समावेशी शिक्षा की दिशा में आईआईटी दिल्ली का नया कदम
आईआईटी दिल्ली ने पहली बार अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) उम्मीदवारों के लिए एक विशेष पीएचडी प्रवेश अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य अनुसूचित वर्गों के लिए आरक्षित खाली सीटों को भरना और शोध स्तर पर उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। आवेदन 30 जून 2025 तक खुले हैं।
संसदीय समिति की रिपोर्ट से मिली प्रेरणा
यह पहल अप्रैल 2025 में संसद की एक समिति के दौरे के बाद आई, जिसने संस्थान में संवैधानिक सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी। समिति को यह देखने को मिला कि आरक्षण नीति के बावजूद SC/ST के लिए कई सीटें सालों तक खाली रह जाती हैं।
प्रतिनिधित्व की खाई क्यों बनी रही?
हालांकि न्यूनतम 5.5 CGPA और GATE जैसी योग्यता में छूट दी गई थी, फिर भी SC/ST वर्गों से पीएचडी में आवेदन बहुत कम आ रहे थे। आरक्षण के केंद्रीय मानदंड (SC के लिए 15%, ST के लिए 7.5%) के अनुसार, कई विभाग आवश्यक संख्या नहीं भर पा रहे थे।
2015 से 2025 के बीच, SC पीएचडी नामांकन 8.88% से केवल 9.69% तक ही बढ़ा, जबकि ST नामांकन 0.97% से 3.28% तक पहुँचा—ये आंकड़े राष्ट्रीय स्तर के लक्ष्यों से अब भी कम हैं।
नामांकन बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम
इस विशेष अभियान के तहत कई प्रगतिशील उपाय अपनाए गए हैं:
• विभागीय प्रतिबंध हटाए गए हैं, अब सिर्फ संस्थागत न्यूनतम योग्यता ही मायने रखती है।
• सभी विभागों में आवेदन की अनुमति है, भले ही वहाँ सीटें खाली न हों।
• पात्र उम्मीदवारों के लिए सुपरन्यूमेरेरी सीटें (अतिरिक्त सीटें) दी गई हैं।
इसका मतलब यह है कि योग्य SC/ST छात्रों को सिर्फ विभागीय सीमा के कारण मना नहीं किया जाएगा। यह अन्य संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणादायक संकेत है कि समावेशी कदम कैसे उठाए जाएं।
संवैधानिक मूल्यों की ओर जागरूकता
यह पहल शैक्षिक संस्थानों को संविधान में निहित सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के प्रति उत्तरदायी बनाने का प्रयास है। भारत के प्रमुख तकनीकी संस्थान होने के नाते, आईआईटी जैसे संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे हाशिए पर खड़े समुदायों को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में स्थान दें।
जहाँ UG और PG स्तर पर SC/ST का प्रतिनिधित्व बेहतर रहा है—PG में SC नामांकन 11.27% से 13.11% और UG में 13.85% से 14.92% हुआ है—वहीं पीएचडी स्तर पर अब भी सुधार की ज़रूरत है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
समाचार में क्यों | SC/ST उम्मीदवारों के लिए विशेष पीएचडी प्रवेश अभियान |
संस्थान | IIT दिल्ली |
कारण | संसदीय समिति दौरा, अप्रैल 2025 |
आरक्षण मानदंड | SC – 15%, ST – 7.5% |
SC पीएचडी नामांकन | 2015: 8.88% → 2025: 9.69% |
ST पीएचडी नामांकन | 2015: 0.97% → 2025: 3.28% |
SC PG नामांकन | 11.27% → 13.11% |
SC UG नामांकन | 13.85% → 14.92% |
विशेष उपाय | योग्यता में छूट, क्रॉस-डिपार्टमेंट प्रवेश, सुपरन्यूमेरेरी सीटें |
उद्देश्य | प्रतिनिधित्व की खाई को भरना, संवैधानिक उद्देश्यों को पूरा करना |