आधुनिकीकरण, मेक इन इंडिया रक्षा परियोजना, मझगांव डॉक लिमिटेड, डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी
आईएनएस वाघशीर के साथ भारत ने नौसैनिक शक्ति को सशक्त किया
जनवरी 2025 में भारतीय नौसेना ने आधिकारिक रूप से आईएनएस वाघशीर को अपने बेड़े में शामिल किया। यह प्रोजेक्ट-75 के तहत निर्मित छठी और अंतिम स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी है। इसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने बनाया है और यह भारत के नौसैनिक आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। वाघशीर के शामिल होने से भारतीय महासागर क्षेत्र में नौसेना की स्टेल्थ क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को क्या बनाता है खास?
स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियाँ डीजल–इलेक्ट्रिक हमला करने वाली स्टेल्थ पनडुब्बियाँ हैं जो उच्च चपलता और सहनशीलता के लिए जानी जाती हैं। इन्हें MDL और फ्रांस की नेवल ग्रुप के सहयोग से विकसित किया गया है। इनका उपयोग निम्नलिखित में होता है:
- पनडुब्बी रोधी युद्ध (Anti-submarine warfare)
• सतही युद्ध (Anti-surface warfare)
• खुफिया जानकारी एकत्र करना
• समुद्री निगरानी और क्षेत्र में दुश्मन की पहुंच रोकना (Sea denial)
ये पनडुब्बियाँ तटीय और गहरे समुद्री क्षेत्रों में संचालन कर सकती हैं और बहुत कम ध्वनिक सिग्नेचर छोड़ती हैं, जिससे इन्हें पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।
आईएनएस वाघशीर के भीतर की इंजीनियरिंग दक्षता
आईएनएस वाघशीर में निम्नलिखित तकनीकी विशेषताएँ हैं:
- कम शोर उत्पन्न करने वाले विशेष पदार्थ और जलगतिकीय डिज़ाइन
• ध्वनि रोधक तकनीकें, जिससे दुश्मन के सोनार से बचा जा सके
• सटीक हमले की क्षमता — टॉरपीडो और एक्सोसेट एंटी–शिप मिसाइलों से सुसज्जित
• इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) — पूरी मशीनरी का केंद्रीकृत नियंत्रण
• कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) — खतरे की पहचान और हथियार तैनाती के लिए
• रुक्मिणी उपग्रह संचार प्रणाली (GSAT-7) — समुद्र के भीतर लंबी दूरी तक संचार के लिए
इसमें शामिल कई स्वदेशी प्रणाली, क्रू कम्फर्ट, मिशन दक्षता और संचार की उच्च क्षमता को दर्शाती हैं — जो भारत की बढ़ती रक्षा अनुसंधान एवं विकास शक्ति को साबित करती हैं।
कालवरी से वाघशीर तक: एक पूर्ण पनडुब्बी श्रृंखला
प्रोजेक्ट-75 के अंतर्गत भारत ने छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियाँ तैयार की हैं:
- आईएनएस कालवरी
- आईएनएस खंदेरी
- आईएनएस करंज
- आईएनएस वेला
- आईएनएस वागीर
- आईएनएस वाघशीर
इन सभी का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक में हुआ, जो भारत की स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण क्षमता और वैश्विक साझेदारी से तकनीक आत्मसात करने की क्षमता को दर्शाता है।
स्थैतिक जीके स्नैपशॉट – परीक्षा हेतु
विषय | विवरण |
पनडुब्बी का नाम | आईएनएस वाघशीर |
श्रेणी | स्कॉर्पीन श्रेणी (भारत में कालवरी श्रेणी) |
किस परियोजना के अंतर्गत | प्रोजेक्ट-75 |
कुल स्कॉर्पीन पनडुब्बियाँ | 6 |
निर्माता | मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई |
तकनीकी साझेदार | नेवल ग्रुप, फ्रांस |
संचार प्रणाली | रुक्मिणी (GSAT-7) कु-बैंड सैटकॉम |
मुख्य भूमिका | मल्टी-रोल स्टेल्थ अटैक पनडुब्बी |
अगली परियोजना | प्रोजेक्ट-75I (AIP तकनीक से युक्त) |