सितम्बर 1, 2025 6:06 अपराह्न

आईएनएस तमाल की कमीशनिंग से भारतीय नौसेना में रणनीतिक बदलाव

करेंट अफेयर्स: आईएनएस तमाल कमीशनिंग 2025, भारतीय नौसेना युद्धपोत प्रेरण, आत्मनिर्भर भारत रक्षा, क्रिवाक क्लास फ्रिगेट, यंतर शिपयार्ड रूस, ब्रह्मोस मिसाइल युद्धपोत, त्रिपुट क्लास फ्रिगेट, पश्चिमी नौसेना कमान, मेक इन इंडिया रक्षा, स्वदेशी युद्धपोत उत्पादन

INS Tamal Commissioning Marks Strategic Naval Shift

भारत ने विदेशी युद्धपोत युग को कहा अलविदा

1 जुलाई 2025 को भारतीय नौसेना INS Tamal को रूस के कालिनिनग्राद में कमीशन करेगी। यह सिर्फ एक युद्धपोत की कमीशनिंग नहीं, बल्कि विदेशीनिर्मित युद्धपोतों के युग का अंत है। अब से भारत केवल स्वदेशी युद्धपोतों का निर्माण करेगा, जो आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलता है।

एक आधुनिक और रणनीतिक युद्धपोत

INS Tamal एक क्रिवाक (तूशील) क्लास स्टील्थ फ्रिगेट है जो संतुलित अग्नि-शक्ति और चपलता के लिए जानी जाती है। यह 125 मीटर लंबा है और 3,900 टन विस्थापन क्षमता रखता है। इसकी सबसे प्रमुख विशेषता है ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, जो भारत की रणनीतिक शक्ति का प्रतीक है।

इस पर 250 से अधिक नौसैनिक तैनात होंगे, और इसने सभी समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। स्टील्थ डिज़ाइन इसे रडार पर कम दिखाई देता है, जिससे यह आधुनिक समुद्री युद्ध में अधिक सक्षम बनता है।

स्वदेशी रक्षा उत्पादन की ओर बदलाव

INS Tamal भारतीय नौसेना का अंतिम विदेशीनिर्मित युद्धपोत होगा। यह संकेत है कि भारत अब पूर्ण स्वदेशी रक्षा उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ चुका है। कमीशनिंग के समय इस पोत में 26% स्वदेशी उपकरण थे, जो अब बढ़कर 33 स्वदेशी प्रणालियाँ हो चुकी हैं।

इसके दो त्रिपुट क्लास बहन जहाज गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में रूस की तकनीकी सहायता से बन रहे हैं। यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का एक प्रभावी उदाहरण है और मेक इन इंडिया की रणनीति को मजबूती देता है।

भारत की नौसैनिक संरचना में रणनीतिक महत्व

INS Tamal अब पश्चिमी बेड़े का हिस्सा बनेगा, जो भारतीय नौसेना की ‘Sword Arm’ यानी मुख्य आक्रमण शक्ति है। यह अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री उपस्थिति को और सुदृढ़ करेगा।

इसके दल को सेंट पीटर्सबर्ग और कालिनिनग्राद में कठोर रूसी सर्दी में गहन प्रशिक्षण दिया गया — जो उनकी तैयारी और लचीलापन दर्शाता है।

क्रिवाक क्लास की विरासत और भारत-रूस रक्षा संबंध

भारत ने 2000 के दशक से अब तक 8 क्रिवाक क्लास फ्रिगेट्स शामिल किए हैं। INS Tamal की कमीशनिंग इस 20 वर्षीय रक्षा साझेदारी का समापन करती है। लेकिन यह अंत नहीं है, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है — जहाँ अब संयुक्त निर्माण और स्वदेशी विकास पर जोर होगा, न कि केवल आयात पर।

Static GK Snapshot (हिंदी में)

सारांश विवरण
युद्धपोत का नाम आईएनएस तमाल
कमीशनिंग तिथि 1 जुलाई 2025
स्थान कालिनिनग्राद, रूस
शिपयार्ड यंतर शिपयार्ड
क्लास क्रिवाक / तूशील क्लास
लंबाई और वजन 125 मीटर / 3,900 टन
मुख्य हथियार ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल
स्वदेशी सामग्री 26% (कमीशनिंग पर); अब 33 स्वदेशी प्रणाली
बहन युद्धपोत 2 त्रिपुट-क्लास गोवा में निर्माणाधीन
सौंपा गया बेड़ा पश्चिमी बेड़ा, पश्चिमी नौसैनिक कमान
समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण
प्रतीकात्मक महत्व अंतिम विदेशी निर्मित पोत; मेक इन इंडिया प्रेरणा
प्रशिक्षण स्थान रूस (सेंट पीटर्सबर्ग, कालिनिनग्राद)
सामान्य जानकारी भारत का पहला स्वदेशी फ्रिगेट था INS नीलगिरी (1972)
INS Tamal Commissioning Marks Strategic Naval Shift
  1. INS तमाल को 1 जुलाई, 2025 को रूस के कलिनिनग्राद में कमीशन किया जाएगा।
  2. यह भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला अंतिम विदेशी निर्मित युद्धपोत है।
  3. तमाल, स्टेल्थ फ्रिगेट्स के क्रिवाक (तुशील) वर्ग का हिस्सा है।
  4. जहाज की लंबाई 125 मीटर है और इसका वजन 3,900 टन है।
  5. यह ब्रह्मोस लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल से लैस है, जो इसकी मारक क्षमता को बढ़ाती है।
  6. स्टेल्थ तकनीक आधुनिक नौसैनिक युद्ध के लिए कम रडार दृश्यता सुनिश्चित करती है।
  7. INS तमाल पर 250 से अधिक कर्मी सेवा करते हैं।
  8. जहाज ने कठिन परिस्थितियों में 3 महीने सहित व्यापक समुद्री परीक्षणों को पास कर लिया है।
  9. तमाल में शुरू में 26% स्वदेशी घटक थे, जिन्हें अब 33 भारतीय निर्मित प्रणालियों में अपग्रेड किया गया है।
  10. यह कदम आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करता है।
  11. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में त्रिपुट श्रेणी के दो सहयोगी जहाज निर्माणाधीन हैं।
  12. भारत को स्थानीय युद्धपोत निर्माण के लिए रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्राप्त हुआ है।
  13. तमाल को नौसेना की तलवार शाखा, पश्चिमी बेड़े में तैनात किया जाएगा।
  14. यह अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में उपस्थिति को मजबूत करता है।
  15. जहाज पश्चिमी नौसेना कमान के तहत काम करेगा।
  16. चालक दल का प्रशिक्षण सेंट पीटर्सबर्ग और कलिनिनग्राद में कठोर परिस्थितियों में पूरा किया गया।
  17. भारत ने 2000 के दशक की शुरुआत से क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट का उपयोग किया है – आठ सेवा में हैं।
  18. तमाल के शामिल होने से भारत-रूस के बीच दो दशक पुरानी युद्धपोत साझेदारी समाप्त हो गई है।
  19. भविष्य में भारत-रूस संबंध आयात पर नहीं, बल्कि संयुक्त उत्पादन पर केंद्रित होंगे।
  20. पूर्ण स्वदेशी नौसैनिक क्षमता की ओर भारत की यात्रा अब तेज हो गई है।

Q1. जुलाई 2025 में आईएनएस तमाल के कमीशनिंग का क्या महत्व है?


Q2. आईएनएस तमाल पर प्रमुख मिसाइल प्रणाली कौन सी है?


Q3. भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद आईएनएस तमाल किस कमांड के तहत कार्य करेगा?


Q4. किस भारतीय शिपयार्ड द्वारा तकनीकी सहयोग के तहत आईएनएस तमाल के दो समान पोत बनाए जा रहे हैं?


Q5. आईएनएस तमाल किस श्रेणी (क्लास) का युद्धपोत है?


Your Score: 0

Daily Current Affairs June 25

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.