सितम्बर 4, 2025 3:18 अपराह्न

आदि वाणी एआई अनुवादक जनजातीय भाषाओं को सशक्त बना रहा है

चालू घटनाएँ: आदि वाणी, जनजातीय कार्य मंत्रालय, एआई ट्रांसलेटर, जनजातीय भाषाएँ, डिजिटल इंडिया, जनजातीय गौरव वर्ष, आईआईटी दिल्ली, No Language Left Behind, IndicTrans2, पीएम जनमान

Adi Vaani AI Translator Empowering Tribal Languages

संकटग्रस्त बोलियों की सुरक्षा

भारत की सांस्कृतिक पहचान में 461 जनजातीय भाषाएँ और 71 मातृभाषाएँ शामिल हैं। इनमें से कई विलुप्त होने के कगार पर हैं—81 असुरक्षित और 42 गंभीर रूप से संकटग्रस्त मानी गई हैं। इन्हें बचाने के लिए सरकार ने आदि वाणी, पहला एआई-आधारित जनजातीय भाषा अनुवादक पेश किया है, जिससे ये बोलियाँ डिजिटल युग में जीवित रह सकें।
स्थिर जीके तथ्य: संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक भाषाएँ शामिल हैं, पर अधिकांश जनजातीय बोलियाँ इससे बाहर हैं।

जनजातीय गौरव वर्ष में शुभारंभ

आदि वाणी को जनजातीय गौरव वर्ष के तहत लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य है कि तकनीक और सांस्कृतिक संरक्षण को जोड़ा जाए और जनजातीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए।

अनुसंधान और तकनीकी सहयोग

यह प्लेटफ़ॉर्म IndicTrans2 और No Language Left Behind (NLLB) जैसे उन्नत एआई मॉडलों पर आधारित है। इसे आईआईटी दिल्ली ने BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नवा रायपुर और कई जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (TRIs) के सहयोग से विकसित किया।
स्थिर जीके तथ्य: आईआईटी दिल्ली की स्थापना 1961 में हुई थी और यह वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

मुख्य विशेषताएँ

आदि वाणी में कई सुविधाएँ हैं, जैसे—

  • दोतरफ़ा टेक्स्ट और स्पीच अनुवाद
  • ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) से पांडुलिपियों का संरक्षण
  • डिजिटल डिक्शनरी और रिपॉजिटरी
  • सबटाइटलिंग टूल्स जागरूकता और शासन से जुड़ी सामग्री के लिए

इससे लोककथाओं, दुर्लभ लिपियों और प्रशासनिक सेवाओं को जनजातीय भाषाओं में संरक्षित और सुलभ बनाया जा सकेगा।

बीटा चरण की भाषाएँ

बीटा संस्करण में फिलहाल संताली, भीली, मुंडारी और गोंडी भाषाएँ उपलब्ध हैं। आगे चलकर कुई और गारो सहित अन्य जनजातीय भाषाएँ भी जोड़ी जाएंगी।
स्थिर जीके तथ्य: संताली भाषा की ओल चिकी लिपि 1925 में रघुनाथ मुर्मू ने विकसित की थी।

जनजातीय समुदाय की भागीदारी

इस परियोजना की सबसे बड़ी ताकत है जनजातीय समुदायों की सीधी भागीदारी। उन्होंने डेटासेट बनाने, अनुवाद सत्यापन और सांस्कृतिक प्रासंगिकता सुनिश्चित करने में सहयोग दिया, जिससे यह प्लेटफ़ॉर्म प्रामाणिक और प्रतिनिधिक बन सका।

विभिन्न क्षेत्रों में लाभ

आदि वाणी से कई क्षेत्रों में लाभ मिलेगा—

  • शिक्षा में स्थानीय भाषाओं में डिजिटल लर्निंग
  • स्वास्थ्य में मातृभाषा में संचार
  • सरकारी योजनाओं का अनुवाद
  • बीमारी जागरूकता, विशेषकर सिकल सेल एनीमिया से जुड़ी जानकारी का प्रसार

राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ एकीकरण

यह पहल डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत और पीएम जनमान से जुड़ी है। यह एआई को सामाजिक भलाई के लिए प्रयोग करने का उदाहरण है, जो भारत की विविधता और समानता की संवैधानिक भावना को मज़बूत करता है।
स्थिर जीके तथ्य: डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत जुलाई 2015 में हुई थी।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
पहल आदि वाणी एआई आधारित जनजातीय भाषा ट्रांसलेटर
लॉन्च जनजातीय कार्य मंत्रालय
विकसित संस्थान IIT दिल्ली, BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नवा रायपुर, TRIs
एआई मॉडल IndicTrans2, NLLB
बीटा भाषाएँ संताली, भीली, मुंडारी, गोंडी
आगामी भाषाएँ कुई, गारो
मुख्य सुविधाएँ टेक्स्ट/स्पीच अनुवाद, OCR, डिजिटल शब्दकोश, सबटाइटलिंग
राष्ट्रीय संरेखण डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, पीएम जनमान
स्वास्थ्य पहल सिकल सेल एनीमिया जागरूकता
सांस्कृतिक उद्देश्य 461 जनजातीय भाषाओं की सुरक्षा (42 गंभीर रूप से संकटग्रस्त)
Adi Vaani AI Translator Empowering Tribal Languages
  1. भारत में 461 जनजातीय भाषाएँ और 71 मातृभाषाएँ बोली जाती हैं।
  2. 81 जनजातीय भाषाएँ असुरक्षित हैं, 42 गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं।
  3. आदि वाणी भारत का पहला एआई-आधारित जनजातीय अनुवादक है।
  4. इसे जनजातीय गौरव वर्ष पहल के तहत लॉन्च किया गया था।
  5. अनुवादक डिजिटल इंडिया और सांस्कृतिक संरक्षण प्रयासों का समर्थन करता है।
  6. आईआईटी दिल्ली ने बिट्स पिलानी के साथ इस परियोजना का समन्वय किया।
  7. भागीदारों में आईआईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी नवा रायपुर, जनजातीय संस्थान शामिल हैं।
  8. उपयोग किए गए एआई मॉडल इंडिकट्रांस2 और नो लैंग्वेज लेफ्ट बिहाइंड हैं।
  9. संथाली, भीली, मुंडारी और गोंडी बीटा में समर्थित हैं।
  10. कुई और गारो जैसी और भी जनजातीय भाषाएँ आएंगी।
  11. टूल्स में टेक्स्ट, स्पीच, ओसीआर, डिक्शनरी और सबटाइटलिंग शामिल हैं।
  12. संथाली में ओल चिकी लिपि का प्रयोग किया जाता है, जिसका निर्माण 1925 में हुआ था।
  13. परियोजना में डिजिटल संग्रह और लोककथाओं का संरक्षण शामिल है।
  14. जनजातीय समुदायों ने डेटासेट और अनुवादों के सत्यापन में सक्रिय रूप से मदद की।
  15. अनुवादक स्थानीय बोलियों में शिक्षा और डिजिटल शिक्षा में सहायता करते हैं।
  16. स्वास्थ्य सेवा लाभों में जनजातीय भाषाओं में चिकित्सा संचार शामिल है।
  17. जनजातीय आबादी तक बेहतर पहुँच के लिए सरकारी योजनाओं का अनुवाद किया गया।
  18. सिकल सेल एनीमिया पर जागरूकता अभियानों के लिए उपयोग किया गया।
  19. एक भारत श्रेष्ठ भारत और प्रधानमंत्री जनमन के साथ संरेखित।
  20. जुलाई 2015 में शुरू किए गए डिजिटल इंडिया मिशन का समर्थन करता है।

Q1. आदि वाणी एआई ट्रांसलेटर किस मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था?


Q2. आदि वाणी के विकास का समन्वय किस संस्थान ने किया?


Q3. आदि वाणी को कौन-से एआई मॉडल संचालित करते हैं?


Q4. संताली भाषा, जो आदि वाणी के बीटा संस्करण में शामिल है, किस लिपि का उपयोग करती है?


Q5. आदि वाणी किस राष्ट्रीय कार्यक्रम से जुड़ी है?


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