जुलाई 16, 2025 10:37 अपराह्न

अफगानिस्तान पर भारत की संतुलित कूटनीति संयुक्त राष्ट्र में

समसामयिक मामले: भारत संयुक्त राष्ट्र में मतदान से अनुपस्थित, अफ़ग़ानिस्तान प्रस्ताव 2025, तालिबान शासन, क्षेत्रीय सुरक्षा, अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद, मानवीय सहायता, पार्वथानेनी हरीश, शैक्षिक सहयोग, गेहूँ सहायता, मध्य-दक्षिण एशिया संपर्क

India’s Nuanced Diplomacy on Afghanistan at the UN

ध्रुवीकरण से बचते हुए भारत की रणनीतिक स्थिति

11 जुलाई 2025 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जर्मनी द्वारा पेश किए गए अफगानिस्तान पर प्रस्ताव पर भारत ने मतदान से दूरी बनाई। यह निर्णय भारत की संतुलित और यथार्थवादी कूटनीति को दर्शाता है, जिसमें न तो समर्थन दिया गया और न ही विरोध। भारत का यह रुख रणनीतिक लचीलापन और स्वतंत्र विदेश नीति का प्रतीक है।

भारत की प्रमुख चिंता: आतंकवाद

भारत ने फिर दोहराया कि अफगानिस्तान की धरती से उत्पन्न आतंकवाद उसकी सर्वोच्च चिंता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अल-कायदा, ISIL, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कड़ी निगरानी की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने कहा कि आतंकवाद विरोधी तंत्र किसी भी वैश्विक समाधान की केन्द्रबिन्दु होना चाहिए।
Static GK तथ्य: तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर पुनः कब्ज़ा किया, जिससे वैश्विक स्तर पर मानवीय संकट और सुरक्षा समस्याएं उत्पन्न हुईं।

प्रतिबंध या उदासीनता से नहीं चलेगा काम

हरीश ने कहा कि सिर्फ प्रतिबंधों या सामान्य दृष्टिकोण से स्थिति नहीं सुधरेगी। भारत ने उत्साहजनक और निरुत्साहित करने वाले उपायों का मिश्रण अपनाने की वकालत की, जिससे तालिबान को सुधार और सहयोग की दिशा में प्रेरित किया जा सके।

क्षेत्रीय समाधान के पक्ष में भारत

भारत ने ईरान, तुर्किए और मध्य एशियाई देशों के साथ मिलकर अफगान छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में सहयोग किया है। भारत की छात्रवृत्तियाँ, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, अफगान समाज के पुनर्निर्माण में भूमिका निभा रही हैं।
Static GK टिप: भारत की अफगानिस्तान से सीधी सीमा नहीं है, लेकिन चाबहार पोर्ट और क्षेत्रीय गलियारों के ज़रिए इसका रणनीतिक हित गहराई से जुड़ा है।

संपर्क और आर्थिक भविष्य की ओर दृष्टि

भारत ने इस बात पर सहमति जताई कि अफगानिस्तान मध्य और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाला भूमि संपर्क सेतु बन सकता है। UN प्रस्ताव ने भी इस रणनीतिक भूमिका को मान्यता दी। भारत ने तालिबान से रचनात्मक सहयोग की अपील की।

मानवीय सहायता में भारत की अग्रणी भूमिका

2021 के बाद से भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं, दवाएं, टीके और आपातकालीन सामग्री भेजी है। महिला पुनर्वास और नशामुक्ति कार्यक्रमों में भी भारत की भूमिका संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में रही है।

शिक्षा के ज़रिए कूटनीति

भारत की शिक्षा आधारित कूटनीति के अंतर्गत, 2023 से अब तक करीब 2,000 अफगान छात्रों को छात्रवृत्तियाँ दी गई हैं, जिनमें 600 महिलाएं शामिल हैं। इससे भारत की सॉफ्ट पावर और मानव पूंजी निर्माण में भूमिका उजागर होती है।

भारत का विकासात्मक योगदान

भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 500 से अधिक विकास परियोजनाएँ चलाई हैं—स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, और खेल क्षेत्र में। यह भारत की स्थायी प्रतिबद्धता और मानवीय विकास आधारित विदेश नीति का प्रमाण है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
UN प्रस्ताव तिथि 11 जुलाई 2025
भारत के UN प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश
तालिबान सत्ता में वापसी अगस्त 2021
भारत द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता 50,000+ मीट्रिक टन गेहूं, दवाएं, टीके
भारत की विकास परियोजनाएं 500 से अधिक
अफगान छात्रवृत्तियाँ (2023 से) लगभग 2,000 (600 महिलाएं)
UN प्रस्ताव पर भारत की स्थिति मतदान से दूरी (Abstained)
चिंता के आतंकवादी संगठन अल-कायदा, ISIL, LeT, JeM
शिक्षा सहयोगी देश भारत, ईरान, तुर्किए, मध्य एशियाई राष्ट्र
संपर्क रणनीति अफगानिस्तान के माध्यम से मध्य-दक्षिण एशिया को जोड़ना
India’s Nuanced Diplomacy on Afghanistan at the UN
  1. भारत ने 11 जुलाई, 2025 को अफ़ग़ानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया।
  2. यह प्रस्ताव जर्मनी द्वारा तालिबान के बाद के अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति से निपटने के लिए पेश किया गया था।
  3. भारत का यह निर्णय एक संतुलित कूटनीतिक रुख का संकेत देता है, जो अतिवाद से बचता है।
  4. अफ़ग़ानिस्तान की धरती से आतंकवाद भारत की शीर्ष रणनीतिक चिंता बना हुआ है।
  5. भारत ने अल-क़ायदा, आईएसआईएल, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को क्षेत्रीय ख़तरा बताया।
  6. राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने आतंकवाद-रोधी तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया।
  7. भारत सामान्य व्यापार और केवल प्रतिबंधों वाले दृष्टिकोण, दोनों का विरोध करता है।
  8. भारत प्रोत्साहन और दबाव, दोनों के माध्यम से जुड़ाव के एक मॉडल को प्राथमिकता देता है।
  9. ईरान, तुर्की और मध्य एशियाई देश अफ़ग़ान शिक्षा का समर्थन करने में भारत के साथ शामिल हुए।
  10. भारत की अफ़ग़ानिस्तान के साथ कोई सीधी सीमा नहीं है, लेकिन उसके प्रमुख क्षेत्रीय हित हैं।
  11. ईरान में चाबहार बंदरगाह, अफ़ग़ानिस्तान के लिए भारत का रणनीतिक प्रवेश द्वार है।
  12. अफ़ग़ानिस्तान का भूगोल भारत द्वारा समर्थित मध्य-दक्षिण एशिया संपर्क को सक्षम बनाता है।
  13. भारत ने 2021 से 50,000 से अधिक मीट्रिक टन गेहूँ और चिकित्सा सहायता भेजी है।
  14. भारत अफ़ग़ान महिलाओं के नशीली दवाओं के पुनर्वास पर UNODC के साथ साझेदारी कर रहा है।
  15. 2023 से, भारत ने 600 महिलाओं सहित 2,000 अफ़ग़ान छात्रों को छात्रवृत्ति की पेशकश की है।
  16. भारत स्थिरता के लिए एक सॉफ्ट पावर टूल के रूप में शिक्षा कूटनीति का समर्थन करता है।
  17. भारत ने सभी 34 अफ़ग़ान प्रांतों में 500 से अधिक विकास परियोजनाएँ पूरी की हैं।
  18. ये परियोजनाएँ स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा और खेल अवसंरचना से संबंधित हैं।
  19. भारत की दीर्घकालिक भूमिका मानवीय और विकासात्मक प्रतिबद्धताओं पर आधारित है।
  20. भारत क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक संपर्क को अफ़ग़ान शांति की कुंजी मानता है।

Q1. अफगानिस्तान पर 2025 संयुक्त राष्ट्र महासभा के मसौदा प्रस्ताव पर भारत की क्या स्थिति थी?


Q2. भारत ने अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाले खतरों के रूप में किन आतंकवादी संगठनों को चिन्हित किया?


Q3. 2025 में अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र चर्चा के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व किसने किया?


Q4. भारत ने अफगानिस्तान में कितने विकास परियोजनाएं पूरी की हैं?


Q5. भारत ने 2021 के बाद अफगानिस्तान को कौन सी बड़ी मानवीय सहायता दी है?


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