।
  7. नो योर पिन कोड GNSS का उपयोग करके पारंपरिक 1972 पिन कोड प्रणाली को बढ़ाता है।
  8. यह उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मैपिंग का उपयोग करके सही पिन कोड खोजने की अनुमति देता है।
  9. प्लेटफ़ॉर्म पिन सीमाओं को परिष्कृत करने के लिए उपयोगकर्ता फ़ीडबैक भी एकत्र करता है।
  10. ये उपकरण ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन और सेवा पहुँच को बढ़ावा देते हैं।
  11. ओपन गवर्नमेंट डेटा शोधकर्ताओं के लिए फीडबैक-संचालित अपडेट होस्ट करता है।
  12. नए डिजिटल उपकरण लॉजिस्टिक्स, गवर्नेंस और आपदा प्रतिक्रिया में सुधार करते हैं।
  13. इन नवाचारों के माध्यम से एड्रेस-एज़-ए-सर्विस एक वास्तविकता बन जाती है।
  14. दोनों उपकरण भू-स्थानिक सटीकता के साथ वास्तविक समय के पते के मानचित्रण का समर्थन करते हैं।
  15. DIGIPIN दूरदराज के क्षेत्रों में आपातकालीन सेवा वितरण में सुधार करता है।
  16. यह परियोजना डिजिटल इंडिया मिशन में योगदान देती है।
  17. एक सामान्य पता प्रारूप सरकारी और निजी क्षेत्रों में बेहतर समन्वय सुनिश्चित करता है।
  18. यह प्रणाली ओपन-सोर्स है और सार्वजनिक विकास के लिए GitHub पर उपलब्ध है।
  19. यह अपग्रेड पिन कोड को स्मार्ट भू-स्थानिक उपकरणों में बदल देता है।
  20. भारत तकनीक और पता प्रणालियों को एकीकृत करके सटीक शासन की ओर बढ़ रहा है।

Q1. 27 मई 2025 को इंडिया पोस्ट ने पता प्रणाली में सुधार के लिए कौन से दो प्लेटफॉर्म लॉन्च किए?


Q2. DIGIPIN प्लेटफ़ॉर्म विकसित करने के लिए डाक विभाग ने किन संस्थानों के साथ साझेदारी की?


Q3. इंडिया पोस्ट के नए डिजिटल एड्रेसिंग टूल्स को लागू करने में कौन सी राष्ट्रीय नीति समर्थन प्रदान करती है?


Q4. 'नो योर पिन कोड' प्लेटफ़ॉर्म की एक प्रमुख तकनीकी विशेषता क्या है?


Q5. भारत में मूल 6-अंकों वाला पिन कोड सिस्टम किस वर्ष शुरू किया गया था?


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