ध्रुवीकरण से बचते हुए भारत की रणनीतिक स्थिति
11 जुलाई 2025 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जर्मनी द्वारा पेश किए गए अफगानिस्तान पर प्रस्ताव पर भारत ने मतदान से दूरी बनाई। यह निर्णय भारत की संतुलित और यथार्थवादी कूटनीति को दर्शाता है, जिसमें न तो समर्थन दिया गया और न ही विरोध। भारत का यह रुख रणनीतिक लचीलापन और स्वतंत्र विदेश नीति का प्रतीक है।
भारत की प्रमुख चिंता: आतंकवाद
भारत ने फिर दोहराया कि अफगानिस्तान की धरती से उत्पन्न आतंकवाद उसकी सर्वोच्च चिंता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अल-कायदा, ISIL, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कड़ी निगरानी की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने कहा कि आतंकवाद विरोधी तंत्र किसी भी वैश्विक समाधान की केन्द्रबिन्दु होना चाहिए।
Static GK तथ्य: तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर पुनः कब्ज़ा किया, जिससे वैश्विक स्तर पर मानवीय संकट और सुरक्षा समस्याएं उत्पन्न हुईं।
प्रतिबंध या उदासीनता से नहीं चलेगा काम
हरीश ने कहा कि सिर्फ प्रतिबंधों या सामान्य दृष्टिकोण से स्थिति नहीं सुधरेगी। भारत ने उत्साहजनक और निरुत्साहित करने वाले उपायों का मिश्रण अपनाने की वकालत की, जिससे तालिबान को सुधार और सहयोग की दिशा में प्रेरित किया जा सके।
क्षेत्रीय समाधान के पक्ष में भारत
भारत ने ईरान, तुर्किए और मध्य एशियाई देशों के साथ मिलकर अफगान छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में सहयोग किया है। भारत की छात्रवृत्तियाँ, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, अफगान समाज के पुनर्निर्माण में भूमिका निभा रही हैं।
Static GK टिप: भारत की अफगानिस्तान से सीधी सीमा नहीं है, लेकिन चाबहार पोर्ट और क्षेत्रीय गलियारों के ज़रिए इसका रणनीतिक हित गहराई से जुड़ा है।
संपर्क और आर्थिक भविष्य की ओर दृष्टि
भारत ने इस बात पर सहमति जताई कि अफगानिस्तान मध्य और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाला भूमि संपर्क सेतु बन सकता है। UN प्रस्ताव ने भी इस रणनीतिक भूमिका को मान्यता दी। भारत ने तालिबान से रचनात्मक सहयोग की अपील की।
मानवीय सहायता में भारत की अग्रणी भूमिका
2021 के बाद से भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं, दवाएं, टीके और आपातकालीन सामग्री भेजी है। महिला पुनर्वास और नशामुक्ति कार्यक्रमों में भी भारत की भूमिका संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में रही है।
शिक्षा के ज़रिए कूटनीति
भारत की शिक्षा आधारित कूटनीति के अंतर्गत, 2023 से अब तक करीब 2,000 अफगान छात्रों को छात्रवृत्तियाँ दी गई हैं, जिनमें 600 महिलाएं शामिल हैं। इससे भारत की सॉफ्ट पावर और मानव पूंजी निर्माण में भूमिका उजागर होती है।
भारत का विकासात्मक योगदान
भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 500 से अधिक विकास परियोजनाएँ चलाई हैं—स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, और खेल क्षेत्र में। यह भारत की स्थायी प्रतिबद्धता और मानवीय विकास आधारित विदेश नीति का प्रमाण है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
UN प्रस्ताव तिथि | 11 जुलाई 2025 |
भारत के UN प्रतिनिधि | पर्वथनेनी हरीश |
तालिबान सत्ता में वापसी | अगस्त 2021 |
भारत द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता | 50,000+ मीट्रिक टन गेहूं, दवाएं, टीके |
भारत की विकास परियोजनाएं | 500 से अधिक |
अफगान छात्रवृत्तियाँ (2023 से) | लगभग 2,000 (600 महिलाएं) |
UN प्रस्ताव पर भारत की स्थिति | मतदान से दूरी (Abstained) |
चिंता के आतंकवादी संगठन | अल-कायदा, ISIL, LeT, JeM |
शिक्षा सहयोगी देश | भारत, ईरान, तुर्किए, मध्य एशियाई राष्ट्र |
संपर्क रणनीति | अफगानिस्तान के माध्यम से मध्य-दक्षिण एशिया को जोड़ना |