अपतटीय परमाणु संसाधनों के लिए नया नियामक ढांचा
भारत सरकार ने Offshore Areas Atomic Minerals Operating Right Rules, 2025 जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य समुद्री क्षेत्रों में परमाणु खनिजों के अन्वेषण और खनन को नियमित और सुगम बनाना है। यह नियम Offshore Areas Mineral (Development and Regulation) Act, 2002 के तहत बनाए गए हैं, जो परमाणु क्षेत्र से जुड़ी खनन गतिविधियों पर सख्त निगरानी सुनिश्चित करते हैं।
नियम केवल न्यूनतम सांद्रता वाले भंडारों पर लागू
इन नियमों को लागू करने के लिए परमाणु खनिजों की सांद्रता को एक न्यूनतम सीमा से अधिक होना अनिवार्य है। इससे कम मूल्य या अल्प भंडार वाली साइटों पर अनावश्यक खनन से बचा जा सकेगा। यह नीति संसाधनों के विवेकपूर्ण दोहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
केवल सरकारी स्वीकृति प्राप्त संस्थानों को लाइसेंस
केवल वे संस्थाएँ जो केंद्र सरकार द्वारा नामांकित होंगी, उन्हें ही अन्वेषण या उत्पादन लाइसेंस प्राप्त होंगे। यदि कोई विदेशी कंपनी इस कार्य में भाग लेना चाहती है, तो उसके लिए पूर्व सरकारी स्वीकृति अनिवार्य है। यह प्रावधान राष्ट्रीय रणनीतिक सुरक्षा की दृष्टि से रखा गया है।
यूरेनियम भंडार की रणनीतिक अहमियत
यूरेनियम भारत के न्यूक्लियर पॉवर रिएक्टरों के लिए एक मूलभूत ईंधन है। लेकिन देश में इसके भंडार सीमित हैं और गुणवत्ता भी अपेक्षाकृत कम है। भारत के कुछ प्रमुख यूरेनियम खनन स्थल हैं:
- जादूगुड़ा (झारखंड) – देश की पहली वाणिज्यिक खान
- बगजाता (झारखंड) और लांबापुर–पेड्डगट्टू (आंध्र प्रदेश) भी महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं
Static GK Fact: भारत में यूरेनियम खनन और प्रसंस्करण का कार्य Uranium Corporation of India Limited (UCIL) द्वारा किया जाता है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन कार्य करता है।
समुद्र तटों की थोरियम संपदा
भारत के तटीय क्षेत्रों, विशेषकर केरल, तमिलनाडु और ओडिशा में मोनाजाइट रेत के रूप में थोरियम की प्रचुरता है। वर्तमान में थोरियम का उपयोग सीमित है, लेकिन भविष्य में यह भारत की दीर्घकालिक परमाणु ऊर्जा योजनाओं का एक विकल्प ईंधन बन सकता है।
Static GK Tip: मोनाजाइट रेत में 8–10% तक थोरियम होता है, जिससे यह ऊर्जा योजना के लिए बहुमूल्य बन जाती है।
स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों से जुड़े परमाणु नियमन
ये नए नियम अपतटीय परमाणु संसाधनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं, लेकिन इसके साथ सरकारी नियंत्रण और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं। यह पहल भारत के फॉसिल ईंधनों पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ, सतत ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
लागू अधिनियम | Offshore Areas Mineral (Development and Regulation) Act, 2002 |
नियम का नाम | Offshore Areas Atomic Minerals Operating Right Rules, 2025 |
लागू कब | जब परमाणु खनिज सांद्रता न्यूनतम सीमा से अधिक हो |
प्रमुख यूरेनियम स्थल | जादूगुड़ा, बगजाता (झारखंड), लांबापुर-पेड्डगट्टू (आंध्र प्रदेश) |
भारत की पहली यूरेनियम खान | जादूगुड़ा (झारखंड) |
नियामक संस्था | यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL) |
थोरियम स्रोत | मोनाजाइट रेत (केरल, ओडिशा) |
मोनाजाइट में थोरियम | 8–10% |
लाइसेंस देने वाला निकाय | केंद्र सरकार |
विदेशी संस्थाओं की शर्त | पूर्व सरकारी मंजूरी अनिवार्य |